प्रेमानंद महाराज के बयान को साध्वी प्राची का समर्थन,, ‘बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड कल्चर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है’ — साध्वी प्राची,, ‘संत समाज को आईना दिखा रहे हैं, सच्चाई बोलना गुनाह नहीं’ — हिंदूवादी नेत्री सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध दोनों

इन्तजार रजा हरिद्वार- प्रेमानंद महाराज के बयान को साध्वी प्राची का समर्थन,,
‘बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड कल्चर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है’ — साध्वी प्राची,,
‘संत समाज को आईना दिखा रहे हैं, सच्चाई बोलना गुनाह नहीं’ — हिंदूवादी नेत्री
सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध दोनों
हरिद्वार/मेरठ। बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड कल्चर पर दिए गए संत प्रेमानंद महाराज के बयान को लेकर जहां देशभर में बहस छिड़ी हुई है, वहीं अब इस बयान को हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची का खुला समर्थन मिल गया है। प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक प्रवचन में कहा था कि “बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड की संस्कृति युवाओं का भविष्य खराब कर रही है और यह पाश्चात्य अंधानुकरण का परिणाम है।”
संत के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना भी शुरू हो गई थी। लेकिन अब साध्वी प्राची ने मैदान में उतरते हुए इस बयान को बिल्कुल सही ठहराया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रेमानंद महाराज ने जो कहा, वह समाज की सच्चाई है और अगर सच्चाई बोलना गुनाह है, तो वह यह गुनाह बार-बार करेंगी।
तल्ख तेवर में दिया बयान
साध्वी प्राची ने कहा कि, “आज की महिलाएं शादी के बाद भी बॉयफ्रेंड बनाए रखती हैं। मेरठ जैसी घटनाएं इसका उदाहरण हैं, जहां पत्नी ने अपने प्रेमी के लिए पति की हत्या कर दी। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्योंकि समाज में नैतिकता और संस्कारों की जगह अब ‘मॉडर्न सोच’ और ‘स्वतंत्रता की गलत परिभाषा’ ने ले ली है।”
उन्होंने कहा कि प्रेमानंद महाराज ने इस गिरते सामाजिक चरित्र पर चोट की है। “यदि कोई संत समाज को आईना दिखा रहा है, तो उस पर हमला क्यों हो रहा है? जो युवा पीढ़ी दिशा भूल रही है, उसे सुधारने की जरूरत है, न कि संतों को चुप कराने की।”
‘नारी स्वतंत्रता’ की नई परिभाषा पर सवाल
साध्वी प्राची ने नारी स्वतंत्रता की मौजूदा व्याख्या पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारियों को तिलांजलि दे दी जाए। उन्होंने कहा, “मातृत्व, पतिव्रता धर्म और पारिवारिक मूल्यों की आज अवहेलना हो रही है। अगर कोई संत यह कहता है कि ऐसे संबंध समाज को खोखला कर रहे हैं, तो उसे ग़लत ठहराना अपने आप में विडंबना है।”
सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध दोनों
जहां एक ओर कई लोग साध्वी प्राची के इस बयान को समर्थन दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे स्त्री विरोधी सोच बता रहे हैं। लेकिन साध्वी प्राची ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सच बोलने से पीछे नहीं हटेंगी।
यह पूरा विवाद केवल एक बयान भर नहीं है, बल्कि यह समाज की उस दिशा की ओर संकेत है जहां पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक जीवनशैली के बीच टकराव तेज़ हो चुका है। अब देखना होगा कि यह बहस समाज में कोई सकारात्मक बदलाव लाती है या महज़ एक और विवाद बनकर रह जाती है।