हरिद्वार पुलिस की संदिग्धों पर कड़ी नजर, डोर-टू-डोर सत्यापन से बढ़ी सख्ती,, संदिग्धों की पड़ताल से बढ़ी सुरक्षा,, किरायेदारों का सत्यापन न कराने पर मकान मालिकों पर गिरेगी गाज,, मकान मालिकों की जिम्मेदारी तय

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार पुलिस की संदिग्धों पर कड़ी नजर, डोर-टू-डोर सत्यापन से बढ़ी सख्ती,,
संदिग्धों की पड़ताल से बढ़ी सुरक्षा,,
किरायेदारों का सत्यापन न कराने पर मकान मालिकों पर गिरेगी गाज,,
मकान मालिकों की जिम्मेदारी तय
हरिद्वार। रविवार की सुबह से ही हरिद्वार पुलिस पूरे जनपद में सक्रिय नजर आई। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के कड़े निर्देशों पर पुलिस टीमों ने व्यापक सत्यापन अभियान छेड़ा। इस अभियान के तहत डोर-टू-डोर जाकर पुलिस ने किरायेदारों, घरेलू सहायकों, फड़-ठेली संचालकों, होटल और ढाबों में काम करने वाले कर्मचारियों की पूरी जानकारी जुटाई और उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया। अभियान का मकसद अपराधियों पर अंकुश लगाना और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखना है।
संदिग्धों की पड़ताल से बढ़ी सुरक्षा
पुलिस का मानना है कि कई बार अपराधी या असामाजिक तत्व किराए के मकानों, लॉज, होटल या छोटी दुकानों के जरिए छिपने की कोशिश करते हैं। ऐसे में यदि समय-समय पर सत्यापन न हो तो अपराधियों को संरक्षण मिल जाता है और अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए हरिद्वार पुलिस ने यह ठोस कदम उठाया है। रविवार सुबह से ही अलग-अलग थानों की पुलिस टीमें क्षेत्र में पहुंचीं और मकान मालिकों व व्यापारियों से बातचीत कर उनके किरायेदारों व कर्मचारियों का विवरण इकट्ठा किया।
एसएसपी के कड़े निर्देश
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने साफ कहा है कि किसी भी हालत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मकान मालिकों को चेतावनी दी है कि यदि किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराया गया तो उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी। डोबाल ने यह भी कहा कि हरिद्वार धार्मिक नगरी है जहां देश-विदेश से लोग आते हैं। इस लिहाज से सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद रखना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। सत्यापन अभियान से अपराध रोकथाम के साथ-साथ जनता में भी सुरक्षा का भरोसा बढ़ेगा।
पुलिस का डोर-टू-डोर अभियान
शहर और देहात दोनों इलाकों में पुलिस ने डोर-टू-डोर जाकर घरों और दुकानों में दस्तक दी। किरायेदारों के नाम, पता, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर और कामकाज की जानकारी ली गई। साथ ही, पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की कि वे खुद भी सतर्क रहें और अगर आसपास कोई संदिग्ध दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। होटल और ढाबों में भी कर्मचारियों के आधार कार्ड और पहचान से जुड़े कागज देखे गए।
मकान मालिकों की जिम्मेदारी तय
पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि किरायेदारों का सत्यापन कराना केवल पुलिस का नहीं, बल्कि मकान मालिक का भी दायित्व है। यदि कोई मकान मालिक किरायेदार का सत्यापन नहीं कराता और बाद में किरायेदार अपराध में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर मकान मालिक पर भी आएगी। यही वजह है कि पुलिस मकान मालिकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर रही है, ताकि आने वाले समय में लापरवाही न हो।
जनता से अपील
हरिद्वार पुलिस ने जनता से सहयोग की अपील की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब आम लोग पुलिस के साथ खड़े होंगे। सत्यापन न सिर्फ अपराधियों की पहचान में मदद करेगा, बल्कि निर्दोष और ईमानदार नागरिकों को भी सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएगा।
नतीजे और असर
इस तरह के सत्यापन अभियान से अपराधियों की पहचान में आसानी होती है। पहले भी कई बार देखा गया है कि अपराधी नकली नाम-पते के सहारे किराए पर मकान लेकर अपराध की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। ऐसे में डोर-टू-डोर पड़ताल न केवल अपराध की रोकथाम में मददगार होगी, बल्कि इससे पुलिस को संदिग्धों की प्रोफाइलिंग में भी मदद मिलेगी।
निवारक और कठोर कार्रवाई
एसएसपी डोबाल ने कहा कि मकान मालिकों को यह संदेश साफ तौर पर मिल जाना चाहिए कि बिना सत्यापन के किराएदार रखना भारी पड़ सकता है। यही नहीं, अगर कोई घरेलू नौकर या कर्मचारी भी सत्यापित नहीं पाया गया तो उसके मालिक या संचालक को भी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।
हरिद्वार पुलिस का यह अभियान अपराध और संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ एक सख्त और निवारक कदम है। धार्मिक नगरी में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस का यह प्रयास न केवल सराहनीय है बल्कि जनता की भागीदारी से और अधिक प्रभावी साबित होगा। मकान मालिकों को भी अब यह समझना होगा कि उनकी जरा सी लापरवाही उन्हें बड़ी परेशानी में डाल सकती है। इसलिए सत्यापन अभियान से जुड़े नियमों का पालन करना ही उनके हित में है।