एम्स ऋषिकेश में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मेहरा (IPS) ने जागरूकता हेतु लगाई साइबर सुरक्षा की पाठशाला,, 🟥 डिजिटल युग के खतरों पर जागरूकता: 150 से अधिक स्टाफ ने लिया हिस्सा,, 🟥 साइबर फ्रॉड से बचाव हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 की दी जानकारी

इन्तजार रजा हरिद्वार 🟥 एम्स ऋषिकेश में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मेहरा (IPS) ने जागरूकता हेतु लगाई साइबर सुरक्षा की पाठशाला,,
🟥 डिजिटल युग के खतरों पर जागरूकता: 150 से अधिक स्टाफ ने लिया हिस्सा,,
🟥 साइबर फ्रॉड से बचाव हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 की दी जानकारी
हरिद्वार, 3 अक्टूबर 2025 —
डिजिटल युग के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बीच पुलिस अधीक्षक अपराध/यातायात जितेन्द्र मेहरा (IPS) ने आज एम्स ऋषिकेश में आयोजित एक विशेष “साइबर अवेयरनेस पाठशाला” में उपस्थित होकर स्टाफ और प्रशिक्षु डॉक्टरों को साइबर अपराधों से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। यह आयोजन न केवल सूचनात्मक था बल्कि इसमें डिजिटल सुरक्षा की बारीकियों को समझाने के साथ-साथ, साइबर अपराधियों के नये-नये तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।इस जागरूकता कार्यक्रम में एम्स के लगभग 150 अधिकारी-कर्मचारी और ट्रेनी डॉक्टर शामिल हुए। पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मेहरा ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि आज के दौर में इंटरनेट पर निर्भरता जितनी तेज़ी से बढ़ी है, उसी अनुपात में साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि “साइबर अपराध अब किसी एक वर्ग या क्षेत्र की समस्या नहीं रह गई है, यह हर नागरिक के लिए चिंता का विषय बन चुका है।”
🔹 साइबर अपराधों के नए रूप और उनसे बचाव की तकनीकें
कार्यक्रम के दौरान एसपी अपराध/यातायात मेहरा ने डिजिटल अरेस्ट, केवाईसी अपडेट फ्रॉड, फेक बैंक कॉल्स, OTP शेयरिंग, QR कोड स्कैनिंग फ्रॉड, फिशिंग ईमेल और सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि किस प्रकार अपराधी छोटी-सी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर या ईमेल के आधार पर भी ठगी कर लेते हैं।उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि “आपका डेटा ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है, इसे सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है।” उन्होंने यह भी समझाया कि किसी भी अनजान लिंक या कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
एसपी मेहरा ने इस दौरान बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में साइबर अपराध के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अबतक ऐसे कई साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी बैंक अधिकारी या सरकारी प्रतिनिधि बनकर लोगों को ठगते थे। उन्होंने चेतावनी दी कि “साइबर ठगी का कोई निश्चित पैटर्न नहीं होता, इसलिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।”
🔹 एम्स स्टाफ की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक प्रतिक्रिया
सत्र के दौरान एम्स ऋषिकेश के स्टाफ ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे — जैसे कि ऑनलाइन पेमेंट करते समय किन सावधानियों का पालन करें, KYC अपडेट संदेश असली हैं या फर्जी, यह कैसे पहचानें, और अगर गलती से किसी लिंक पर क्लिक हो जाए तो क्या करें।
एसपी जितेन्द्र मेहरा ने सभी सवालों का व्यवहारिक उदाहरणों के साथ समाधान दिया और प्रतिभागियों को समझाया कि बैंक या किसी सरकारी एजेंसी द्वारा कभी भी OTP या पासवर्ड नहीं मांगा जाता।कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी या संदिग्ध डिजिटल गतिविधि की स्थिति में राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
एम्स प्रशासन ने हरिद्वार पुलिस के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रोग्राम मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए बेहद उपयोगी हैं, क्योंकि वे मरीजों की संवेदनशील जानकारी और संस्थागत डेटा के साथ जुड़े रहते हैं। एम्स प्रशासन ने कहा कि भविष्य में भी पुलिस के साथ इस तरह की साझेदारी जारी रखी जाएगी ताकि साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता का स्तर और बढ़ाया जा सके।
🔹 आधुनिक पुलिसिंग की नई दिशा: शिक्षा और जनसहयोग
एसपी अपराध/यातायात जितेन्द्र मेहरा ने कहा कि हरिद्वार पुलिस सिर्फ अपराध रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को डिजिटल सुरक्षा और साइबर साक्षरता से जोड़ने का अभियान चला रही है। उन्होंने कहा, “आज अपराध रोकने के लिए पुलिस और जनता दोनों को समान रूप से जागरूक होना जरूरी है। हम चाहते हैं कि हर नागरिक साइबर सुरक्षा के मूल सिद्धांतों को जाने और खुद को ठगी से बचा सके।”उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा आने वाले महीनों में विद्यालयों, कॉलेजों, औद्योगिक संस्थानों और बैंकों में भी इसी प्रकार की साइबर अवेयरनेस वर्कशॉप्स आयोजित की जाएंगी।
🔹 जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
कार्यक्रम के अंत में एम्स प्रशासन की ओर से एसपी अपराध/यातायात जितेन्द्र मेहरा का आभार व्यक्त किया गया। सभी प्रतिभागियों ने इस सत्र को बेहद उपयोगी और जानकारीपूर्ण बताया।
इस अवसर पर पुलिस विभाग की तकनीकी शाखा के अधिकारी भी उपस्थित रहे जिन्होंने विभिन्न प्रकार के साइबर फ्रॉड की पहचान और रिपोर्टिंग की तकनीक को विस्तार से समझाया।
यह कार्यक्रम इस संदेश के साथ समाप्त हुआ कि —
“साइबर सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन की आवश्यकता है। हर व्यक्ति जितना जागरूक होगा, उतना ही सुरक्षित रहेगा।”
इंतज़ार रज़ा, हरिद्वार
(Daily Live Uttarakhand)