UKSSSC पेपर लीक कांड की SIT पड़ताल – हरिद्वार में खुला संवाद, आरोपियों के घर तक पहुंची एसटीआई टीम,, अभ्यर्थियों व स्थानीय लोगों ने दिए सुझाव-शिकायतें – पारदर्शिता और कड़ी कार्रवाई की उठी मांग,, SIT प्रमुख ज्या बलूनी का है प्रकरण में एसआईटी की प्रमुख– “अपराध हुआ है, अपराधी जेल में हैं, जांच निष्पक्ष होगी”

इन्तजार रजा हरिद्वार-UKSSSC पेपर लीक कांड की SIT पड़ताल – हरिद्वार में खुला संवाद, आरोपियों के घर तक पहुंची एसटीआई टीम,,
अभ्यर्थियों व स्थानीय लोगों ने दिए सुझाव-शिकायतें – पारदर्शिता और कड़ी कार्रवाई की उठी मांग,,
SIT प्रमुख ज्या बलूनी का है प्रकरण में एसआईटी की प्रमुख– “अपराध हुआ है, अपराधी जेल में हैं, जांच निष्पक्ष होगी”
हरिद्वार।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के बहुचर्चित पेपर लीक कांड की जांच ने राज्यभर में हलचल मचा दी है। यह कांड न केवल भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि युवाओं के भरोसे को भी झकझोर चुका है। इसी के मद्देनज़र शनिवार को विशेष जांच टीम (SIT) हरिद्वार कलेक्ट्रेट सभागार पहुंची और अभ्यर्थियों, सामाजिक संगठनों व आम नागरिकों से खुला संवाद किया। टीम न केवल सुझाव व शिकायतें सुनने आई थी बल्कि मुख्य आरोपी खालिद के घर जाकर भी तथ्यों की पड़ताल की। यह पहली बार था जब जांच एजेंसी ने जनता को सीधे अपनी बात रखने का मंच दिया। सभागार में माहौल बिल्कुल अदालतनुमा था – दर्जनों अभ्यर्थी दस्तावेज और शिकायतें लेकर पहुंचे थे। कई लोग भावुक तो कुछ आक्रोशित नजर आए।
खुले मंच पर उठे सवाल – सुरक्षा, पारदर्शिता और परीक्षा केंद्रों की गुणवत्ता
जनसंवाद में सबसे पहले ग्रामीण व दुर्गम इलाकों में बने परीक्षा केंद्रों को लेकर सवालों की झड़ी लग गई। अभ्यर्थियों ने कहा कि खेत-खलिहानों के बीच असुरक्षित और अव्यवस्थित परीक्षा केंद्र क्यों बनाए गए, जबकि शहरों के अच्छे व सुरक्षित टॉप-लेवल स्कूल और विश्वविद्यालय उपलब्ध हैं।
पेपर सुरक्षा व्यवस्था, पर्यवेक्षकों की भूमिका और परीक्षा प्रक्रिया की गोपनीयता पर भी सवाल उठाए गए। कुछ अभ्यर्थियों ने नकल रोकने के लिए बनाए गए मौजूदा कानून को और मजबूत करने की मांग रखी।
अभ्यर्थी, हरिद्वार ने कहा – “हमने रात-दिन मेहनत की, लेकिन पेपर लीक की खबर ने मनोबल तोड़ दिया। अब हम चाहते हैं कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।”
लक्सर के बच्चों को कौन ले गया नारे लगवाने? – ‘साजिश’ पर उठे सवाल
जनसंवाद के दौरान लक्सर क्षेत्र के कुछ बच्चों के नारेबाज़ी के वीडियो का भी जिक्र हुआ। लोगों ने सवाल उठाया कि जो बच्चे पेपर में शामिल ही नहीं हुए, उन्हें नारे लगाने के लिए कौन लाया? क्या यह सरकार की छवि को धूमिल करने की किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं?
SIT अधिकारियों ने इन सवालों को गंभीरता से नोट किया और भरोसा दिया कि हर पहलू की जांच की जाएगी।
मिली-जुली प्रतिक्रिया – पेपर दोबारा हो या नहीं?
