उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि जारी,, संदिग्धों पर शिकंजा, 1182 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई,, सीएम धामी बोले– देवभूमि में घुसपैठ और धर्मांतरण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि जारी,,
संदिग्धों पर शिकंजा, 1182 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई,,
सीएम धामी बोले– देवभूमि में घुसपैठ और धर्मांतरण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं

सीएम धामी का सख्त संदेश – देवभूमि में नहीं टिक पाएंगे घुसपैठिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि उत्तराखंड की सुरक्षा और सांस्कृतिक अस्मिता के लिए एक निर्णायक कदम है। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि—
- “उत्तराखंड में अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान और धर्मांतरण जैसी गतिविधियाँ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”
- “राज्य को सांप्रदायिक सौहार्द और आस्था की भूमि बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है, और इसमें किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा।”
धामी ने यह भी कहा कि पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और आने वाले समय में यह ऑपरेशन और तेज होगा।
देवभूमि की सुरक्षा और आस्था की रक्षा का मिशन
आईजी निलेश आनंद भरणे ने प्रेसवार्ता में कहा कि ऑपरेशन कालनेमि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर पिछले दो माह से चल रहा है। इस अभियान का उद्देश्य है—
- देवभूमि की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा।
- अवैध और असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसना।
- फर्जी पहचान और संदिग्ध नेटवर्क का खुलासा करना।
उन्होंने बताया कि कई जगहों पर फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य पहचान पत्रों के जरिए रह रहे लोग पकड़े गए हैं। देहरादून का बड़ा मामला तब सामने आया जब पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को डॉक्टर बनकर काम करते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों से पहचान बनाई थी और उसके संबंध संदिग्ध नेटवर्क से जुड़े पाए गए।
प्रदेशभर में व्यापक कार्रवाई, हरिद्वार और देहरादून में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी
जिलेवार सत्यापन और कार्रवाई के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा सक्रियता हरिद्वार और देहरादून में रही।
- हरिद्वार में 2704 व्यक्तियों का सत्यापन हुआ, जिनमें से 3 की गिरफ्तारी हुई।
- देहरादून में 922 व्यक्तियों का सत्यापन हुआ और 5 गिरफ्तारियां की गईं।
- अन्य जिलों में भी संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ निवारक कार्रवाई की गई।
जिलेवार कार्रवाई (सत्यापन के आंकड़े)
- उत्तरकाशी – 167
- टिहरी – 299
- चमोली – 90
- रुद्रप्रयाग – 82
- पौड़ी – 206
- देहरादून – 922
- हरिद्वार – 2704
- अल्मोड़ा – 64
- बागेश्वर – 115
- चंपावत – 34
- पिथौरागढ़ – 168
- नैनीताल – 463
- उधमसिंह नगर – 167
SIT गठित, पुलिस का सख्त रुख
आईजी भरणे ने कहा कि इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित की गई है। यह टीम लगातार संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रख रही है और जिलों से मिली सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने साफ किया कि ऑपरेशन कालनेमि केवल सत्यापन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तहत धोखाधड़ी, धर्मांतरण और असामाजिक गतिविधियों पर भी कार्रवाई हो रही है।
जनता की सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा
पुलिस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इस अभियान का मकसद किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाना नहीं है। यह केवल राज्य की सुरक्षा, जनता की आस्था और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे संदिग्ध लोगों और गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
नतीजा और आगे की रणनीति
अब तक के नतीजों से साफ है कि ऑपरेशन कालनेमि ने अवैध रूप से रह रहे लोगों, फर्जी दस्तावेजों के सहारे घुसपैठ करने वालों और संदिग्ध नेटवर्क पर बड़ा वार किया है।
- 1182 कानूनी कार्रवाई इस अभियान की सफलता का सबूत है।
- बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी से विदेशी नेटवर्क का खतरा उजागर हुआ है।
- धर्म परिवर्तन और ठगी के मामले समाज में असुरक्षा फैलाने वाले तत्वों को बेनकाब करते हैं।
👉 सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 
“उत्तराखंड देवभूमि है, यहाँ किसी भी प्रकार की अवैध घुसपैठ, धर्मांतरण या असामाजिक गतिविधियों को जगह नहीं मिलेगी। ऑपरेशन कालनेमि हमारी सांस्कृतिक अस्मिता और जनता की सुरक्षा के लिए चलाया जा रहा है। पुलिस को निर्देश है कि ऐसे तत्वों पर पूरी सख्ती से कार्रवाई करें।” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
👉 आईजी निलेश आनंद भरणे ने कहा कि
“ऑपरेशन कालनेमि हमारी देवभूमि को सुरक्षित रखने का मिशन है। यह किसी समाज या वर्ग विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि अवैध और संदिग्ध तत्वों के खिलाफ है। अब तक 1182 कानूनी कार्रवाइयाँ और कई गिरफ्तारियां हुई हैं। पुलिस हर हाल में प्रदेश की सुरक्षा और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करेगी।” – आईजी निलेश आनंद भरणे