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मनसादेवी रोपवे मार्ग पर मिल रही घटिया सोढ़ा बोतलें,, कीड़े, चूहे की बीट और कूड़े से सनी बोतलें बेचने का खुलासा,, मेहराज की फैक्ट्री से हो रही सप्लाई का आरोप,, तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने उठाई कार्रवाई की मांग, प्रशासन पर सवाल

धार्मिक नगरी हरिद्वार के मनसादेवी रोपवे मार्ग पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को बड़ा खतरा पैदा करने वाला मामला सामने आया है। यहाँ खुलेआम बिक रही सोढ़ा (सॉफ्ट ड्रिंक) की बोतलों में कीड़े, चूहे की बीट और कूड़े जैसी गंदगी मिली है। यह खुलासा तब हुआ जब तीर्थ पुरोहित हरिद्वार के उज्जवल पंडित को कई दिनों से मिल रही शिकायतों की पुष्टि के लिए वह मौके पर पहुँचे।

इन्तजार रजा हरिद्वार- मनसादेवी रोपवे मार्ग पर मिल रही घटिया सोढ़ा बोतलें,,

कीड़े, चूहे की बीट और कूड़े से सनी बोतलें बेचने का खुलासा,,

मेहराज की फैक्ट्री से हो रही सप्लाई का आरोप,,

तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने उठाई कार्रवाई की मांग, प्रशासन पर सवाल

हरिद्वार।
धार्मिक नगरी हरिद्वार के मनसादेवी रोपवे मार्ग पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को बड़ा खतरा पैदा करने वाला मामला सामने आया है। यहाँ खुलेआम बिक रही सोढ़ा (सॉफ्ट ड्रिंक) की बोतलों में कीड़े, चूहे की बीट और कूड़े जैसी गंदगी मिली है। यह खुलासा तब हुआ जब तीर्थ पुरोहित हरिद्वार के उज्जवल पंडित को कई दिनों से मिल रही शिकायतों की पुष्टि के लिए वह मौके पर पहुँचे।

तीर्थस्थल पर श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़

मनसादेवी मंदिर हरिद्वार के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है, जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर की ओर जाने वाले रोपवे मार्ग पर लगी छोटी दुकानों पर श्रद्धालुओं के लिए पानी, पेय पदार्थ और हल्के स्नैक्स उपलब्ध कराए जाते हैं। लेकिन इसी धार्मिक वातावरण में श्रद्धालुओं की सेहत से खिलवाड़ का बड़ा मामला सामने आया है। उज्जवल पंडित के अनुसार, कई श्रद्धालुओं ने बताया कि बाजार में बिक रही बोतलें देखने में सामान्य लगती हैं, लेकिन खोलते ही उनमें गंदगी और बदबू आती है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन नकली बोतलों की सप्लाई बाहर से होती है और इन पर किसी भी मानक एजेंसी या विभाग का नियंत्रण नहीं है। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि धार्मिक स्थल की प्रतिष्ठा और स्वच्छता पर भी दाग है।

मेहराज नामक युवक की फैक्ट्री पर आरोप

उज्जवल पंडित द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार, इन गंदगी से भरी बोतलों की सप्लाई इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित मेहराज नामक युवक की फैक्ट्री से हो रही है। बताया जा रहा है कि यह फैक्ट्री निर्मला छावनी क्षेत्र में किसी पांडेय जी के मकान में चलती है। सामने से देखने पर यह फैक्ट्री बंद प्रतीत होती है, लेकिन पीछे के रास्ते से लगातार बोतलों की सप्लाई जारी है।

यह आरोप प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने कहा कि यह मामला श्रद्धालुओं की आस्था और स्वास्थ्य से जुड़ा है। ऐसे में तुरंत कार्रवाई कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएँ।

(ध्यान दें: अभी तक प्रशासन या फैक्ट्री मालिक की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।)

श्रद्धालुओं में गुस्सा, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

मामला उजागर होने के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग केवल औपचारिकताएँ निभाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। मनसादेवी रोपवे मार्ग पर भारी भीड़ रहती है, ऐसे में गंदगी युक्त सोढ़ा बोतलें बड़े स्तर पर स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकती हैं।

लोगों ने मांग की है कि इन नकली बोतलों के स्रोत का पता लगाकर फैक्ट्री सील की जाए और दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही, धार्मिक स्थलों के आस-पास खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित जांच होनी चाहिए।

उज्जवल पंडित तीर्थ पुरोहित हरिद्वार की पहल— प्रशासनिक तंत्र को दी चेतावनी

उज्जवल पंडित ने इस पूरे मामले की जानकारी सोशल मीडिया और विभिन्न समूहों में साझा कर प्रशासन का ध्यान खींचा। उनका कहना है कि उन्होंने कई दिनों तक स्वयं निगरानी कर तथ्य जुटाए और अब सार्वजनिक मंच पर आवाज उठाई है। उन्होंने जिलाधिकारी और खाद्य सुरक्षा विभाग से लिखित शिकायत कर जल्द कार्रवाई की मांग की है।

उन्होंने कहा कि यदि समय रहते प्रशासन कार्रवाई नहीं करता तो तीर्थ पुरोहित और स्थानीय नागरिक सामूहिक रूप से आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

स्वच्छता और आस्था दोनों की सुरक्षा जरूरी

यह मामला न केवल स्वास्थ्य का बल्कि धार्मिक आस्था और हरिद्वार की छवि का भी है। हरिद्वार एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहाँ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। यहाँ इस तरह की घटनाएँ प्रशासनिक तंत्र की सुस्ती और लापरवाही को उजागर करती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पैक्ड ड्रिंक और खाद्य सामग्री पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियम लागू होते हैं। ऐसे में बिना अनुमति, बिना परीक्षण और नकली ब्रांड वाली बोतलों की बिक्री पूर्णत: गैरकानूनी है।

खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

यहाँ यह भी सवाल उठता है कि धार्मिक स्थलों पर इतनी गंभीर अनियमितता के बावजूद प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ती। खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस को संयुक्त रूप से इस तरह के ठिकानों की पहचान कर छापेमारी करनी चाहिए।

कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में सिर्फ फैक्ट्री सील करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि दोषियों के खिलाफ आईपीसी और खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए।

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