हंस फाउंडेशन के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र घोटाला,, मेडिकल छात्रों से ठगी कर लाखों की उगाही, अस्पताल ने पत्र बताए फर्जी,, हंस फाउंडेशन ने दर्ज कराई शिकायत, छात्रों ने भी रानीपुर कोतवाली में दी तहरीर, पुलिस ने शुरू की जांच,, हंस फाउंडेशन (एच आर सृष्टि बिष्ट) ने किया खंडन, बहादराबाद पुलिस को दिया FIR दर्ज कराने का पत्र

इन्तजार रजा हरिद्वार- हंस फाउंडेशन के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र घोटाला,,
मेडिकल छात्रों से ठगी कर लाखों की उगाही, अस्पताल ने पत्र बताए फर्जी,,
हंस फाउंडेशन ने दर्ज कराई शिकायत, छात्रों ने भी रानीपुर कोतवाली में दी तहरीर, पुलिस ने शुरू की जांच,,
हंस फाउंडेशन (एच आर सृष्टि बिष्ट) ने किया खंडन, बहादराबाद पुलिस को दिया FIR दर्ज कराने का पत्र
हरिद्वार। जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें हंस फाउंडेशन के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर छात्रों से ठगी की गई। यह मामला गढमीरपुर गांव से जुड़ा है, जहां एक युवक ने प्रतिष्ठित संस्था का नाम और लोगो का दुरुपयोग कर मेडिकल कोर्स कर रहे छात्रों को नौकरी का लालच दिया। जब मामला खुला तो न केवल छात्रों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा बल्कि हंस फाउंडेशन की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठने लगे।
छात्रों को नौकरी का लालच देकर लाखों की ठगी
भगवानपुर निवासी राशिद नामक युवक ने खुद को हंस फाउंडेशन और एमएच हॉस्पिटल रुड़की से जुड़ा बताते हुए करीब एक दर्जन छात्रों को झांसे में लिया। राशिद ने दावा किया कि उसके प्रभावशाली संपर्कों के जरिए अस्पताल में नौकरी लग सकती है, बशर्ते छात्र अग्रिम राशि दें। भरोसा कर पंकज, मोईन, सालेज, जीशान, नूर आलम, ईरफान और गुड्डू समेत कई छात्रों ने करीब 1.35 लाख रुपये राशिद को सौंप दिए।
यही नहीं, आरोपी ने छात्रों को 22 अगस्त 2025 की ज्वाइनिंग डेट वाला नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। छात्र जब निर्धारित तिथि को एमएच हॉस्पिटल पहुंचे तो प्रबंधन ने उन पत्रों को फर्जी बताते हुए किसी भी भर्ती से साफ इनकार कर दिया। इसी के साथ ठगी का सच उजागर हुआ।
पुलिस में तहरीर, न्याय की उम्मीद
छात्रों ने राशिद पर ठगी और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए रानीपुर कोतवाली की सुमन नगर चौकी में तहरीर दी। पीड़ितों ने मांग की कि आरोपी को गिरफ्तार कर उनके साथ न्याय किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
छात्रों का कहना है कि राशिद अब उनके फोन तक नहीं उठा रहा है और लगातार फरार है। पीड़ित परिवारों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है।
हंस फाउंडेशन ने किया खंडन, FIR दर्ज कराने का पत्र
दूसरी ओर, द हंस फाउंडेशन हॉस्पिटल, बहादराबाद प्रबंधन ने इस पूरे मामले से खुद को पूरी तरह अलग बताया है। संस्थान के अनुपालन विभाग के प्रबंधक अमित कुमार ने थाना बहादराबाद में पत्र देकर स्पष्ट किया कि हंस फाउंडेशन द्वारा किसी भी प्रकार का नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया।
पत्र में कहा गया है कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा संस्था के नाम और लोगो का अवैध उपयोग कर फर्जी जॉब ऑफर लेटर तैयार किए गए और डिजिटल कॉपी में भेजे गए। इन पत्रों का प्रारूप और डिज़ाइन भी फाउंडेशन का नहीं है। यह कृत्य जालसाजी, धोखाधड़ी और विश्वासघात की श्रेणी में आता है।
हंस फाउंडेशन ने FIR दर्ज कर दोषियों की पहचान और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पत्र के साथ संस्थान ने फर्जी नियुक्ति पत्र की कॉपी और वास्तविक लेटरहेड भी संलग्न किए हैं।
संस्थान की प्रतिक्रिया – हंस फाउंडेशन की छवि को नुकसान की कोशिश
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए हंस फाउंडेशन की एचआर अधिकारी सृष्टि बिष्ट ने कहा –
“हमारे संस्थान का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर हमारे नाम का दुरुपयोग किया गया है। यह कृत्य न केवल हमारी संस्था की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि छात्रों को गुमराह कर उन्हें आर्थिक और मानसिक क्षति भी पहुंचा रहा है। दोषियों को जल्द ही कानून के शिकंजे में लाना आवश्यक है।”
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस टीम आरोपी की तलाश में जुटी है और जल्द ही गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। साथ ही फर्जी दस्तावेजों की जांच साइबर सेल से भी कराई जाएगी, ताकि इस तरह के गिरोह की जड़ तक पहुंचा जा सके।
