19 वर्षीय युवती सानिया की मौत से फूटा गुस्सा,, खामियों से घिरा एसआर मेडिसिटी अस्पताल सील,, मरीज शिफ्ट, जांच में डॉक्टरों की भूमिका संदेह के घेरे में

इन्तजार रजा हरिद्वार- 19 वर्षीय युवती सानिया की मौत से फूटा गुस्सा,,
खामियों से घिरा एसआर मेडिसिटी अस्पताल सील,,
मरीज शिफ्ट, जांच में डॉक्टरों की भूमिका संदेह के घेरे में
कनखल स्थित एसआर मेडिसिटी अस्पताल को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने शनिवार को सील कर दिया। कार्रवाई उस समय हुई जब अस्पताल में भर्ती 19 वर्षीय युवती सानिया पुत्री गुलबहार निवासी अहबाब नगर ज्वालापुर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
खामियां उजागर, अस्पताल सील
मामले की सूचना मिलते ही एसडीएम जितेंद्र सिंह और सीएमओ हरिद्वार की टीम मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में कई खामियां सामने आने पर अस्पताल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। इस दौरान अस्पताल में भर्ती पांच मरीजों को सुरक्षित अन्य अस्पतालों में शिफ्ट कराया गया।
परिजनों का आरोप – इंजेक्शन के बाद बिगड़ी हालत
परिजनों के अनुसार सानिया को शुक्रवार सुबह तेज पेट दर्द की शिकायत पर एसआर मेडिसिटी में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान जब उसे एक इंजेक्शन लगाया गया, तो उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। आरोप है कि डॉक्टरों ने समय रहते उचित इलाज नहीं किया और लापरवाही बरती, जिससे युवती की मौत हो गई।
डॉक्टर मौके से फरार, एफआईआर की मांग
मृतका के परिजन गुस्से में हैं और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर अस्पताल से फरार हो गए। वहीं प्रबंधन से संपर्क की कोशिशें भी नाकाम रहीं।
प्रशासन ने जांच समिति बनाई
सीएमओ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम गठित कर दी है, जो पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच करेगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि लापरवाही साबित होने पर अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदार चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्र में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
इस घटना से स्थानीय लोगों और मृतका के परिजनों में गहरा आक्रोश है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि निजी अस्पतालों में आए दिन लापरवाही की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और डॉक्टरों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती। इस बार जनता मांग कर रही है कि इस लापरवाही को उदाहरण बनाकर कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
सानिया की मौत ने निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें स्वास्थ्य विभाग की जांच और प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।