राज्य कर विभाग के कर्मचारियों ने हरिद्वार GST कार्यालय में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध,, राज्य कर विभाग में 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आठवें दिन भी जारी रहा आंदोलन,, 16 अक्टूबर तक नहीं हुई कार्रवाई तो एक घंटे की गेट मीटिंग की चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार- राज्य कर विभाग के कर्मचारियों ने हरिद्वार GST कार्यालय में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध,,
राज्य कर विभाग में 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आठवें दिन भी जारी रहा आंदोलन,,
16 अक्टूबर तक नहीं हुई कार्रवाई तो एक घंटे की गेट मीटिंग की चेतावनी
हरिद्वार, 13 अक्टूबर 2025।
उत्तराखण्ड राज्यकर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के आह्वान पर राज्य कर विभाग, रोशनाबाद हरिद्वार में कर्मचारियों ने सोमवार को भी काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध जारी रखा। कर्मचारियों ने राजकीय कार्य करते हुए सरकार के समक्ष अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर आठवें दिन भी विरोध दर्ज कराया। राज्य कर विभाग हरिद्वार शाखा के अध्यक्ष अजयपाल एवं शाखा मंत्री देवेंद्र रावत के नेतृत्व में यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किया गया, जिसमें विभाग के सभी स्तर के कर्मचारियों ने एकजुट होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
कर्मचारी बोले— 2006 के बाद नहीं हुआ ढांचे का पुनर्गठन
कर्मचारियों ने बताया कि विभाग में वर्ष 2006 के बाद से अब तक कर्मचारियों के ढांचे का पुनर्गठन नहीं किया गया है, जबकि इसी अवधि में अधिकारियों के संवर्ग का कई बार पुनर्गठन कर पदों में वृद्धि की गई है।
राज्य कर विभाग में अधिकारियों के संवर्ग के स्वीकृत पदों की संख्या 481 है, जबकि कर्मचारियों के संवर्ग की संख्या मात्र 777 है। यह संरचना सरकारी कार्यालयों के मानकों के विपरीत है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी व्याप्त है। कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों की तुलना में कर्मचारियों के पद संरचना असंतुलित होने के कारण कार्यभार अधिक और पदोन्नति की संभावनाएं सीमित हैं।
मुख्य 10 सूत्रीय मांगें: समानता और संरचनात्मक सुधार की पुकार
प्रदर्शन में कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष 10 सूत्रीय मांगों को प्रमुखता से रखा।
इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं—
- अधिकारियों की तर्ज पर कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन।
- राज्य कर अधिकारियों की नियमावली एवं समान्यांतर्गत पदोन्नति की व्यवस्था।
- परित्याग नियमावली से विभाग को अवमुक्त करने की मांग।
- सरकारी आवास की समुचित व्यवस्था।
- विभागीय कार्यप्रणाली में समान अवसर एवं संसाधनों का वितरण।
- पदोन्नति में पारदर्शिता एवं वरिष्ठता का सम्मान।
- स्थानांतरण नीति में न्यायपूर्ण व्यवस्था।
- कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं सुविधाओं का विस्तार।
- लंबित भत्तों एवं देयकों के शीघ्र भुगतान की मांग।
- विभागीय प्रशिक्षण एवं योग्यता विकास कार्यक्रमों का नियमित आयोजन।
कर्मचारियों का कहना है कि ये मांगें कोई नई नहीं हैं, बल्कि वर्षों से लंबित हैं। कई बार ज्ञापन देने के बावजूद शासन स्तर पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई।
कर्मचारियों ने दी चेतावनी— 16 अक्टूबर तक नहीं हुई कार्रवाई तो होगी गेट मीटिंग तय
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि 16 अक्टूबर 2025 तक सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई, तो सभी शाखाओं में एक घंटे की गेट मीटिंग आयोजित की जाएगी।
हरिद्वार शाखा में भी इस मीटिंग के तहत विभागीय कार्य को प्रतीकात्मक रूप से रोका जाएगा और कर्मचारी एक स्वर में अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
शाखा अध्यक्ष अजयपाल ने कहा कि विभाग के कर्मचारी सरकार के साथ सहयोगी भाव से काम करते हैं, परंतु जब वर्षों की मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जाता है, तो यह आक्रोश स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हमेशा विकास और राजस्व वृद्धि के लिए समर्पित रहे हैं, लेकिन बिना संरचनात्मक सुधार के काम का बोझ और असमानता दोनों बढ़ती जा रही हैं। शाखा मंत्री देवेंद्र रावत ने कहा कि कर्मचारियों का यह विरोध सरकार को याद दिलाने का प्रयास है कि संगठन की ताकत एकता में है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संवर्ग की समस्याओं के समाधान में अब विलंब उचित नहीं है।
संरक्षक और प्रांतीय पदाधिकारियों ने जताया समर्थन
इस दौरान उत्तराखण्ड राज्यकर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री इन्द्रजीत ने कहा कि यह विरोध पूरे प्रदेश में एकजुटता के साथ चल रहा है। उन्होंने हरिद्वार शाखा के शांतिपूर्ण एवं अनुशासित आंदोलन की सराहना की।
हरिद्वार शाखा के संरक्षक राजेन्द्र बोहरा और सलाहकार राजीव यादव ने भी कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान अब समय की मांग है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के ढांचे की तरह कर्मचारियों के ढांचे में भी समानता लाने से विभागीय दक्षता और मनोबल दोनों बढ़ेंगे।
कर्मचारियों की एकजुटता ने सरकार को दिया स्पष्ट संदेश
राज्य कर विभाग हरिद्वार की यह आठवें दिन की विरोध कार्रवाई पूर्णतः अनुशासित और संयमित रही। सभी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपने कार्यालयीन दायित्वों का निर्वहन करते हुए विरोध दर्ज कराया।
इस दौरान प्रीति, सविता रावत, नूतन, राजेश विश्वकर्मा, दयाल सिंह, अनुज, नौशाद, मोहित, कुलदीप चौहान, सचिन, सुमित, शमशेर, अमित, मुकेश, वतन भारती, हिमांशी, अनुराधा सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।
कर्मचारियों का कहना है कि यह विरोध सरकार को यह संदेश देने के लिए है कि अब कर्मचारियों की उपेक्षा और असमानता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते पहल नहीं की, तो आंदोलन चरणबद्ध रूप में और व्यापक होगा।
संवाद और समाधान ही रास्ता: कर्मचारियों की अपील
अंत में कर्मचारियों ने सरकार से संवाद की पहल करने की अपील की। उनका कहना है कि विभागीय कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं चाहते, लेकिन जब तक समान अवसर और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक विरोध जारी रहेगा।
हरिद्वार शाखा के अध्यक्ष अजयपाल ने कहा कि “हम सरकार के साथ संवाद के लिए तैयार हैं, परंतु संवाद के बिना समाधान संभव नहीं।” राज्य कर विभाग हरिद्वार की इस आठवें दिन की एकजुट कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि कर्मचारी अपने अधिकारों को लेकर अब पीछे नहीं हटेंगे। 16 अक्टूबर तक सरकार के रुख पर सभी की निगाहें टिकी हैं— क्योंकि अब यह आंदोलन केवल मांगों का नहीं, बल्कि समानता और न्याय की आवाज बन चुका है।