हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेन्द सिंह ने जिला कार्यालय सभागार में डेंगू की रोकथाम हेतु की समीक्षा बैठक
हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेन्द सिंह ने जिला कार्यालय सभागार में डेंगू की रोकथाम हेतु जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक लेते हुए दिये दिशा निर्देश।
हरिद्वार जनपद में डेंगू रोग पर प्रभावी अंकुश हेतु सभी अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य योजना को धरातलीय रूप देना सुनिश्चित करें। यह निर्देश जिलाधिकारी कर्मेन्द सिंह ने जिला कार्यालय सभागार में डेंगू की रोकथाम हेतु समीक्षा बैठक लेते हुए दिये।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मोसम के भरोसे न रहे, सभी अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य योजना को धरातल पर उतारना सुनिश्चित करें ताकि डेंगू का डंक जनपद में पाव न पसार सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को सौंपे गए दायित्वो का निर्वहन पूरी कुशलता व तत्परता से करने के निर्देश दिये।
उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि डेंगू रोग की कोई औषधि एवं वैक्सीन न होने के कारण सावधानी व जागरूकता ही बचाव का उपाय है। उन्होंने अपील की कि मच्छर के प्रजनन स्थलों को समाप्त करने के लिये अपने घरों में आस-पास साफ पानी एकत्र न होने दे। एकत्रित पानी को सप्ताह में एक बार साफ कर दें या ढक कर रखें। कूलर, फ्रिज की ट्रे, गमले, बेकार टायर आदि में पानी एकत्रित न होने दें।
नारियल के खोल, डिस्पोजल बर्तन आदि का समुचित निस्तारण किया जाये। छतों की टंकियों को ढक कर रखा जाये। यह मच्छर दिन के समय काटता है अतः शरीर को पूरा ढकने वाले वस्त्र पहने। घरों के दरवाजों व खिडकियों में जाली का प्रयोग किया जाये। मच्छर रोधी क्रीम, तेल, कॉयल आदि उन्होंने विशेश अपील की कि डेंगू रोग के लक्षण पाये जाने पर योग्य चिकित्सक से उपचार लिया जाये। बिना चिकित्सक के परामर्श के औषधि का सेवन न करें यह जानलेवा हो सकता है। डेंगू रोग के लक्षण होने पर निकटस्थ सार्वजनिक चिकित्सालयों में जाकर उपचार प्राप्त करें। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने निर्देशित करते हुए कहा कि इस वर्ष जनपद में डेंगू के कारण एक भी मृत्यु न हो और यह भी प्रयास किया जाये कि डेंगू के प्रकरणों की संख्या 50 से अधिक न पहुॅचने पाये। उन्होंने डेंगू की रोकथाम हेतु जनपद में तैनात 40 वॉलिन्टियर्स का रोस्टर जारी करने के निर्देश दिये।बैठक में एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार तोमर डेंगू के लक्षण के बारे में बताया कि डेंगू में तेज सिरदर्द व बुखार, मांस पेशियो तथा षरीर के जोडों में तेज दर्द (हड्डी तोड बुखार), आंॅखों के पीछे दर्द होना जो कि आंॅखें घुमाने से बढता है, जी मिचलाना व उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूडों से खून आना तथा त्वचा पर चकत्ते उभरना प्रमुख लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में अभी तक डेंगू के 6 प्रकरण सामने आ चुके हैं। उन्होंने डेंगू के प्रभावी रोकथाम हेतु अभी तक की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, एसडीएम अजयवीर सिंह, जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, सचिव रेडक्रॉस सोसाइटी डॉ.नरेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोश भण्डारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेठा, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत सहित सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।