जलभराव और अतिक्रमण की समस्या लेकर डीएम के जनता दरबार पहुँचे ग्रामीण ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वसीम मलिक सहित ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन, जल्द कार्रवाई की मांग जिलाधिकारी का आश्वासन – “सर्वे होगा और नियमानुसार अतिक्रमण हटेगा, मिलेगी राहत”

इन्तजार रजा हरिद्वार🚨 जलभराव और अतिक्रमण की समस्या लेकर डीएम के जनता दरबार पहुँचे ग्रामीण
📜 ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वसीम मलिक सहित ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन, जल्द कार्रवाई की मांग
🏛️ जिलाधिकारी का आश्वासन – “सर्वे होगा और नियमानुसार अतिक्रमण हटेगा, मिलेगी राहत”
हरिद्वार। विकासखण्ड बहादराबाद के ग्राम दादूपुर गोविन्दपुर के ग्रामीणों का सब्र अब टूटता नज़र आ रहा है। वर्षों से चली आ रही जलभराव, सड़क कटान और अवैध अतिक्रमण की समस्या को लेकर रविवार को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित के जनता दरबार में पहुँचा। ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल और ठोस कार्रवाई की मांग की।
🌊 जलभराव और कटान से पुल व मकानों पर खतरा
ज्ञापन में ग्राम प्रधान रेशमा जहाँ ने उल्लेख किया कि दादूपुर–गोविन्दपुर में रॉयल गेस्ट हाउस के सामने दादूपुर–सलेमपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर मिट्टी का कटान तेज़ी से बढ़ रहा है। कटान इतना गहरा हो चुका है कि पुल के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। आसपास बने मकानों की नींव भी कमजोर हो चुकी है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि लगभग 20 फीट लंबा नाला पूरी तरह टूट चुका है, जिससे जलभराव विकराल रूप ले चुका है। बरसात में हालात और गंभीर हो जाते हैं। ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि इस विषय में—
विकासखण्ड अधिकारी बहादराबाद , उप जिलाधिकारी हरिद्वार को
शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही से उनकी जान–माल पर संकट मंडरा रहा है।
🏚️ अवैध अतिक्रमण से जाम, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने ज्ञापन में दूसरी बड़ी समस्या का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि सिम्बल तिराहे से नूरी जामा मस्जिद तक दुकानदारों और कबाड़ियों ने नालियों पर टीन शेड डालकर कब्जा कर लिया है। इस कारण—
- नालियों की सफाई नहीं हो पाती,
- बरसात का पानी सड़क पर भर जाता है,
- घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है,
- स्कूल जाने वाले बच्चों और राहगीरों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस विषय में 4 फरवरी 2023, 26 अप्रैल 2025 और 11 अगस्त 2025 को भी लिखित शिकायतें की गईं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि “हम बार–बार प्रार्थना पत्र देकर थक चुके हैं। अब सिर्फ आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए।”
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दादुपुर गोविंदपुर बहादराबाद हरिद्वार वसीम मलिक ने कहा –
“गाँव की समस्या कोई नई नहीं है। हम कई बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुके हैं लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नाले के टूटने और जलभराव से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। पुल और आसपास के मकानों की नींव लगातार कमजोर हो रही है, कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं, अतिक्रमण ने नालियों को पूरी तरह जाम कर दिया है, जिससे बरसात में सड़कें तालाब जैसी हो जाती हैं। हम प्रशासन से सिर्फ आश्वासन नहीं बल्कि त्वरित कार्रवाई चाहते हैं, ताकि लोगों की सुरक्षा और जनजीवन दोनों बच सके।”
📢 प्रतिनिधिमंडल की चार प्रमुख माँगें
जनता दरबार में ग्रामीणों ने डीएम से साफ कहा कि अब वे “सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई” चाहते हैं। उनकी प्रमुख माँगें—
- जलभराव और कटान प्रभावित नाले व मार्ग की तत्काल मरम्मत हो।
- पुल और आसपास के मकानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- अवैध अतिक्रमण हटाकर नालियों की नियमित सफाई कराई जाए।
- आमजन और बच्चों को सुरक्षित व सुचारु मार्ग उपलब्ध कराया जाए।
“अब स्थिति विस्फोटक होती जा रही है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो जान–माल का नुकसान निश्चित है। प्रशासन को तुरंत ज़मीनी स्तर पर कदम उठाना होगा।”
🏛️ जिलाधिकारी का निर्देश – “सर्वे कर अतिक्रमण हटाएँ”
जनता दरबार में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा—
“एनक्रोचमेंट की शिकायतें मिली हैं, जिनमें विभागीय जमीन पर कब्जे का मामला भी शामिल है। दोनों ही मामलों में संबंधित विभागीय अधिकारियों को तुरंत निर्देश दिए गए हैं। आज ही समीक्षा भी की गई है कि राजस्व विभाग के अधिकारी और अन्य डिपार्टमेंटल टीम मौके पर जाकर सर्वे करें। जो भी अतिक्रमण पाया जाएगा, उसे नियम अनुसार हटाने की कार्रवाई होगी। नाले के मामले में भी संबंधित अधिकारी को मौके पर भेजा गया है।”

🌟 ग्रामीणों की उम्मीद – “इस बार मिलना चाहिए असली समाधान”
ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से कटान और अतिक्रमण जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी, बच्चों की पढ़ाई, व्यापार और यातायात सब पर असर पड़ रहा है। अब यदि जिलाधिकारी स्तर पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
👉 कुल मिलाकर, दादूपुर गोविन्दपुर की समस्या सिर्फ एक गाँव तक सीमित नहीं है बल्कि यह जनहित और जनसुरक्षा का मुद्दा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन कितनी तेजी और मजबूती से इन समस्याओं का स्थायी समाधान कर पाता है।