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आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में मजबूत कदम,, गैरसैंण विधानसभा में मुख्यमंत्री धामी ने प्रस्तुत किया ₹5315 करोड़ का अनुपूरक बजट,, युवाओं, महिलाओं, किसानों और पहाड़ी क्षेत्रों के समावेशी विकास पर विशेष जोर

इन्तजार रजा हरिद्वार- आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में मजबूत कदम,,

गैरसैंण विधानसभा में मुख्यमंत्री धामी ने प्रस्तुत किया ₹5315 करोड़ का अनुपूरक बजट,,

युवाओं, महिलाओं, किसानों और पहाड़ी क्षेत्रों के समावेशी विकास पर विशेष जोर

भराड़ीसैंण (गैरसैंण)। उत्तराखण्ड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹5315 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। यह बजट प्रदेश के चहुंमुखी विकास, जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति तथा “आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड-समृद्ध उत्तराखण्ड” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और ठोस कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से वार्ता में स्पष्ट किया कि यह बजट केवल राजस्व और व्यय का संकलन नहीं है, बल्कि राज्य के सतत एवं समावेशी विकास की दृष्टि को मूर्त रूप देने का दस्तावेज़ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को आत्मसात करते हुए यह अनुपूरक बजट तैयार किया गया है।

युवाओं और महिलाओं के लिए नए अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य फोकस राज्य की मानव पूंजी में निवेश करना है। युवाओं के लिए नए रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करने पर जोर दिया गया है। विभिन्न कौशल विकास योजनाओं, स्टार्ट-अप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।

महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण और प्रशिक्षण की सुविधा बढ़ाई जाएगी। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है।

किसानों और श्रमिकों को सहारा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसानों और श्रमिकों को राज्य की रीढ़ मानते हुए उनके कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। कृषि उत्पादन बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए विशेष बजटीय प्रावधान किए गए हैं।

श्रमिकों और गरीब वर्ग को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से आच्छादित करने, न्यूनतम मजदूरी लागू करने और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य व आवास सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में भी बजट को संवेदनशील बनाया गया है।

आपदा न्यूनीकरण और पर्यावरणीय संतुलन

उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन को इस बजट में विशेष महत्व दिया गया है। भू-धसाव, भूकंप जोखिम, स्प्रिंग मैपिंग और आपदा राहत कार्यों के लिए समुचित प्रावधान किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में “इकोलॉजी” और “इकोनॉमी” का संतुलन अनिवार्य है। इसी दृष्टिकोण से जल संरक्षण, वनों की सुरक्षा और पर्यावरणीय योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।


बुनियादी ढांचे और पर्यटन विकास पर जोर

अनुपूरक बजट में राज्य के बुनियादी ढांचे को आधुनिक स्वरूप देने पर भी बल दिया गया है। रिस्पना-बिन्दाल एलिवेटेड रोड, पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार और हरिद्वार में कुंभ मेला अवसंरचना विकास जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए बजट प्रावधान किए गए हैं।

पर्यटन विकास को राज्य की अर्थव्यवस्था की धुरी मानते हुए सरकार ने इसे प्राथमिकता में रखा है। ऋषिकेश को योग नगरी और हरिद्वार को आध्यात्मिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने का संकल्प इस बजट में स्पष्ट झलकता है। साथ ही, नन्दा राजजात यात्रा और शारदा रिवर फ्रंट जैसे सांस्कृतिक आयोजनों को भी नई दिशा देने का प्रावधान है।


सुरक्षा बलों और पत्रकार कल्याण कोष

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अनुपूरक बजट में सुरक्षा बलों और पत्रकारों के कल्याण को भी महत्व दिया गया है। पुलिसकर्मियों के आवास निर्माण, तीमारदारों के लिए विश्राम गृह तथा शहीद और पत्रकार कल्याण कोष के लिए राशि निर्धारित की गई है।

इसके साथ ही, स्वास्थ्य योजनाओं और प्रधानमंत्री आवास योजना को और व्यापक रूप में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे प्रदेश के वंचित और जरूरतमंद वर्गों को सीधा लाभ मिल सके।


जनता से सहभागिता का आह्वान

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुपूरक बजट उत्तराखण्ड को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक और सशक्त कदम है। उन्होंने राज्य की जनता से आह्वान किया कि वे इस विकास यात्रा में सक्रिय सहयोग करें।

धामी ने कहा, “यह बजट केवल आंकड़ों का नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की जनता के सपनों और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। हम सभी वर्गों को साथ लेकर राज्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

₹5315 करोड़ का यह अनुपूरक बजट राज्य के समग्र विकास को समर्पित है। इसमें युवाओं को अवसर, महिलाओं को सशक्तिकरण, किसानों को सहारा, श्रमिकों को सुरक्षा और पहाड़ी क्षेत्रों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की स्पष्ट रूपरेखा है। साथ ही, आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय संतुलन, पर्यटन विकास और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन को भी प्राथमिकता दी गई है।

मुख्यमंत्री धामी द्वारा प्रस्तुत यह बजट न केवल वर्तमान जरूरतों को पूरा करने की दिशा में कदम है, बल्कि आने वाले “नए उत्तराखण्ड” की नींव भी मजबूत करता है।

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