धामी सरकार का अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्यवाही का असर, बुल्डोजर से पहले खुद हटाई अवैध मजार ,प्रशासन ने स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने वालों की सराहना कर स्वागत किया,, डीएम मयूर दीक्षित का संदेश – अवैध कब्जा हटाएं, अन्यथा होगी सख्त कार्रवाई
लक्सर रोड स्थित कटारपुर अलीपुर गांव में प्रशासन की टीम हाल ही में सर्वे के लिए पहुंची। जब संचालकों से जमीन और निर्माण संबंधी अनुमति पत्र मांगे गए तो वे कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए। प्रशासनिक दबाव और नोटिस मिलने के बाद संचालक की पत्नी और अन्य परिजनों ने स्वयं ही ढांचे को तोड़ना शुरू कर दिया। यह देखकर मौके पर मौजूद टीम ने इसे सकारात्मक पहल माना।

इन्तजार रजा हरिद्वार : धामी सरकार का अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्यवाही का असर, बुल्डोजर से पहले खुद हटाई अवैध मजार ,प्रशासन ने स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने वालों की सराहना कर स्वागत किया,,
डीएम मयूर दीक्षित का संदेश – अवैध कब्जा हटाएं, अन्यथा होगी सख्त कार्रवाई
हरिद्वार। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त नीतियों का असर अब हरिद्वार जनपद में भी स्पष्ट दिखाई देने लगा है। जिले में चल रहे सर्वे अभियान के दौरान प्रशासन ने कई अवैध धार्मिक ढांचे चिन्हित किए, जिसके बाद कुछ लोगों ने खुद ही अवैध मजारों को हटाने का निर्णय लिया। प्रशासन ने ऐसे कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज के लिए उदाहरण है। वहीं, स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए समर्थन जताया।
सर्वे के दौरान खुद ही हटाई गई मजार
लक्सर रोड स्थित कटारपुर अलीपुर गांव में प्रशासन की टीम हाल ही में सर्वे के लिए पहुंची। जब संचालकों से जमीन और निर्माण संबंधी अनुमति पत्र मांगे गए तो वे कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए। प्रशासनिक दबाव और नोटिस मिलने के बाद संचालक की पत्नी और अन्य परिजनों ने स्वयं ही ढांचे को तोड़ना शुरू कर दिया। यह देखकर मौके पर मौजूद टीम ने इसे सकारात्मक पहल माना।
प्रशासन ने की सराहना
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि जो लोग स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाते हैं, वे न केवल प्रशासन का सहयोग करते हैं बल्कि समाज में मिसाल भी कायम करते हैं। उन्होंने कहा –
“कटारपुर अलीपुर की घटना सराहनीय है। ऐसे लोग समाज में सकारात्मक संदेश देते हैं। लेकिन यदि कोई स्वयं नहीं हटाएगा तो प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगा।”
जिले में 30 से अधिक अवैध ढांचे चिन्हित
हरिद्वार जिले में अब तक 30 से अधिक अवैध धार्मिक संरचनाएं चिन्हित की गई हैं। कई जगह नोटिस जारी हो चुके हैं और जवाब मांगा जा रहा है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यदि लोग खुद ही ढांचे नहीं हटाएंगे तो बुलडोजर कार्रवाई से कोई बच नहीं पाएगा।
धामी सरकार की उपलब्धि – 545 अवैध मजार हटाई गईं
प्रदेश में अब तक 545 अवैध मजारें हटाई जा चुकी हैं। विशेष बात यह रही कि इनमें से किसी भी ढांचे में धार्मिक अवशेष नहीं मिले। इससे स्पष्ट हो गया कि इनका उद्देश्य केवल सरकारी भूमि पर कब्जा कर लाभ कमाना था।
स्थानीय ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
कटारपुर अलीपुर के ग्रामीणों ने इस कदम का समर्थन किया।
- एक (ग्रामीण) ने कहा, “यह अच्छी पहल है। सरकारी जमीन सबकी होती है। अगर लोग खुद ही ढांचा हटा रहे हैं तो विवाद की स्थिति नहीं बनेगी।”
- एक(स्थानीय निवासी) बोले, “धार्मिक आस्था के नाम पर कब्जा गलत है। प्रशासन ने सही किया कि पहले नोटिस दिया और समय दिया। लोगों का खुद ढांचा हटाना स्वागत योग्य है।”
- (महिला स्थानीय निवासी) ने कहा, “गांव में अब सबको समझ आ रहा है कि अवैध कब्जा टिकने वाला नहीं। यह कदम आने वाली पीढ़ी के लिए उदाहरण बनेगा।”
डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित का स्पष्ट संदेश
डीएम मयूर दीक्षित ने कहा –
“राज्य सरकार की भूमि, वन भूमि या सिंचाई विभाग की भूमि – किसी पर भी अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं होगा। कटारपुर अलीपुर का मामला यह दर्शाता है कि लोग खुद भी प्रशासन की मंशा को समझ रहे हैं। स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाना सबसे अच्छा तरीका है, अन्यथा प्रशासन कड़ी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।”
भविष्य की तैयारी
जिले की चारों तहसीलों में विशेष टीमें लगातार सक्रिय हैं। प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है कि कितनी जमीन मुक्त हुई। आने वाले समय में प्रशासन अन्य क्षेत्रों में भी यह अभियान तेज करेगा।
