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ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम,, UREDA द्वारा ECSBC नियमों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ,, राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारी ले रहे सक्रिय भागीदारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम,,
UREDA द्वारा ECSBC नियमों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ,,
राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारी ले रहे सक्रिय भागीदारी

देहरादून, 06 अगस्त 2025।
उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA) द्वारा “ECSBC Compliance Rules and Simulation for Code Compliance” विषय पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज देहरादून स्थित YKM होटल एंड रिसॉर्ट्स, चमन विहार, सेवला कलां, माजरा में किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 06 एवं 07 अगस्त 2025 को आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में ऊर्जा संरक्षण के मानकों को मजबूत करना एवं संबंधित विभागों को नियमों की अनुपालन प्रक्रिया से अवगत कराना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए UREDA के निदेशक ने बताया कि भवन निर्माण और आधारभूत संरचनाओं में ऊर्जा दक्षता लागू करने के लिए ECSBC (Energy Conservation and Sustainable Building Code) अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कोड के अनुपालन से भवनों में ऊर्जा की खपत कम होगी तथा राज्य की जलवायु के अनुसार टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस प्रशिक्षण में उत्तराखंड सरकार के विभिन्न विभागों जैसे —
BRIDCUL, SIIDCUL, CPWD, PWD, RWD, PCB, MC, MDDA, UDD, UHUDA, TNCP, जल संस्थान आदि से आए अधिकारियों ने भाग लिया। इन विभागों की भूमिका राज्य में आधारभूत संरचना के निर्माण और संचालन में अहम होती है, ऐसे में इन अधिकारियों को ECSBC के तकनीकी पहलुओं, अनुपालन प्रक्रिया, सिमुलेशन टूल्स एवं व्यावहारिक उदाहरणों से अवगत कराया जा रहा है।

विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण सत्र में ऊर्जा सिमुलेशन सॉफ़्टवेयर, कोड अनुपालन की प्रक्रिया, भवनों में थर्मल परफॉर्मेंस की समीक्षा, तथा ग्रीन बिल्डिंग के मानकों पर व्याख्यान दिए। साथ ही, उन्हें केस स्टडीज के माध्यम से बताया गया कि किन तरीके से नियमों का प्रभावी क्रियान्वयन संभव है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे अधिकारियों ने बताया कि यह सत्र अत्यंत उपयोगी है क्योंकि यह न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है बल्कि नीतिगत फैसलों और योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।

UREDA द्वारा यह पहल राज्य में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने एवं राष्ट्रीय ऊर्जा नीति के अनुरूप निर्माण कार्यों में दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आगामी दिनों में इस तरह के और प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन राज्य के विभिन्न जिलों में किए जाने की योजना भी बनाई जा रही है।

कार्यक्रम का दूसरा दिन और भी तकनीकी एवं व्यावहारिक सत्रों के साथ ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में एक नई सोच विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

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