नशा मुक्ति की दिशा में लक्सर से उठी सशक्त पहल,, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जागरूकता रैली आयोजित, मेडिकल स्टोर संचालकों को दी सख्त हिदायत,, प्रतिबंधित दवाइयाँ पाई गईं तो होगी कड़ी कार्रवाई – ड्रग्स विभाग की दो टूक चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार- नशा मुक्ति की दिशा में लक्सर से उठी सशक्त पहल,,
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जागरूकता रैली आयोजित, मेडिकल स्टोर संचालकों को दी सख्त हिदायत,,
प्रतिबंधित दवाइयाँ पाई गईं तो होगी कड़ी कार्रवाई – ड्रग्स विभाग की दो टूक चेतावनी
लक्सर। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशन में रविवार को लक्सर में नशा मुक्ति एवं उसके दुष्प्रभावों के प्रति जन-जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस विशेष अभियान का उद्देश्य समाज को नशे की लत से दूर रखना और युवाओं में बढ़ती मादक द्रव्यों की प्रवृत्ति को रोकना था।
यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, औषधि मानक नियंत्रण संगठन (एफ.डी.ए.), एवं न्यायिक अधिकारियों की संयुक्त टीम के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में जन-जागरूकता रैली, शिक्षाप्रद संवाद और मेडिकल संचालकों के साथ परामर्श सत्र का आयोजन किया गया।
🚩 रैली में गूंजा संदेश – “नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो”
रविवार सुबह जन-जागरूकता रैली का शुभारंभ बालावाली रोड से हुआ, जो तहसील लक्सर तक निकाली गई। रैली में के.वी. इंटर कॉलेज, आई.पी. इंटर कॉलेज, और अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। स्कूली बच्चों ने “नशा एक जहर है”, “नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो” और “स्वस्थ युवा, सशक्त भारत” जैसे नारों से पूरे मार्ग को गूंजायमान कर दिया।
रैली में अध्यापकगण, अधिवक्ता, आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल हुए। रैली का उद्देश्य आमजन तक यह संदेश पहुंचाना था कि नशे से न केवल व्यक्ति का भविष्य अंधकारमय होता है, बल्कि पूरा परिवार और समाज उसकी कीमत चुकाता है।
🏛️ न्यायिक अधिकारियों और प्रशासन की संयुक्त पहल
रैली के उपरांत तहसील सभागार, लक्सर में एक विस्तृत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारी श्री अनुराग त्रिपाठी एवं श्रीमती ललिता सिंह, उप जिलाधिकारी श्री सौरव असवाल, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी श्री सईद रफी अहमद, ड्रग्स इंस्पेक्टर सुश्री मेघा आनंद, ड्रग्स इंस्पेक्टर श्री हरीश तथा डीएससीओ के अधिकारी उपस्थित रहे।
सभी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से युवाओं और मेडिकल संचालकों से नशा मुक्ति की दिशा में सक्रिय भागीदारी की अपील की। न्यायिक अधिकारी श्री अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि “नशे से समाज का ढांचा कमजोर होता है। यह अभियान केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह नशे के खिलाफ आवाज उठाए।”
ड्रग्स इंस्पेक्टर सुश्री मेघा आनंद ने अपने संबोधन में कहा कि यह अभियान माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पूरे जनपद में चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया, “नशा व्यक्ति की बुद्धि और विवेक को नष्ट कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक अपराध, घरेलू हिंसा और दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। हमें मिलकर इस प्रवृत्ति पर रोक लगानी होगी।”
⚕️ मेडिकल संचालकों को सख्त चेतावनी – “प्रतिबंधित दवाएं रखें, तो कार्रवाई तय”
कार्यक्रम में विशेष रूप से लक्सर, फेरुपुर, धनपुरा, शाहपुर, बादशाहपुर, सुल्तानपुर, भिक्कमपुर, रायसी एवं खानपुर क्षेत्रों के मेडिकल स्टोर संचालकों को बुलाया गया। उन्हें निर्देशित किया गया कि वे किसी भी परिस्थिति में नशे से संबंधित या प्रतिबंधित दवाइयों का भंडारण अथवा बिक्री न करें।ड्रग्स विभाग की टीम ने साफ कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाइयाँ पाई जाती हैं तो संबंधित संचालक के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सुश्री मेघा आनंद ने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं बल्कि समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बनाना है, लेकिन जो नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्ती अनिवार्य होगी।”
इस मौके पर उपस्थित मेडिकल संचालकों ने भी प्रशासन को भरोसा दिलाया कि वे इस मुहिम में पूर्ण सहयोग देंगे और अपने प्रतिष्ठानों में केवल मान्य दवाइयों की बिक्री ही करेंगे।
🌿 सामाजिक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम
जागरूकता कार्यक्रम में वक्ताओं ने नशे के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया। विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने शपथ ली कि वे स्वयं नशे से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इससे बचाने का प्रयास करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सईद रफी अहमद ने कहा कि “यह अभियान केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह निरंतर चलने वाली सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य हर गांव, हर गली और हर व्यक्ति तक नशामुक्त संदेश पहुंचाना है।”
ड्रग्स विभाग की संयुक्त टीम ने बताया कि इस तरह के निरीक्षण और जन-जागरूकता अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे। उद्देश्य स्पष्ट है – “हरिद्वार और लक्सर को नशा मुक्त बनाना।”लक्सर में आयोजित यह अभियान न केवल जन-जागरूकता का सशक्त उदाहरण रहा, बल्कि यह प्रशासन और न्यायपालिका की संयुक्त जिम्मेदारी का भी प्रतीक बना। नशे के खिलाफ इस मुहिम ने समाज में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाई है कि यदि सभी नागरिक जागरूक हों, तो नशामुक्त उत्तराखण्ड का सपना साकार हो सकता है।