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उत्तराखंड में आपदा का बड़ा प्रहार,, 5700 करोड़ से अधिक का नुकसान, कई विभागों की व्यवस्था ध्वस्त,, धामी सरकार ने केंद्र से 1944 करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में आपदा का बड़ा प्रहार,,

5700 करोड़ से अधिक का नुकसान, कई विभागों की व्यवस्था ध्वस्त,,

धामी सरकार ने केंद्र से 1944 करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की

उत्तराखंड। पहाड़ों पर आई प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था और संरचनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है। अब तक के आकलन के अनुसार राज्य को 5700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। सड़कें टूट गईं, पुल बह गए और विभागीय परिसंपत्तियों को गंभीर क्षति हुई है। हालात का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश सरकार की ओर से विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी है। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने 1944 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग की है।

सबसे ज्यादा चोट सड़क और पुलों पर

आपदा से सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है। विभाग की परिसंपत्तियों को अकेले 1164 करोड़ रुपये की क्षति का आकलन किया गया है। प्रदेश के कई मार्ग भूस्खलन और मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। आपदा ने गांवों और शहरों को जोड़ने वाली कई सड़कों को तबाह कर दिया है। जिससे न केवल यातायात प्रभावित हुआ बल्कि राहत एवं बचाव कार्यों में भी भारी कठिनाइयां सामने आईं।

अन्य विभागों में भी भारी नुकसान

आपदा का असर केवल सड़क संरचनाओं तक सीमित नहीं रहा बल्कि अन्य विभाग भी इसकी चपेट में आए। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार –

  • सिंचाई विभाग को लगभग 266.65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
  • ऊर्जा विभाग की संरचनाओं को 123.17 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
  • स्वास्थ्य विभाग की परिसंपत्तियों को 4.57 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
  • विद्यालयी शिक्षा विभाग को 68.28 करोड़ रुपये, जबकि उच्च शिक्षा विभाग को 9.04 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया।
  • मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़ रुपये, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़ रुपये, शहरी विकास विभाग को 4 करोड़ रुपये, और पशुपालन विभाग को 23.06 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
  • इसके अलावा अन्य विभागीय परिसंपत्तियों को मिलाकर लगभग 213.46 करोड़ रुपये की क्षति का आकलन किया गया है।

इस तरह सभी विभागों को मिलाकर करीब 1944.15 करोड़ रुपये का नुकसान सीधे तौर पर दर्ज किया गया है।

धामी सरकार की केंद्र से मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश की विकास योजनाओं को गहरा झटका दिया है। राज्य सरकार अपने स्तर पर राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में जुटी है, लेकिन नुकसान का पैमाना बहुत बड़ा है। इसलिए केंद्र सरकार से 1944 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग की गई है।

सीएम धामी ने आशा जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय उत्तराखंड की कठिनाइयों को समझते हुए शीघ्र ही पैकेज जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर आपदा प्रभावित परिवार तक राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

आपदा से जूझता उत्तराखंड

इस बार की आपदा ने यह साफ कर दिया है कि पर्वतीय राज्य को आपातकालीन प्रबंधन और आधारभूत संरचना पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। लगातार हो रहे भूस्खलन, नदियों में उफान और पुलों के टूटने जैसी घटनाओं ने हजारों परिवारों को प्रभावित किया है। किसानों की फसलें चौपट हुई हैं, कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप रही, जबकि स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।

जनता की उम्मीदें

आपदा प्रभावित लोग अब केंद्र सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। आम नागरिकों का कहना है कि अगर जल्द ही राहत पैकेज जारी नहीं हुआ तो पुनर्निर्माण कार्यों में देरी हो जाएगी और उनकी समस्याएं और बढ़ जाएंगी। वहीं, धामी सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्र से सहयोग मिलने पर राहत और पुनर्वास कार्य तेज किए जाएंगे।

उत्तराखंड की आपदा एक बार फिर यह याद दिलाती है कि पर्वतीय प्रदेशों को विशेष ध्यान और अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता है। धामी सरकार की ओर से केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट और आर्थिक पैकेज की मांग इस दिशा में एक अहम कदम है। अब सबकी नजरें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हैं, जिससे तय होगा कि आपदा प्रभावित राज्य कितनी तेजी से सामान्य स्थिति की ओर लौट पाएगा।

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