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अपनी ही हत्या की 30 लाख की सुपारी,, पूर्व जिला पंचायत सदस्य की सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश — पुलिस ने खुद के जाल में फंसे “नटवरलाल नेता” को पकड़ा,, बहादराबाद पुलिस की सटीक जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच, छह आरोपी हिरासत में, लाइसेंसी पिस्टल जब्त,, बहादराबाद पुलिस की जांच में खुली पोल — “फर्जी हत्या की पटकथा” खुद लिखी थी जाकिर ने

हरिद्वार के थाना बहादराबाद पुलिस ने ऐसी साजिश का खुलासा किया है जिसने पूरे जनपद को दंग कर दिया — यहां एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने अपने ही विपक्षी को फंसाने के लिए “अपनी ही हत्या” की झूठी कहानी रच डाली। खुद को मारने की सुपारी देने का झूठा आरोप लगाकर यह नेता पुलिस को गुमराह करना चाहता था, लेकिन बहादराबाद पुलिस की सूझबूझ और तेज़ जांच ने सबका खेल बिगाड़ दिया।

इन्तजार रजा हरिद्वार- अपनी ही हत्या की 30 लाख की सुपारी,,
पूर्व जिला पंचायत सदस्य की सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश — पुलिस ने खुद के जाल में फंसे “नटवरलाल नेता” को पकड़ा,,
बहादराबाद पुलिस की सटीक जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच, छह आरोपी हिरासत में, लाइसेंसी पिस्टल जब्त,,

बहादराबाद पुलिस की जांच में खुली पोल — “फर्जी हत्या की पटकथा” खुद लिखी थी जाकिर ने

हरिद्वार के थाना बहादराबाद पुलिस ने ऐसी साजिश का खुलासा किया है जिसने पूरे जनपद को दंग कर दिया — यहां एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने अपने ही विपक्षी को फंसाने के लिए “अपनी ही हत्या” की झूठी कहानी रच डाली। खुद को मारने की सुपारी देने का झूठा आरोप लगाकर यह नेता पुलिस को गुमराह करना चाहता था, लेकिन बहादराबाद पुलिस की सूझबूझ और तेज़ जांच ने सबका खेल बिगाड़ दिया।

दरअसल, यह पूरा मामला ग्राम घोड़ेवाला निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य जाकिर पुत्र ताहिर हसन से जुड़ा है, जिसने दिनांक 12 अक्टूबर 2025 को थाना बहादराबाद में तहरीर दी थी कि उसका विपक्षी जावेद पुत्र याकूब और उसके साथी उसकी हत्या करवाने के लिए 30 लाख रुपये की सुपारी दे चुके हैं। इस आरोप में उसने जलालपुर और रुड़की के कुछ युवकों को भी शामिल बताया था। जाकिर की इस सनसनीखेज शिकायत से पुलिस भी हैरान हो उठी। मामला जमीनी विवाद से जुड़ा था और जाकिर ने आरोप लगाया कि विपक्षी उस विवाद को लेकर उसे रास्ते से हटाना चाहता है।

बहादराबाद पुलिस की जांच में खुली पोल — “फर्जी हत्या की पटकथा” खुद लिखी थी जाकिर ने

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष बहादराबाद को गहन जांच के निर्देश दिए। इसके बाद थानाध्यक्ष बहादराबाद के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने जाकिर द्वारा बताए गए नामों — आजम, उस्मान, सोहेल, खालिक और शाजिद — से पूछताछ शुरू की।

पूछताछ के दौरान जैसे-जैसे सच सामने आता गया, पुलिस के होश उड़ गए। जांच में पता चला कि जाकिर ने खुद अपनी हत्या का नाटक रचा था। दरअसल, जावेद पुत्र याकूब से पिछले तीन-चार सालों से उसका जमीनी विवाद चल रहा था। जाकिर चाहता था कि किसी तरह विपक्षी को फंसाकर पुलिस केस में उलझा दिया जाए ताकि न्यायालय में चल रहा विवाद उसके पक्ष में झुक जाए। इसी मकसद से जाकिर ने अपने तीन साथियों — आजम, उस्मान और सोहेल — को ₹50,000 का लालच देकर योजना बनाई कि वे उसकी ही कार पर फायरिंग करें और इस घटना को वीडियो बनाकर हत्या की साजिश जैसा दिखाया जाए। इस योजना के तहत अपनी ही लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग करने की बात तय हुई थी। लेकिन पुलिस टीम की पैनी जांच और पूछताछ में पूरा सच सामने आ गया। आरोपी आपस में ही उलझ गए, और थाने में ही एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। इसी दौरान पूरी साजिश का “दूध का दूध, पानी का पानी” हो गया।

