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धार्मिक नगरी में चला बुलडोजर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार में अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई धार्मिक स्थलों, घाटों, बाजारों और आम रास्तों से हटाया जा रहा अवैध कब्जा, श्रद्धालुओं को राहत

इन्तजार रजा हरिद्वार- धार्मिक नगरी में चला बुलडोजर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार में अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई
धार्मिक स्थलों, घाटों, बाजारों और आम रास्तों से हटाया जा रहा अवैध कब्जा, श्रद्धालुओं को राहत

हरिद्वार, 03 अगस्त 2025
उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों पर हरिद्वार में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमों ने धार्मिक स्थलों, घाटों, बाजारों और सार्वजनिक रास्तों पर फैले अवैध कब्जों को हटाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। इस सख्त कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं और आमजनमानस को सुगम आवाजाही, सुरक्षा और धार्मिक अनुभव में बाधा रहित व्यवस्था सुनिश्चित करना है।

अभियान की शुरुआत हर की पैड़ी, भीमगोड़ा, सुभाषघाट, अपर रोड, कनखल, रानीपुर मोड़ और आसपास के क्षेत्रों से की गई, जहां कई वर्षों से सार्वजनिक स्थानों पर टीन शेड, अवैध दुकानें, ठेले और पक्के निर्माण कर कब्जा किया गया था। इन अतिक्रमणों के कारण ना केवल श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुंचने में असुविधा होती थी, बल्कि यातायात व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो रही थी।

जनहित सर्वोपरि: प्रशासन ने दिखाई सख्ती
अभियान की कमान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने संभाली। दोनों अधिकारियों ने क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी हालत में सार्वजनिक स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण न होने पाए। इसके लिए संबंधित विभागों को नियमित निगरानी और पुनः अतिक्रमण करने वालों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।

कार्यवाही के दौरान यह देखा गया कि कुछ स्थानों पर लोग स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने को तैयार हो गए, जबकि कुछ जगह प्रशासन को बुलडोजर की मदद लेनी पड़ी। हटाए गए अतिक्रमणों में दुकानों के आगे बढ़ाए गए प्लेटफॉर्म, टीन शेड और अस्थायी ढांचे शामिल हैं।

मुख्यमंत्री स्वयं रख रहे हैं नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार प्रशासन की इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि, “हरिद्वार एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्थल है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक अनुभव को प्रभावित नहीं होने देना हमारा दायित्व है। अतिक्रमण सिर्फ एक अव्यवस्था नहीं, बल्कि आम नागरिक के अधिकारों का हनन भी है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़ी इन कार्रवाइयों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की रिपोर्ट समय-समय पर ले रहे हैं और अधिकारियों को लगातार निर्देशित कर रहे हैं।

व्यवस्थित हरिद्वार की दिशा में कदम
प्रशासन का कहना है कि यह केवल एक “एक्शन रेस्पॉन्स” नहीं बल्कि हरिद्वार को अतिक्रमण मुक्त और श्रद्धालु-केंद्रित नगर के रूप में विकसित करने की दिशा में उठाया गया स्थायी कदम है। अतिक्रमण हटने से अब घाटों तक पहुंचने वाले मार्ग चौड़े हो गए हैं, जिससे कांवड़ मेला, कुंभ, अर्द्धकुंभ और अन्य पर्वों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना आसान होगा। इसके अलावा यातायात में सुधार, व्यापारियों की वैध दुकानदारी और स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।

स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहां एक ओर स्थानीय दुकानदारों और कारोबारियों ने इस कार्यवाही को लेकर नाराजगी जताई है, वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक प्रशासन के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि घाटों और मंदिरों के आसपास की अव्यवस्था से लंबे समय से परेशानी हो रही थी, जो अब दूर होती नजर आ रही है।

अंतिम चेतावनी भी जारी
प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि जिन लोगों ने पहले अतिक्रमण हटाने के निर्देश के बावजूद अनदेखी की थी, उनके विरुद्ध भविष्य में जुर्माना और कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अतिक्रमण हटने के बाद जो स्थान खाली हुए हैं, वहां पुनः कब्जा न हो, इसके लिए निगरानी टीमों की तैनाती की गई है।

हरिद्वार को अतिक्रमण मुक्त, साफ-सुथरा और श्रद्धालुओं के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक नगरी की गरिमा, आमजन की सुविधा और कानून का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता है। अतिक्रमण के खिलाफ यह मुहिम अब एक स्थायी अभियान का रूप ले रही है, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी अपेक्षित है।

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