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यति नरसिंहानंद के द्वारा फिर पैगंबर मोहम्मद साहब पर अमर्यादित टिप्पणी भरा वीडियो वायरल होने को लेकर मुस्लिम समुदाय में रोष व्याप्त, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग

यति नरसिंहानंद ने किया ज़मानत आदेशों का उल्लंघन, यति नरसिंहानंद बिना किसी परवाह के लगातार हेट स्पीच दे रहे हैं. कानून उन्हें कब पकड़ेगा? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घमासान

इन्तजार रजा हरिद्वार-यति नरसिंहानंद के द्वारा फिर पैगंबर मोहम्मद साहब पर अमर्यादित टिप्पणी भरा वीडियो वायरल होने को लेकर मुस्लिम समुदाय में रोष व्याप्त,
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग

यति नरसिंहानंद ने किया ज़मानत आदेशों का उल्लंघन, यति नरसिंहानंद बिना किसी परवाह के लगातार हेट स्पीच दे रहे हैं. कानून उन्हें कब पकड़ेगा? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घमासान

हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में यति नरसिंहानंद को इस शर्त पर जमानत मिली कि आइन्दा वो ऐसे भड़काऊ भाषण नही दे सकेंगे जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़े या इस तरह की किसी सभाओं में भाग नहीं ले सकेंगे. अब इसके बाद अब यति नरसिंहानंद की मुसलमानों के पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ़ फिर से हेट स्पीच वीडीओ वायरल हो रही है हालांकि हमारे द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं की गई की वायरल विडियो कब की है या कब जारी की गई है.

जमानत की शर्तों से बेपरवाह होकर, नरसिंहानंद ने उसके बाद शायद फिर से मुसलमानों को टारगेट करते हुए ये जो भाषण दिए. इसके वीडियोज़ को पोर्टल पर खबर आर्टिकल लिखे जाने तक हजारों बार देखा जा चुका है.

सुप्रीम कोर्ट ने ‘किसी एक समुदाय के खिलाफ़’ नफ़रत भरे भाषणों की ‘परेशान करने वाली’ प्रकृति को गंभीरता से लिया और पुलिस से ऐसे मामलों में खुद ही अपराधियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए कहा है. भले ही ऐसे मामलों में कोई शिकायत न की गई हो. इसे ध्यान में रखते हुए, यति नरसिंहानंद की बेशर्मी और ज़मानत आदेशों का बार-बार उल्लंघन करना पूरी तरह से जाहिर करने लायक है. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने अपने 21 अक्टूबर के आदेश में कहा था कि ‘इस निर्देश के अनुसार कार्रवाई करने में किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट को न्यायालय की अवमानना ​​के रूप में देखा जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ़ उचित कार्रवाई की जाएगी.’

*हेट स्पीच का गठन क्या होता है?*
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, हेट स्पीच ‘अंतर्निहित विशेषताओं (जैसे जाति, धर्म या लिंग) के आधार पर किसी समूह या व्यक्ति को टारगेट करते हुए आक्रामक भाषण को संदर्भित करता है और इससे सामाजिक शांति को खतरा हो सकता है’. साथ ही हेट स्पीच को ‘नरसंहार सहित अत्याचार अपराधों के अग्रदूत’ माना गया है.’

हेट स्पीच पर भारत के विधि आयोग ने मार्च 2017 में सर्वोच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी. पेज 38 पर, रिपोर्ट में हेट स्पीच को ‘ऐसी अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो निंदापूर्ण, अपमानजनक, डराने, परेशान करने वाली या किसी की जाति, धर्म, जन्म स्थान, निवास, क्षेत्र भाषा, समुदाय, यौन अभिविन्यास या व्यक्तिगत विश्वास जैसी विशेषताओं के आधार पर उनके खिलाफ़ हिंसा, घृणा या भेदभाव को उकसाती है.’

रिडर्स यहां ऑल्ट न्यूज़ की हेट स्पीच पॉलिसी देख सकते हैं

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