लाइसेंसी पिस्टल जब्त, छह आरोपी हिरासत में — जाकिर के खिलाफ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज

जांच के दौरान पता चला कि जाकिर की पिस्टल का लाइसेंस पहले ही समाप्त हो चुका था, लेकिन वह उसे अपने भतीजे खालिक के पास रखे हुए था।
पुलिस ने पिस्टल बरामद कर आर्म्स एक्ट की धारा 21/30 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

हिरासत में लिए गए आरोपी इस प्रकार हैं —

  1. जाकिर पुत्र ताहिर, निवासी घोड़ेवाला, थाना बहादराबाद
  2. खालिक पुत्र सुलेमान, निवासी घोड़ेवाला
  3. उस्मान पुत्र लियाकत, निवासी जलालपुर, कोतवाली रुड़की
  4. सोहेल पुत्र हसरत, निवासी सोत मोहल्ला, कोतवाली रुड़की
  5. आजम पुत्र इलियास, निवासी कान्हापुर, कोतवाली रुड़की
  6. शाजिद पुत्र सुलेमान, निवासी घोड़ेवाला, थाना बहादराबाद इन सभी के विरुद्ध धारा 170 बी.एन.एस.एस. के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।

कानून का फंदा उसी के गले पड़ा जिसने जाल बिछाया था

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि “किसी से विवाद होना एक बात है, लेकिन झूठे आरोप लगाकर निर्दोष को फंसाने की कोशिश बेहद गंभीर अपराध है।”उन्होंने कहा कि इस तरह की चालें अंततः व्यक्ति को अपने ही जाल में फंसा देती हैं — जैसा कि जाकिर के साथ हुआ।पुलिस ने बताया कि पिस्टल के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट संबंधित प्राधिकारी को भेज दी गई है और आगे भी इस तरह के झूठे मुकदमों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जाकिर का आपराधिक इतिहास — पहले भी कई गंभीर मामलों में फंसा

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, जाकिर का आपराधिक इतिहास पहले से ही काफी लंबा है। उसके खिलाफ पहले दर्ज मामलों में शामिल हैं —

  1. मु0अ0सं0 94/2013, धारा 147, 148, 149, 323, 326, 504, 506 भादवि
  2. मु0अ0सं0 485/2016, धारा 147, 170, 332, 353, 427, 504 भादवि
  3. मु0अ0सं0 215/2022, धारा 323, 324, 452, 504, 506 भादवि  कि जाकिर पहले भी कई बार हिंसक विवादों और सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसे गंभीर आरोपों में घिरा रहा है।

हरिद्वार पुलिस की सख्त चेतावनी — “कानून से खिलवाड़ किया तो नतीजा भुगतना पड़ेगा”

बहादराबाद पुलिस ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ सच्चाई उजागर की, बल्कि एक मिसाल पेश की कि पुलिस की गहन जांच से कोई भी चालबाज बच नहीं सकता।

“कानून के साथ छल करने वाला, किसी निर्दोष को झूठे मुकदमे में फंसाने वाला व्यक्ति स्वयं अपने ही झूठ के जाल में फंस जाता है। ऐसे हर मामले में हरिद्वार पुलिस निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई जारी रखेगी।”

यह मामला सिर्फ एक जमीनी विवाद नहीं बल्कि झूठ की सबसे खतरनाक साजिश थी — जहां एक व्यक्ति ने सत्ता और साजिश के सहारे कानून को ठगने की कोशिश की। लेकिन बहादराबाद पुलिस की तेज़, निष्पक्ष और सटीक जांच ने दिखा दिया कि “सच को दबाने वाला खुद ही कानून की गिरफ्त में आता है।” हरिद्वार पुलिस की यह कार्रवाई पूरे जिले के लिए संदेश है कि झूठ का जाल कितना भी बुनो, कानून का फंदा आखिर पकड़ ही लेता है।

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