भगवानपुर में झोलाछाप क्लीनिक का काला खेल डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों में उबाल

इन्तजार रजा हरिद्वार- भगवानपुर में झोलाछाप क्लीनिक का काला खेल
डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों में उबाल
हरिद्वार जनपद के भगवानपुर थाना क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और झोलाछाप डॉक्टरों के काले कारोबार ने एक मासूम जिंदगी की बलि ले ली। रायपुर गांव में किराए की दुकान पर चल रहे अवैध क्लीनिक में डिलीवरी के दौरान 23 वर्षीय विवाहिता किरण और उसके नवजात की मौत हो गई। यह घटना न केवल क्षेत्र में सनसनी फैलाने वाली है बल्कि स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही को भी उजागर करती है।
बारिश बनी मौत का सबब
जानकारी के मुताबिक, मृतका किरण अल्मोड़ा जिले के धौलाघाट की रहने वाली थी और हाल ही में भगवानपुर आई थी। बुधवार शाम भारी बारिश के कारण जब उसे प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजन मजबूरन नजदीकी तथाकथित क्लीनिक पर ले गए। वहां दो महिलाएं क्लीनिक संचालित कर रही थीं, जिन्होंने डिलीवरी कराने का भरोसा दिलाया। लेकिन इलाज के दौरान अचानक महिला और नवजात की हालत बिगड़ गई। कुछ ही देर में दोनों की मौत हो गई।
मौत के बाद भाग खड़े हुए झोलाछाप
जैसे ही मौत की खबर फैली, क्लीनिक चलाने वाली महिलाएं और उनका स्टाफ मौके से फरार हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह क्लीनिक किसी 10×15 फीट की दुकान में बिना बोर्ड और बिना डॉक्टर की डिग्री के चल रहा था। खिड़कियों पर काला शीशा लगाकर इलाज किया जाता था। यहां तक कि डिलीवरी जैसे गंभीर मामलों को भी बिना अनुमति और सुविधा के कराया जा रहा था।
स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि भगवानपुर और आसपास बड़ी संख्या में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग आंख मूंदे बैठा है। लोगों में चर्चा है कि ऐसे डॉक्टर विभाग को हर महीने अवैध वसूली का हिस्सा देते हैं, जिससे उनका धंधा फल-फूल रहा है। इस घटना ने विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
घटना की सूचना मिलते ही भगवानपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उपनिरीक्षक शहजाद अली ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि क्षेत्र में बिना अनुमति चल रहे क्लीनिकों की जांच कराई जाएगी और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
आक्रोशित ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही पहले भी कई लोगों की जिंदगी छीन चुकी है। लोग मांग कर रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग तत्काल सख्त कार्रवाई करे और अवैध क्लीनिकों पर शिकंजा कसे।
भगवानपुर में जच्चा-बच्चा की मौत की यह घटना सरकार और स्वास्थ्य महकमे के लिए चेतावनी है। यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो झोलाछापों का यह कारोबार और कई मासूमों की जान ले सकता है।