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ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की अगुवाई में औषधि विभाग टीम औषधि निरीक्षक हरीश सिंह, सुश्री मेघा ने हरिद्वार के रूड़की क्षैत्र में अवैध दवाओं का बड़ा जखीरा पकड़ा,, 🔹राजस्थान–मध्यप्रदेश सरकार की मोहर लगी दवाएँ बरामद 🔹,, औषधि विभाग की सटीक कार्रवाई — 12 प्रकार की ऐलोपैथिक दवाएँ जब्त,, जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए ड्रग्स विभाग हरिद्वार के सख्त तेवर — “अवैध दवा कारोबार पर किसी भी कीमत पर नहीं होगी ढील

हरिद्वार औषधि विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए रूड़की क्षेत्र में अवैध दवाओं का जखीरा बरामद किया है। यह छापेमारी वरिष्ठ औषधि निरीक्षक सुश्री अनीता भारती के नेतृत्व में की गई, जिसमें टीम में औषधि निरीक्षक श्री हरीश सिंह और सुश्री मेघा शामिल थीं। ग्राम सलीयर, रूड़की स्थित एम/एस फलक नाज़ नामक प्रतिष्ठान पर यह कार्रवाई की गई। यह प्रतिष्ठान बिना किसी वैध औषधि लाइसेंस के संचालित किया जा रहा था और आसपास के बिना पंजीकृत चिकित्सकों (झोला छाप डॉक्टरों) को दवाएँ बेचने का गोरखधंधा चला रहा था।

इन्तजार रजा हरिद्वार🔹 ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की अगुवाई में औषधि विभाग टीम औषधि निरीक्षक हरीश सिंह, सुश्री मेघा ने हरिद्वार के रूड़की क्षैत्र में अवैध दवाओं का बड़ा जखीरा पकड़ा🔹,,
🔹राजस्थान–मध्यप्रदेश सरकार की मोहर लगी दवाएँ बरामद 🔹,,
🔹औषधि विभाग की सटीक कार्रवाई — 12 प्रकार की ऐलोपैथिक दवाएँ जब्त,,

🔸जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए ड्रग्स विभाग हरिद्वार के सख्त तेवर — “अवैध दवा कारोबार पर किसी भी कीमत पर नहीं होगी ढील

हरिद्वार/रुड़की 14 अक्टूबर 2025।
हरिद्वार औषधि विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए रूड़की क्षेत्र में अवैध दवाओं का जखीरा बरामद किया है। यह छापेमारी वरिष्ठ औषधि निरीक्षक सुश्री अनीता भारती के नेतृत्व में की गई, जिसमें टीम में औषधि निरीक्षक श्री हरीश सिंह और सुश्री मेघा शामिल थीं। ग्राम सलीयर, रूड़की स्थित एम/एस फलक नाज़ नामक प्रतिष्ठान पर यह कार्रवाई की गई। यह प्रतिष्ठान बिना किसी वैध औषधि लाइसेंस के संचालित किया जा रहा था और आसपास के बिना पंजीकृत चिकित्सकों (झोला छाप डॉक्टरों) को दवाएँ बेचने का गोरखधंधा चला रहा था।

🔸अवैध दवा कारोबार का खुलासा — सरकारी मोहर लगी दवाएँ जब्त

गुप्त सूचना के आधार पर औषधि विभाग की टीम ने जब परिसर की तलाशी ली तो वहाँ विभिन्न प्रकार की एलोपैथिक दवाएँ मिलीं। चौंकाने वाली बात यह रही कि कुछ दवाओं पर राजस्थान सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की आपूर्ति हेतु मोहर लगी हुई थी, जो केवल सरकारी अस्पतालों और संस्थानों के उपयोग के लिए होती हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि ये दवाएँ अवैध तरीके से सरकारी सप्लाई चैन से बाहर निकाली गईं और अब निजी अवैध नेटवर्क में बेची जा रही थीं।
संचालक से जब औषधि लाइसेंस या क्रय-विक्रय अभिलेख मांगे गए, तो वह कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। यह स्थिति खुद उसके अपराध को स्पष्ट रूप से उजागर कर रही थी।

🔸औषधि विभाग की सटीक कार्रवाई — 12 प्रकार की दवाएँ जब्त

औषधि विभाग की टीम ने मौके पर ही 12 प्रकार की एलोपैथिक दवाएँ जब्त कीं। विभाग द्वारा नियमानुसार जप्ती मेमो (Form-16) और स्पॉट मेमो मौके पर तैयार किए गए। सभी बरामद दवाओं को गवाहों की मौजूदगी में पैक कर सीलबंद किया गया। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि बरामद दवाओं की जांच और आगे की कार्रवाई औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं संबंधित नियमों के तहत की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह मामला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ है।

🔸जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए सख्त तेवर — “अवैध कारोबार पर किसी भी कीमत पर नहीं होगी ढील”

वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने कहा—

“औषधि विभाग जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। किसी भी प्रकार का अवैध दवा व्यापार सख्ती से रोका जाएगा। विभाग की कार्रवाई आगे भी इसी दृढ़ता से जारी रहेगी।”

औषधि निरीक्षक हरीश सिंह ने कहा—

“अवैध रूप से दवाओं की बिक्री या भंडारण करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनता तक केवल अधिकृत और सुरक्षित दवाएँ ही पहुँचें।”

वहीं औषधि निरीक्षक सुश्री मेघा ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा—

“ऐसी अवैध गतिविधियाँ न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा हैं। दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई कर उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा।”

🔸औषधि विभाग की सतर्कता से बच नहीं पाएंगे अवैध कारोबारी

यह छापेमारी इस बात का प्रमाण है कि औषधि विभाग अब अवैध कारोबारियों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है। स्वास्थ्य सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में हरिद्वार जिले में कई बार झोला छाप डॉक्टरों और अवैध औषधि विक्रेताओं पर कार्रवाई की जा चुकी है। मगर इस बार बरामद दवाओं पर सरकारी मोहर लगना एक गंभीर और चिंताजनक संकेत है — यह न केवल भ्रष्ट आपूर्ति चैन की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कुछ लोग सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग कर जनता की जान जोखिम में डाल रहे हैं।

🔸अब जिलेभर में और बढ़ाई जाएगी निगरानी

औषधि विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आगे आने वाले दिनों में जिलेभर में अवैध औषधि व्यापार और झोला छाप चिकित्सकों पर निगरानी और सख्त की जाएगी।
औषधि निरीक्षक टीम ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि कहीं भी संदिग्ध दवा व्यापार या बिना लाइसेंस दवा विक्रय की सूचना मिले, तो तत्काल विभाग को अवगत कराएँ।

रूड़की में हुई यह कार्रवाई केवल एक अवैध दवा कारोबार का पर्दाफाश नहीं, बल्कि यह संदेश भी है कि औषधि विभाग अब जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति पर काम कर रहा है। आने वाले समय में ऐसी और भी सख्त कार्रवाइयों की पूरी संभावना है, जिससे अवैध दवा नेटवर्क का सफाया किया जा सके।

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