दून इंटरनेशनल स्कूल के ‘SchoolPad’ प्लेटफॉर्म की हैकिंग का खुलासा,, एसटीएफ उत्तराखंड ने 3 साइबर ठगों को बरेली से दबोचा,, फर्जी इंटरफेस बनाकर अभिभावकों से ₹4990 की ठगी, करोड़ों के लेन-देन का खुलासा

इन्तजार रजा हरिद्वार- दून इंटरनेशनल स्कूल के ‘SchoolPad’ प्लेटफॉर्म की हैकिंग का खुलासा,,
एसटीएफ उत्तराखंड ने 3 साइबर ठगों को बरेली से दबोचा,,
फर्जी इंटरफेस बनाकर अभिभावकों से ₹4990 की ठगी, करोड़ों के लेन-देन का खुलासा
देहरादून, 09 अगस्त 2025 – एसटीएफ उत्तराखंड की साइबर क्राइम टीम ने तेज़ कार्रवाई करते हुए दून इंटरनेशनल स्कूल (DIS) के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “SchoolPad” हैकिंग और ठगी के मामले का खुलासा कर दिया है। इस ऑपरेशन में बरेली (उत्तर प्रदेश) से तीन मुख्य आरोपियों – मोहम्मद रिजवान, सुदामा दिवाकर और मोहम्मद फ़राज़ – को गिरफ्तार किया गया।
कैसे हुई साइबर ठगी
आरोपियों ने ऑफिशियल SchoolPad ऐप का फर्जी इंटरफेस तैयार किया, फिर तकनीकी तरीकों से असली प्लेटफॉर्म में हैकिंग कर तीनों शाखाओं (सिटी कैंपस, रिवरसाइड, मोहाली) के विद्यार्थियों का नाम, संपर्क नंबर और लॉगिन डेटा चुरा लिया। इसके बाद ₹4990/- की राशि “एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब” शुल्क के नाम पर विद्यार्थियों और अभिभावकों को भ्रामक संदेश भेजे गए, जो स्कूल की आधिकारिक सूचना जैसा दिखता था।
पुराना आपराधिक इतिहास और करोड़ों का लेन-देन
प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि ठगी में इस्तेमाल बैंक खातों में कुछ महीनों में ही करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ।
- मोहम्मद रिजवान के खिलाफ पहले से ही थाना इज्जतनगर, बरेली में IPC की कई धाराओं और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज है।
- सुदामा दिवाकर वर्ष 2023 में चोरी और माल ख़रीदने से जुड़े अपराध में जेल जा चुका है।
इसके अलावा, आरोपियों के खिलाफ देश के अन्य राज्यों में भी साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं।
बरामद सामान
- 04 मोबाइल फोन (अपराध में प्रयुक्त)
- 02 बैंक पासबुक
- 03 सिम कार्ड
पुलिस कार्रवाई और नेतृत्व
मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह के निर्देशन और एएसपी स्वप्न किशोर, डीएसपी अंकुश मिश्रा व निरीक्षक विकास भारद्वाज की टीम ने की। डेटा विश्लेषण, बैंक खातों की ट्रैकिंग और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों तक पहुँचा गया।
जनता से अपील
एसएसपी नवनीत सिंह ने अपील की है कि किसी भी तरह के लालच, फर्जी साइट, निवेश ऑफर, टिकट बुकिंग या ऑनलाइन जॉब स्कीम में बिना जांच निवेश न करें। संदेह होने पर तुरंत 1930 नंबर या नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।