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कफ सिरप निर्माता कंपनी पर एफडीए की बड़ी कार्रवाई,, GMP मानकों के उल्लंघन पर उत्पादन बंद, बाजार में सप्लाई पर रोक — लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति,, सीनियर ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की सख्त कार्रवाई, जनता के स्वास्थ्य से समझौता नहीं — हरिद्वार में औषधि नियंत्रण विभाग की निगरानी तेज,, सिडकुल हरिद्वार की फार्मा फैक्ट्री में खुली बड़ी खामियां – पूरा स्टॉक सील, बैचों की सप्लाई रोकी गई

मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से हुई 15 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद देशभर में औषधि निर्माण इकाइयों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में हरिद्वार के सिडकुल स्थित Dr. Pals Pharmaceuticals India Private Limited पर उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग (FDA) और केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में दवा निर्माण के दौरान Good Manufacturing Practices (GMP) मानकों की गंभीर अनदेखी सामने आई, जिसके बाद फैक्ट्री का पूरा उत्पादन तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया।

इन्तजार रजा हरिद्वार- कफ सिरप निर्माता कंपनी पर एफडीए की बड़ी कार्रवाई,,
GMP मानकों के उल्लंघन पर उत्पादन बंद, बाजार में सप्लाई पर रोक — लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति,,
सीनियर ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की सख्त कार्रवाई, जनता के स्वास्थ्य से समझौता नहीं — हरिद्वार में औषधि नियंत्रण विभाग की निगरानी तेज,,

सिडकुल हरिद्वार की फार्मा फैक्ट्री में खुली बड़ी खामियां – पूरा स्टॉक सील, बैचों की सप्लाई रोकी गई

 

हरिद्वार, 10 अक्टूबर 2025।
मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से हुई 15 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद देशभर में औषधि निर्माण इकाइयों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में हरिद्वार के सिडकुल स्थित Dr. Pals Pharmaceuticals India Private Limited पर उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग (FDA) और केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में दवा निर्माण के दौरान Good Manufacturing Practices (GMP) मानकों की गंभीर अनदेखी सामने आई, जिसके बाद फैक्ट्री का पूरा उत्पादन तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया।

सिडकुल की फार्मा फैक्ट्री में खुली बड़ी खामियां – पूरा स्टॉक सील, बैचों की सप्लाई रोकी गई

सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती के नेतृत्व में की गई इस छापेमारी में टीम ने उत्पादन प्रक्रिया के दौरान कई गंभीर तकनीकी और प्रशासनिक खामियां पाईं। निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी द्वारा दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण, सफाई व्यवस्था, रॉ मटेरियल स्टोरेज और रिकॉर्ड कीपिंग जैसे अनिवार्य बिंदुओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही थी। औषधि अधिनियम 1940 के तहत ये कमियां गंभीर उल्लंघन की श्रेणी में आती हैं।जांच के दौरान टीम ने मौके पर रखी तैयार दवाओं के बैच, उत्पादन में इस्तेमाल लिक्विड और मिक्सचर को सील कर दिया। साथ ही बाजार में भेजे जाने वाले तीन प्रमुख बैचों की सप्लाई को तत्काल रोक दिया गया है। फैक्ट्री का पूरा Production Unit बंद कर दिया गया है और कंपनी से सभी उत्पादन गतिविधियां निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं। निरीक्षण टीम ने मौके से कई सैंपल एकत्र कर उन्हें लैब टेस्टिंग के लिए भेज दिया है। इन सैंपलों की रिपोर्ट आने के बाद दोष की गंभीरता के आधार पर अगली कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।

ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की सख्त चेतावनी – “जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं”

कार्रवाई के बाद सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने स्पष्ट कहा कि विभाग जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा –

“जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी स्तर पर दवा निर्माण मानकों की अनदेखी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हरिद्वार में औषधि निर्माण इकाइयों पर विशेष निगरानी अभियान लगातार जारी रहेगा।”

उन्होंने आगे कहा कि GMP मानकों का पालन न करने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा। सभी फार्मा कंपनियों को अपने उत्पादन स्थलों पर गुणवत्ता और स्वच्छता से जुड़े प्रावधानों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।

फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोर्स पर भी ताबड़तोड़ छापेमारी — पांच सैंपल जांच को भेजे

