अर्धकुंभ 2027 की तैयारीयों पर हरिद्वार को बड़ी सौगात,, पथरी रोह में बनेगा 60 मीटर लंबा पक्का पुल,, 9.10 करोड़ की लागत से होगा निर्माण, श्रद्धालुओं और ग्रामीणों को मिलेगी राहत

इन्तजार रजा हरिद्वार- अर्धकुंभ 2027 की तैयारीयों पर हरिद्वार को बड़ी सौगात,,
पथरी रोह में बनेगा 60 मीटर लंबा पक्का पुल,,
9.10 करोड़ की लागत से होगा निर्माण, श्रद्धालुओं और ग्रामीणों को मिलेगी राहत
Daily Live Uttarakhand राज्य ब्यूरो, देहरादून
अर्धकुंभ-2027 की तैयारियों को गति देते हुए हरिद्वार को एक और बड़ी सौगात मिली है। लोक निर्माण विभाग (PWD) अब पथरी रोह क्षेत्र में 60 मीटर लंबा और 7.5 मीटर चौड़ा आरसीसी कंक्रीट पुल बनाने जा रहा है। 9.10 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल श्रद्धालुओं, ग्रामीणों और स्थानीय वाहनों के लिए वरदान साबित होगा।पथरी रोह हरिद्वार के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, जहां से होकर लाखों श्रद्धालु कुंभ या अर्धकुंभ के दौरान गुजरते हैं। मौजूदा अस्थायी पुल हर बार भीड़ और भारी वाहनों के दबाव में कमजोर साबित होता रहा है। ऐसे में यह नया स्थायी पुल हरिद्वार के यातायात प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
भीड़ और जाम से मिलेगी स्थायी राहत
कुंभ के दौरान हरिद्वार प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है यातायात नियंत्रण की। मौजूदा अस्थायी पुल न तो वाहनों का भार झेल पाता है और न ही श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए सुरक्षित है। नया आरसीसी पुल इस समस्या का स्थायी समाधान बनेगा।
पुल के दोनों ओर पैदल यात्रियों के लिए पाथवे, मजबूत स्टील गार्ड रेलिंग और हाई-ग्रेड कंक्रीट का प्रयोग किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह पुल न केवल मेले में भीड़ का दबाव कम करेगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं के लिए भी तेज और सुरक्षित मार्ग बनेगा।
आधुनिक तकनीक से बनेगा मजबूत पुल
पथरी क्षेत्र की मिट्टी में नमी और सिल्ट की मात्रा अधिक होने के कारण यहां डीप वेल फाउंडेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक पुल को लंबे समय तक स्थिर और बाढ़-प्रतिरोधी बनाएगी। पुल की ऊंचाई फ्लड लेवल से लगभग 2.5 मीटर ऊपर रखी जाएगी, ताकि बरसात और बाढ़ के समय यातायात प्रभावित न हो।
दोनों ओर स्कार प्रोटेक्शन दीवारें और गार्डनिंग एम्बैंकमेंट भी बनाई जाएंगी, जिससे जल प्रवाह से कटाव नहीं होगा। विभाग ने थर्ड पार्टी ऑडिट और जियो-टेक्निकल सर्वे को अनिवार्य किया है ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न रहे। “यह पुल हरिद्वार–पथरी–लक्सर मार्ग को स्थायी रूप से जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण लिंक साबित होगा। निर्माण में सुरक्षा और स्थायित्व सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
ग्रामीणों और तीर्थयात्रियों के लिए वरदान
पुल बनने से पथरी, लक्सर, लालजीवाला, गौरीशंकर और आसपास के गांवों को हरिद्वार शहर से बेहतर संपर्क मिलेगा। ग्रामीणों, किसानों और स्थानीय व्यापारियों के लिए यह पुल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। सबसे अहम बात, देहात क्षेत्रों से आने-जाने वाले वाहनों को अब शहर में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे हरिद्वार शहर के भीतर जाम में कमी आएगी।
राज्य सरकार ने इस परियोजना को अर्धकुंभ की प्राथमिक योजनाओं में शामिल किया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। विभाग ने लक्ष्य तय किया है कि यह पुल वर्ष 2026 के मध्य तक तैयार हो जाएगा ताकि अर्धकुंभ-2027 से पहले इसे उपयोग में लाया जा सके। संक्षेप में, पथरी रोह का यह 60 मीटर लंबा आरसीसी पुल न केवल श्रद्धालुओं के लिए राहत का मार्ग बनेगा, बल्कि हरिद्वार की आधारभूत संरचना में एक सशक्त जोड़ साबित होगा — विकास, सुरक्षा और सुविधा का नया प्रतीक।