दरगाह पिरान कलियर में गोलक गिनती के दौरान हुई गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई,, दरगाह सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन निलंबित,, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की ने दिए सख्त निर्देश,, वक्फ प्रबंधन ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए की तत्काल कार्रवाई, रिपोर्ट भेजी जाएगी वक्फ बोर्ड को,, दरगाह दफ्तर में 10 सालों से ज्यादा एक ही कुर्सी पर जमे सुपरवाईजरो की भी हिल सकती है कुर्सी,, दरगाह दफ्तर मे परमानेंट बाबूओ की नियुक्ति क्यों नहीं, पनप रहा है रोष,, करीब दस सालो से ज्यादा चुनिंदा चेहरों के हाथों में ही दफ्तर की कमान क्यों? ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने की जीरो टॉलरेंस नीति सुनवाई, आदेशित किया निलंबन
दरगाह पिरान कलियर में श्रद्धालुओं द्वारा दी जाने वाली गोलक दानराशि की गिनती के दौरान सामने आई कथित अनियमितता के मामले में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। दरगाह प्रबंधन ने सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की के आदेशों के अनुपालन में की गई है।

इन्तजार रजा हरिद्वार- दरगाह पिरान कलियर में गोलक गिनती के दौरान हुई गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई,,
दरगाह सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन निलंबित,, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की ने दिए सख्त निर्देश,,
वक्फ प्रबंधन ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए की तत्काल कार्रवाई, रिपोर्ट भेजी जाएगी वक्फ बोर्ड को,,
दरगाह दफ्तर में 10 सालों से ज्यादा एक ही कुर्सी पर जमे सुपरवाईजरो की भी हिल सकती है कुर्सी,, दरगाह दफ्तर मे परमानेंट बाबूओ की नियुक्ति क्यों नहीं, पनप रहा है रोष,, करीब दस सालो से ज्यादा चुनिंदा चेहरों के हाथों में ही दफ्तर की कमान क्यों?
🔹 ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने की जीरो टॉलरेंस नीति सुनवाई, आदेशित किया निलंबन

दरगाह पिरान कलियर में श्रद्धालुओं द्वारा दी जाने वाली गोलक दानराशि की गिनती के दौरान सामने आई कथित अनियमितता के मामले में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। दरगाह प्रबंधन ने सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की के आदेशों के अनुपालन में की गई है।
दरगाह प्रबंधन कार्यालय द्वारा जारी आदेश (पत्रांक 3/21/व०द०पि०क०/2025-26, दिनांक 15-10-2025) में उल्लेख किया गया है कि दिनांक 11 जुलाई 2025 को साबरी गेस्ट हाउस में गोलकों की गिनती के दौरान राव सिकंदर हुसैन की ड्यूटी लगाई गई थी। इस दौरान शिकायत मिली कि उन्होंने गोलक से धनराशि उठाकर अपनी जेब में रखी। यह मामला तुरंत उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया और मामले की जांच के लिए रिपोर्ट तैयार की गई।
🔹 ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने की जीरो टॉलरेंस नीति सुनवाई, आदेशित किया निलंबन
शिकायत के निस्तारण हेतु ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की द्वारा दिनांक 13 अक्टूबर 2025 को सुनवाई रखी गई, जिसमें सुपरवाइजर सिकंदर हुसैन को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। सुनवाई के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महोदय ने मामले को गंभीर मानते हुए उन्हें अग्रिम आदेशों तक निलंबित किए जाने के निर्देश जारी किए। आदेश के अनुसार, यह निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और इसकी सूचना सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।
🔹 दरगाह प्रबंधन की प्रबंधक श्रीमती रज़िया – “शुचिता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता”
🔹 वक्फ बोर्ड करेगा अगली कार्यवाही विस्तृत जांच रिपोर्ट विवरण का इन्तजार
मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड, देहरादून को मामले की प्रतिलिपि भेजी गई है।
वक्फ बोर्ड अब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आदेशों और दरगाह प्रबंधन की रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच करेगा।
संभावना है कि बोर्ड इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच समिति गठित कर पूरी गिनती प्रक्रिया और कर्मचारियों की भूमिका की समीक्षा करेगा। सूत्रों के अनुसार, भविष्य में सभी गोलक गिनती प्रक्रियाओं को सीसीटीवी निगरानी और डिजिटल रिकॉर्डिंग के दायरे में लाने का भी प्रस्ताव है, ताकि किसी प्रकार की अनियमितता दोबारा न हो।
🔹 श्रद्धालुओं में थी नाराजगी, और बढ़ रही पारदर्शिता की मांग
घटना के बाद दरगाह परिसर में श्रद्धालुओं और सेवादारों के बीच चर्चा का माहौल बना हुआ है। कई श्रद्धालुओं ने इसे “आस्था से खिलवाड़” बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि “गोलक की राशि पवित्र भावना से दी जाती है, इसलिए ऐसे मामलों में कठोर उदाहरणात्मक दंड दिया जाना चाहिए।” कुछ श्रद्धालुओं ने यह भी सुझाव दिया कि भविष्य में गोलक गिनती खुले सार्वजनिक निगरानी में और वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ की जानी चाहिए, ताकि लोगों का विश्वास बरकरार रहे।
🔹 दरगाह की साख और जिम्मेदारी पर उठे सवाल
दरगाह पिरान कलियर, उत्तर भारत के प्रमुख सूफी स्थलों में से एक है, जहां हर रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन और चादरपोशी के लिए आते हैं। ऐसे में गोलक गिनती से जुड़ी यह अनियमितता दरगाह की साख और वक्फ प्रबंधन की विश्वसनीयता दोनों पर प्रश्नचिह्न लगाती है। धार्मिक संस्थानों में आर्थिक पारदर्शिता हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, और इस घटना ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि धार्मिक निधियों के संचालन में सख्त निगरानी और जवाबदेही की आवश्यकता है।
🔹 अनुशासनहीनता पर प्रबंधन का कड़ा संदेश
दरगाह प्रबंधन ने अन्य कर्मचारियों को भी चेताया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही, अनुशासनहीनता या आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। “यह निलंबन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि दरगाह की पवित्रता और जवाबदेही को बनाए रखने के लिए लिया गया कदम है,” प्रबंधक रज़िया ने कहा।
दरगाह पिरान कलियर में गोलक गिनती से जुड़ी अनियमितता का यह मामला एक बार फिर धार्मिक संस्थाओं में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही की अहमियत को रेखांकित करता है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की के हस्तक्षेप और वक्फ प्रबंधन की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि विश्वास से जुड़ी संस्थाओं में भ्रष्टाचार या गड़बड़ी के लिए कोई जगह नहीं है। अब सबकी निगाहें वक्फ बोर्ड देहरादून की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि इस प्रकरण में आगे की कार्रवाई किस स्तर तक जाती है।