पेपर लीक कांड के बाद परीक्षा रद्द करने और दोबारा कराने पर अभ्यर्थियों के बीच मतभेद साफ नजर आया।
– पक्ष में मांग रखने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि पेपर दोबारा कराना जरूरी है ताकि ईमानदार छात्रों के हक पर डाका न डाले। उनका कहना था कि जब तक पूरी प्रक्रिया साफ नहीं होती, तब तक पुरानी परीक्षा पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
– विपक्ष में राय देने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि अपराधी जेल में हैं, जांच एजेंसी सक्रिय है और तंत्र अब सजग है, इसलिए पेपर दोबारा न कराकर मौजूदा प्रक्रिया को जारी रखते हुए जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाए।
अभ्यर्थी, लक्सर ने अपनी राय देते हुए कहा – “परीक्षा दोबारा कराना एक समाधान है, लेकिन इससे हजारों छात्रों पर मानसिक और आर्थिक बोझ भी पड़ेगा। हमें लगता है कि दोषियों पर कार्रवाई हो और मौजूदा परीक्षा को ही मान्य रखा जाए।”
SIT का भरोसा – नकल विरोधी कानून को और सख्त किया जाएगा
SIT अधिकारियों ने कहा कि नकल विरोधी कानून को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सिफारिशें भेजी जा रही हैं। कानून में बदलाव और कड़ी सजा ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का बड़ा हथियार बनेगी।
टीम ने यह भी बताया कि नकल विरोधी कानून के तहत मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साबिया फिलहाल जेल में बंद हैं।
अभ्यर्थी ने कहा – “पहली बार किसी SIT ने हमसे आमने-सामने संवाद किया है। उम्मीद है कि जो आश्वासन दिए जा रहे हैं, वे कागज़ों तक सीमित नहीं रहेंगे।”
SIT प्रमुख ज्या बलूनी का बयान – अपराध हुआ है, अपराधी जेल में हैं
जनसंवाद के अंत में SIT प्रमुख ज्या बलूनी ने मीडिया और अभ्यर्थियों के सामने स्पष्ट कहा –
“पेपर लीक कांड में अपराध हुआ है। अपराधी जेल में हैं। सरकार ने SIT को खुली छूट दी है। जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी। कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।”
उनका यह बयान पूरे सभागार में बैठे अभ्यर्थियों के लिए राहत की तरह था। कई लोगों ने SIT प्रमुख के इस आश्वासन पर भरोसा जताया।
सीबीआई जांच की भी उठी मांग
कई अभ्यर्थियों और स्थानीय संगठनों ने SIT की जांच के साथ-साथ सीबीआई जांच की भी मांग रखी। उनका कहना था कि अगर पहले के पेपर लीक मामलों की सीबीआई जांच समय पर हो जाती, तो आज यह स्थिति नहीं आती।
SIT अधिकारियों ने इस मांग को भी नोट किया और कहा कि वे अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे, आगे सीबीआई जांच पर फैसला सरकार का होगा।
निलंबन और कार्रवाई – “किसको सस्पेंड किया?”
जनसंवाद में यह भी चर्चा रही कि इस प्रकरण में किन-किन को निलंबित किया गया। अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रोफेसर सुमन समेत कुछ अन्य को सस्पेंड किया गया है, लेकिन यह जानकारी भी पारदर्शी तरीके से सामने आए ताकि सभी को पता चले कि किनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।
जांच में पारदर्शिता और कठोर कार्रवाई की मांग तेज
कलेक्ट्रेट सभागार में माहौल यह साफ़ कर रहा था कि जनता अब केवल वादों से संतुष्ट नहीं है। लोग ठोस कार्रवाई, पारदर्शिता और दोषियों को कड़ी सजा चाहते हैं। अभ्यर्थियों ने यहां तक कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा प्रणाली और सुरक्षा मानकों को नए सिरे से तय किया जाए।
मुख्य आरोपी के घर पहुंचकर SIT ने जुटाए तथ्य
SIT ने केवल सभागार तक सीमित रहकर ही नहीं, बल्कि मुख्य आरोपी खालिद के घर जाकर भी साक्ष्य जुटाए। टीम ने उसके पड़ोसियों और स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। इससे यह संदेश गया कि SIT केवल कागज़ों पर नहीं, ज़मीनी स्तर पर भी पड़ताल कर रही है।
मिली-जुली प्रतिक्रिया – सरकार और SIT को मिला आंशिक समर्थन, आंशिक आलोचना
जनसंवाद में मौजूद लोगों की प्रतिक्रियाओं से यह भी साफ हुआ कि सरकार और SIT की कार्यशैली पर लोगों का विश्वास पूरी तरह एकसमान नहीं है।
– समर्थन करने वालों ने कहा कि SIT ने पहली बार जनता के सामने आकर संवाद किया है, आरोपी जेल में हैं और अब जांच में तेजी दिख रही है।
– आलोचना करने वालों ने कहा कि अभी तक कई तथ्य सामने नहीं आए हैं, कुछ दोषी बच सकते हैं और अगर सीबीआई जांच होती तो यह कांड पहले ही बेनकाब हो सकता था।
इस तरह पूरे सभागार में समर्थन और आलोचना दोनों की आवाज़ें गूंजती रहीं।
जनता को मिला बोलने का मौका, SIT की सख्त पड़ताल जारी
हरिद्वार में हुए इस संवाद और SIT की सक्रियता ने यह साफ कर दिया कि पेपर लीक कांड को लेकर राज्य सरकार और जांच एजेंसियां इस बार गंभीर हैं। जनता और अभ्यर्थियों को भी यह संदेश गया कि उनकी आवाज़ सुनी जा रही है।
SIT प्रमुख ज्या बलूनी का बयान और टीम की कार्रवाई यह उम्मीद जगाती है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और भविष्य में भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी व सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
📌 SIT प्रमुख ज्या बलूनी
“पेपर लीक कांड में अपराध हुआ है, अपराधी जेल में हैं। सरकार ने हमें खुली छूट दी है। जांच ईमानदारी से और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाई जाएगी। कोई भी दोषी नहीं बचेगा।”