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डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित के आदेश पर सख्त वसूली अभियान शुरू,, तहसील प्रशासन रुड़की ने दो दिन में की 67 लाख की वसूली,, बड़े बकायदारों पर टूटा प्रशासन का डंडा, जारी रहेगा अभियान

इन्तजार रजा हरिद्वार- डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित के आदेश पर सख्त वसूली अभियान शुरू,,

तहसील प्रशासन रुड़की ने दो दिन में की 67 लाख की वसूली,,

बड़े बकायदारों पर टूटा प्रशासन का डंडा, जारी रहेगा अभियान

हरिद्वार, 14 सितंबर 2025।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के सख्त निर्देशों और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की दीपक सेठ की निगरानी में तहसील प्रशासन रुड़की ने बड़े बकायदारों के विरुद्ध वसूली अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत दो दिनों में लगभग 66 लाख 98 हजार 237 रुपए की वसूली कर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बकायदारों पर अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

सख्त रुख अपनाते हुए बनी विशेष टीम

नायब तहसीलदार रुड़की यूसुफ अली ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशों के अनुपालन और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में क्षेत्रीय संग्रह अमीन सुंदरमणि, अरुण कुमार, परवेज धीमान और वीरेंद्र अनुसेवक शामिल रहे। टीम ने तहसील क्षेत्र के अंतर्गत उन बकायदारों पर कार्रवाई की, जिनके विरुद्ध बैंक या न्यायालय द्वारा वसूली के लिए आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी की गई थी।

पहले दिन हुई 50 लाख से अधिक की वसूली

अभियान के पहले दिन तहसील प्रशासन ने 50,19,030 रुपए की वसूली की। इसमें प्रमुख रूप से वैल्नव रेमिडेस व्यापार कर का 42,50,000 रुपए शामिल है। इसके अलावा अन्य बकायदारों से भी उल्लेखनीय राशि वसूल की गई, जैसे –

  • विलिन वयोमेड लि. माधोपुर (MSME न्यायालय देय) – 3,50,000 रुपए
  • मुजमिल अली, माधोपुर (बैंक देय) – 55,000 रुपए
  • कल्लू पुत्र जीराम, माधोपुर (न्यायालय देय) – 20,030 रुपए
  • आबिद अली पुत्र, ग्राम नाला कुमड़ा (बैंक देय) – 1,10,000 रुपए
  • राकेश कुमार, ग्राम नन्हेडा (विद्युत देय) – 2,09,000 रुपए
  • मुस्तफा, ग्राम बौरासी (न्यायालय देय) – 25,000 रुपए

इन कार्रवाइयों से बकायदारों में हड़कंप मच गया और प्रशासन की सख्ती का स्पष्ट संदेश क्षेत्र में फैल गया।

दूसरे दिन 17 लाख की वसूली

अभियान के दूसरे दिन प्रशासन ने 16,97,207 रुपए की वसूली की। इसमें विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों, बैंकों और स्टांप देयों से राशि वसूली गई। प्रमुख वसूली इस प्रकार रही –

  • शाशी मेडिसिन कंपनी (व्यापार कर) – 4,47,500 रुपए
  • छाया डिपो स्टोर (व्यापार कर) – 13,415 रुपए
  • चरक मेडिकोज रुड़की (व्यापार कर) – 31,248 रुपए
  • लक्की एजेंसी रुड़की (व्यापार कर) – 24,250 रुपए
  • साजिद अली (बैंक देय) – 1,10,000 रुपए
  • पारेश इंटरप्राइजेज (व्यापार कर) – 1,00,000 रुपए
  • विशाल ऑटो रुड़की (व्यापार कर) – 2,77,640 रुपए
  • विपिन कुमार, खंजरपुर (स्टाम्प देय) – 5,19,022 रुपए
  • एस.के. शाह कंस्ट्रक्शन, सोनालीपुर (व्यापार कर) – 1,74,132 रुपए

इस तरह दो दिनों में वसूली गई कुल राशि 66,98,237 रुपए तक पहुंच गई।

बकायदारों पर शिकंजा और सख्त होगा

नायब तहसीलदार यूसुफ अली ने साफ किया कि यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा। ऐसे सभी बकायदार, जिन्होंने बैंकों, न्यायालयों, विद्युत विभाग या व्यापार कर विभाग की देनदारियों का भुगतान नहीं किया है, उनके विरुद्ध प्रशासन कड़ा कदम उठाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अब किसी भी बकायदार को बकाया राशि अदा करने में टालमटोल की छूट नहीं दी जाएगी।

जिलाधिकारी का सख्त संदेश

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में बड़े बकायदारों की सूची बनाकर उन पर अभियान चलाया जाए। जिलाधिकारी का स्पष्ट कहना है कि सरकारी देनदारियों की वसूली प्राथमिकता में है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जनता का भरोसा बढ़ा

इस अभियान से जहां प्रशासन की कार्यशैली पर जनता का भरोसा मजबूत हुआ है, वहीं बड़े बकायदारों को यह संदेश भी गया है कि अब सरकारी आदेशों को हल्के में लेना उनके लिए भारी पड़ सकता है। आम नागरिकों ने भी इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि ऐसे अभियान नियमित रूप से चलते रहेंगे ताकि सरकारी राजस्व की हानि रोकी जा सके।

👉 यह खबर प्रशासनिक सख्ती और जिम्मेदार शासन का उदाहरण पेश करती है। दो दिन में करीब 67 लाख की वसूली न केवल अधिकारियों की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि संगठित और योजनाबद्ध प्रयास से किसी भी स्तर पर सुधार लाया जा सकता है।

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