डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित के सख्त निर्देश: अतिक्रमण मुक्त भूमि पर नहीं होंगे मेले आदि आयोजन,, 🟥 अवैध मजार, तालाब या सिंचाई विभाग की भूमि पर दोबारा कब्जा करने वालों पर दर्ज होंगे मुकदमे,, 🟥 प्रशासन करेगा अतिक्रमण मुक्त जमीनो का सीमांकन, तारबाड़ और विभागीय स्वामित्व का साइन बोर्ड लगाने की अनिवार्यता को लेकर संबंधित विभागों को डीएम हरिद्वार के सख्त निर्देश जारी
अतिक्रमण हटाए जाने के बाद संबंधित भूमि पर किसी भी तरह के आयोजन—चाहे वह मेला हो, सभा हो या धार्मिक कार्यक्रम—की अनुमति नहीं दी जाएगी

इन्तजार रजा हरिद्वार-🟥 डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित के सख्त निर्देश: अतिक्रमण मुक्त भूमि पर नहीं होंगे मेले आदि आयोजन,,
🟥 अवैध मजार, तालाब या सिंचाई विभाग की भूमि पर दोबारा कब्जा करने वालों पर दर्ज होंगे मुकदमे,,
🟥 प्रशासन करेगा अतिक्रमण मुक्त जमीनो का सीमांकन, तारबाड़ और विभागीय स्वामित्व का साइन बोर्ड लगाने की अनिवार्यता को लेकर संबंधित विभागों को डीएम हरिद्वार के सख्त निर्देश जारी
हरिद्वार। जनपद प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण पर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी उपजिला अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण हटाए जाने के बाद संबंधित भूमि पर किसी भी तरह के आयोजन—चाहे वह मेला हो, सभा हो या धार्मिक कार्यक्रम—की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि कई बार देखा गया है कि अतिक्रमण हटने के बाद लोग अस्थायी रूप से मेले, पंडाल या मजार की आड़ लेकर दोबारा कब्जे की कोशिश करते हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि प्रत्येक अतिक्रमण मुक्त भूमि का सीमांकन कर वहां विभागीय स्वामित्व का साइन बोर्ड लगाया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति या संगठन उस भूमि पर कब्जा या कार्यक्रम की अनुमति मांगने का प्रयास न करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था पुनः अतिक्रमण का प्रयास करती है, तो उसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
🔴 अवैध कब्जों पर लगातार चल रही है कार्रवाई
हरिद्वार प्रशासन द्वारा हाल के महीनों में सिंचाई विभाग, ग्राम समाज और तालाबों की जमीनों पर किए गए अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई तेज की गई है। कई स्थानों पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। डीएम ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य केवल अतिक्रमण हटाना ही नहीं, बल्कि भविष्य में उस भूमि को पुनः सुरक्षित बनाए रखना भी है।
उन्होंने कहा कि जिस भी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है, वहां तुरंत तारबाड़ और पहचान पट्टिका लगाना जरूरी है। इससे विभागीय स्वामित्व की पहचान स्पष्ट होगी और स्थानीय स्तर पर विवादों या झूठे दावों की संभावना समाप्त हो जाएगी।
डीएम ने बताया कि कुछ मामलों में देखा गया है कि अवैध निर्माण हटने के बाद धार्मिक स्वरूप देकर दोबारा अतिक्रमण करने की कोशिश की जाती है। इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए सभी तहसील स्तर पर राजस्व और पुलिस की संयुक्त निगरानी टीमों को तैनात किया गया है।
🔴 अनुमति से पहले होगी सख्त जांच
डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम या आयोजन के लिए संबंधित भूमि की पूरी कागजी जांच (Paper Verification) जरूरी होगी।
उन्होंने कहा —
“अब कोई भी मेला, सभा या आयोजन तभी संभव होगा जब संबंधित भूमि की स्वामित्व रिपोर्ट, विभागीय अनुमति और भू-अभिलेख पूरी तरह स्पष्ट होंगे। बिना दस्तावेजों की जांच किए कोई भी अनुमति नहीं दी जाएगी।”
डीएम ने यह भी जोड़ा कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था गलत जानकारी देकर अनुमति प्राप्त करने की कोशिश करती है तो उस पर भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने उपजिला अधिकारियों से कहा कि हर स्तर पर राजस्व निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी और पुलिस चौकियों को सक्रिय किया जाए ताकि ग्राम समाज या सिंचाई विभाग की जमीनों पर कोई दोबारा अतिक्रमण न कर सके।
🔴 भविष्य के लिए प्रशासन का स्पष्ट रोडमैप खाका
हरिद्वार जिला प्रशासन ने अब एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत—
- हर अतिक्रमण मुक्त भूमि का सीमांकन और तारबाड़ किया जाएगा।
- विभागीय स्वामित्व का साइन बोर्ड लगाकर सूचना दी जाएगी कि भूमि ग्राम समाज, सिंचाई या अन्य विभाग की है।
- पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा।
- अवैध आयोजनों या मेले की आड़ में पुनः कब्जा करने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
- सोशल मीडिया और जनसंपर्क माध्यमों के जरिए भी जनता को जागरूक किया जाएगा कि सरकारी भूमि पर कब्जा एक दंडनीय अपराध है।
🔴 डीएम मयूर हरिद्वार दीक्षित 
“जनपद में जिन स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया है या हटाया जा रहा है, उन भूमि पर अब किसी भी प्रकार के मेले, सभा या धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी भूमि विभागीय स्वामित्व में सुरक्षित रखी जाएंगी। यदि कोई व्यक्ति दोबारा कब्जा करने या आयोजन करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, हर भूमि की तारबाड़ और बोर्ड लगाना अनिवार्य है ताकि पहचान बनी रहे।”
— मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी हरिद्वार
डीएम के इन निर्देशों के बाद प्रशासनिक हलकों में तेजी आ गई है। सभी उपजिलाधिकारी अपनी-अपनी तहसीलों में चिन्हित अतिक्रमण मुक्त भूमि की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि किसी भी तरह के अवैध मेला या धार्मिक आयोजन की अनुमति तब तक न दें जब तक कि उसकी भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी न हो जाए।
हरिद्वार प्रशासन का यह कदम न केवल सरकारी संपत्तियों को सुरक्षित करने की दिशा में अहम है, बल्कि अवैध कब्जों और धार्मिक आड़ में किए जा रहे अतिक्रमण पर भी रोक लगाने की ठोस पहल साबित होगा।
‘Daily Live Uttarakhand’ के लिए विशेष रिपोर्ट