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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी सिंगटाली मोटर पुल को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति,, रेनू बिष्ट के दो दशक पुराने प्रयासों को मिली ऐतिहासिक सफलता,, यमकेश्वर विधानसभा की जनता को मिला बड़ा विकास उपहार

इन्तजार रजा हरिद्वार- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी सिंगटाली मोटर पुल को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति,,

रेनू बिष्ट के दो दशक पुराने प्रयासों को मिली ऐतिहासिक सफलता,,

यमकेश्वर विधानसभा की जनता को मिला बड़ा विकास उपहार

✍️ विशेष रिपोर्ट – Daily Live Uttarakhand

यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुप्रतीक्षित सिंगटाली मोटर पुल के निर्माण हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह पुल न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि आसपास के गांवों और इलाकों के लिए भी जीवन रेखा साबित होगा। लंबे समय से अटके इस प्रोजेक्ट के स्वीकृत होने से स्थानीय जनता में हर्ष और उत्साह का माहौल है।

इस उपलब्धि के पीछे विधायक रेनू बिष्ट का लगातार दो दशकों से चला आ रहा संघर्ष और मुख्यमंत्री धामी की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता है। एक ओर रेनू बिष्ट ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही इस मांग को प्राथमिकता दी, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री धामी ने जनता की वर्षों पुरानी समस्या को समझते हुए निर्णायक कदम उठाया।

📌 पुल निर्माण की 20 साल पुरानी गाथा

सिंगटाली मोटर पुल कोई साधारण मांग नहीं थी। यह मुद्दा वर्ष 2006 में उठा, जब कुछ स्थानीय लोग अपनी कठिनाइयों को लेकर तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख रेनू बिष्ट के पास पहुंचे। ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

  • उस समय 15 करोड़ 75 लाख रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति सड़क व पुल निर्माण के लिए मिल भी गई थी।
  • सड़क का निर्माण तो हो गया, लेकिन पुल विवादों में उलझ गया और कार्य अधर में लटक गया।
  • वर्ष 2007-08 में रेनू बिष्ट का ब्लॉक प्रमुख कार्यकाल समाप्त हो गया और उसके बाद यह प्रोजेक्ट पूरी तरह ठप हो गया।

लगभग 20 वर्षों तक यह सपना अधूरा रहा। लेकिन 2022 में जब रेनू बिष्ट विधायक बनीं, तो उन्होंने इसे अपने शीर्ष प्राथमिकता वाले कार्यों में शामिल किया।

📌 रेनू बिष्ट का संकल्प और संघर्ष

रेनू बिष्ट ने अपने पहले ही विधानसभा कार्यकाल में जनता से वादा किया था कि उनकी प्राथमिकता ऐसे कार्य होंगे, जिनकी मांग दशकों से अधूरी पड़ी है। सिंगटाली पुल इन्हीं प्रमुख मांगों में से एक था।

उन्होंने इस मुद्दे को कई बार मुख्यमंत्री, सचिवालय और संबंधित विभागों के समक्ष उठाया।

  • 2022 में मुख्यमंत्री धामी द्वारा प्रत्येक विधायक से 10 प्रमुख मांगें मांगी गईं, तो रेनू बिष्ट ने सिंगटाली मोटर पुल को अपनी सूची में शामिल किया।
  • 21 नवंबर 2022 को जयहरीखाल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं मंच से इस पुल की घोषणा की।
  • 6 सितंबर 2024 को रेनू बिष्ट ने पुनः मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पुल के महत्व की ओर ध्यान आकृष्ट किया।
  • 24 अक्टूबर 2024 को न्यार उत्सव के दौरान भी उन्होंने मंच से निवेदन किया, जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया।

यह उनकी लगातार मेहनत और धैर्य का ही परिणाम है कि अंततः 2025 में पुल को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई

📌 मुख्यमंत्री धामी की निर्णायक भूमिका

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यकाल में हमेशा जनता की प्राथमिक आवश्यकताओं को महत्व दिया है। धामी सरकार की विशेषता रही है कि घोषणाओं को केवल मंच पर बोलकर छोड़ना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना।

  • सिंगटाली मोटर पुल का मामला भी इसी सोच का उदाहरण है।
  • धामी ने विधायक की मांग को गंभीरता से लिया और संबंधित विभागों को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए।
  • पुल की तकनीकी समस्याओं और लागत में वृद्धि के बावजूद मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी।

धामी का यह निर्णय न केवल यमकेश्वर बल्कि पूरे पौड़ी जनपद के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

📌 क्षेत्र की जनता की प्रतिक्रिया

सिंगटाली मोटर पुल की स्वीकृति के बाद क्षेत्र की जनता ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें यात्रा में आसानी, सड़क संपर्क में सुधार और आपातकालीन परिस्थितियों में राहत मिलेगी।

  • छात्र-छात्राओं को स्कूल-कॉलेज आने-जाने में सहूलियत होगी।
  • किसानों को अपनी उपज बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी।
  • स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच तेज़ और सुगम होगी।
  • पर्यटन की संभावनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह पुल क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।

📌 अन्य प्रमुख कार्य भी हो रहे पूरे

रेनू बिष्ट ने कहा है कि उनका पहला कार्यकाल जनता की पुरानी मांगों को पूरा करने के लिए समर्पित है। सिंगटाली पुल के अलावा भी कई कार्य पूरे हो रहे हैं—

  • बीन नदी पर पुल का निर्माण।
  • कौड़ियां–किमसार मोटर मार्ग।
  • दुगड्डा अस्पताल का उच्चीकरण।
  • यमकेश्वर ब्लॉक मुख्य मार्ग का सुधार।
  • ग्राम कुनाऊ और ऐता से बल्ली मोटर मार्ग।
  • यमकेश्वर मंदिर के पास रपटा निर्माण।

इन कार्यों के पूरे होने से जनता का विश्वास और मजबूत हुआ है।

📌 जनता का विश्वास – विकास की असली ताकत

रेनू बिष्ट ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यदि लोग उनका साथ और आशीर्वाद ऐसे ही देते रहे, तो यमकेश्वर की दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान संभव होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक किसी प्रोजेक्ट को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति न मिल जाए, वे सोशल मीडिया पर जनता को सूचना साझा नहीं करतीं।

उनका मानना है कि सच्चे मायनों में जनता को खुशखबरी तभी देनी चाहिए, जब योजना कागज से निकलकर धरातल पर आने के लिए तैयार हो।

📌 सिंगटाली मोटर पुल की स्वीकृति केवल एक पुल का निर्माण नहीं है, बल्कि यह यमकेश्वर विधानसभा की विकास यात्रा का नया अध्याय है। यह स्वीकृति बताती है कि जब जनप्रतिनिधि संघर्षशील हों और सरकार प्रतिबद्ध, तो वर्षों पुरानी समस्याएं भी हल हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधायक रेनू बिष्ट की इस साझी पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि राजनीति केवल वादों तक सीमित नहीं, बल्कि जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम भी है।

यह पुल आने वाले समय में न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक परिस्थितियों को भी नई ऊँचाई देगा। वास्तव में यह यमकेश्वर की जनता के लिए विकास का स्वर्णिम सेतु साबित होगा।

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