इसी अभियान के तहत औषधि विभाग की टीम ने भगवानपुर क्षेत्र की तीन सिरप निर्माण इकाइयों का भी औचक निरीक्षण किया। इनमें से एक फैक्ट्री में पशुओं के लिए सिरप का निर्माण चल रहा था, जबकि अन्य इकाइयों में उत्पादन अस्थायी रूप से बंद मिला। निरीक्षण के दौरान कंपनियों को निर्देश दिए गए कि वे मानक गुणवत्ता और सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप ही औषधि निर्माण करें।इसके अलावा, रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र की कई दवा दुकानों पर भी ड्रग विभाग ने निरीक्षण किया। दुकानों में रखे गए सिरप और कफ दवाओं की जांच की गई, और शक के आधार पर पांच सैंपल एकत्र कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए।जैसे ही शहर के मेडिकल स्टोर्स को निरीक्षण की जानकारी मिली, कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और जांच से बचने की कोशिश की। हालांकि, विभाग ने ऐसे दुकानदारों की पहचान शुरू कर दी है जिन पर नियम उल्लंघन या बिना डॉक्टर के पर्चे के दवा बेचने का संदेह है।

अनीता भारती ने सख्त लहजे में कहा —

“कफ सिरप या किसी भी दवा की बिक्री डॉक्टर की सलाह और प्रिस्क्रिप्शन के बिना नहीं की जानी चाहिए। बिना पर्चे के बिक्री करने वाले दुकानदारों पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।”

राज्य औषधि आयुक्त कार्यालय को भेजी गई रिपोर्ट — लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति

निरीक्षण के बाद विभाग ने Dr. Pals Pharmaceuticals India Pvt. Ltd. की फैक्ट्री के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट राज्य औषधि आयुक्त श्री ताजबर सिंह के कार्यालय को भेज दी है।
रिपोर्ट में पाया गया कि कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में स्वच्छता, दवा मिश्रण और पैकेजिंग से जुड़ी कई प्रक्रियाएं GMP मानकों के विपरीत की जा रही थीं।एफडीए ने कंपनी का ड्रग मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति की है, ताकि ऐसे उत्पाद भविष्य में बाजार तक न पहुंचें जो जनता के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं।राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केंद्र और राज्य की संयुक्त निगरानी योजना के तहत की गई है। इस योजना का उद्देश्य है कि किसी भी राज्य में घटिया, असुरक्षित या अमानक दवाओं का उत्पादन और वितरण न हो सके।

राज्य भर में जारी अभियान – हरिद्वार बना निगरानी का मॉडल ज़ोन

उत्तराखंड औषधि विभाग ने हाल के महीनों में औषधि नियंत्रण और गुणवत्ता निगरानी को लेकर बड़ी रणनीति तैयार की है। हरिद्वार जिला इस अभियान का Model Monitoring Zone बनाया गया है।यहां औषधि विभाग की संयुक्त टीमें सिडकुल, भगवानपुर, रुड़की, लक्सर और झबरेड़ा क्षेत्रों में लगातार छापेमारी कर रही हैं। कई दवा दुकानों से अब तक संदिग्ध दवाओं के 30 से अधिक सैंपल जांच को भेजे जा चुके हैं। दोषी पाए जाने वाले कारोबारियों पर लाइसेंस निलंबन, जुर्माना और एफआईआर जैसी कार्रवाई की जा रही है।

“सुरक्षित दवा, स्वस्थ जनता” — यही लक्ष्य

औषधि नियंत्रण विभाग का कहना है कि जनता तक केवल सुरक्षित, मानक और गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही पहुंचें, यही उनका प्रमुख लक्ष्य है।
इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि विभाग किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से समझौता नहीं करेगा। एफडीए और सीडीएससीओ की यह संयुक्त कार्रवाई न केवल हरिद्वार बल्कि उत्तराखंड के समूचे औषधि उद्योग के लिए एक सख्त चेतावनी है — कि अब नियमों की अनदेखी पर सख्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई तय है।

📍 सारांश में:

  • सिडकुल स्थित Dr. Pals Pharmaceuticals में GMP उल्लंघन पाए गए।
  • फैक्ट्री का उत्पादन तत्काल बंद, पूरा स्टॉक सील।
  • तीन बैचों की सप्लाई रोकी गई, लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति।
  • रुड़की और भगवानपुर में कई दवा दुकानों पर औचक निरीक्षण।
  • पांच सैंपल जांच को भेजे गए, शक वाले दुकानदारों की पहचान जारी।
  • सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की सख्त चेतावनी – “स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं।”

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