भ्रूण लिंग जांच पर प्रशासन का बड़ा एक्शन,, – डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर पीसीपीएनडीटी समिति की बैठक सीएमओ डॉ आर के सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न,, अवैध जांच करने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश, निरीक्षण टास्क टीमें हुई अलर्ट,, पांच नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों को मंजूरी, दो निरस्त – पांच का हुआ नवीनीकरण

इन्तजार रजा हरिद्वार- भ्रूण लिंग जांच पर प्रशासन का बड़ा एक्शन,, – डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर पीसीपीएनडीटी समिति की बैठक सीएमओ डॉ आर के सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न,,
अवैध जांच करने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश, निरीक्षण टास्क टीमें हुई अलर्ट,,
पांच नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों को मंजूरी, दो निरस्त – पांच का हुआ नवीनीकरण
इन्तजार रजा, हरिद्वार
हरिद्वार जिले में अवैध भ्रूण लिंग जांच पर अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के सख्त निर्देशों के बाद पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के अंतर्गत जिला सलाहकार समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में भ्रूण लिंग जांच रोकथाम से जुड़े अहम निर्णय लिए गए और निरीक्षण टीमों को सख्त निर्देश जारी किए गए कि जिले में किसी भी तरह की अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक के दौरान 7 नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों की पंजीकरण पत्रावलियों पर विचार किया गया, जिनमें से 5 केंद्रों को मंजूरी, 2 को निरस्त किया गया। वहीं 5 केंद्रों का नवीनीकरण भी किया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भ्रूण लिंग जांच जैसे अपराध पर अब और ज्यादा निगरानी रखी जाएगी ताकि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को और मजबूती मिले।
ऑनलाइन भ्रूण लिंग जांच विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध – डॉ. अशोक तोमर
बैठक में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार तोमर ने कहा कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से भ्रूण लिंग जांच से संबंधित किसी भी प्रकार के विज्ञापन, यूट्यूब वीडियो या वेबसाइट सामग्री को बढ़ावा देना गंभीर अपराध है। उन्होंने चेतावनी दी कि
“ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी प्लेटफॉर्म पर भ्रूण लिंग जांच से जुड़ा कोई उपकरण, वीडियो या विज्ञापन पाया गया तो उस पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई होगी।”
डॉ. तोमर ने बताया कि इस संबंध में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को भी निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी संदिग्ध विज्ञापन या उपकरण बिक्री की सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही जनता से भी अपील की गई कि यदि उन्हें कहीं भी भ्रूण लिंग जांच या संबंधित गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो वे तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें।
“औचक निरीक्षणों में मिले उपकरणों का किया जाए मिलान” – सीएमओ डॉ. आर.के. सिंह
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र का नियमित निरीक्षण किया जाए। निरीक्षण के दौरान मशीनों और पंजीकरण में दर्ज उपकरणों का मिलान किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की अवैध मशीन का उपयोग न हो सके।
“हमारा लक्ष्य है कि हर अल्ट्रासाउंड केंद्र पूरी तरह से अधिनियम के अनुरूप कार्य करे। किसी भी स्तर पर अनियमितता मिली तो संबंधित केंद्र के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि जिले में पहले से गठित निरीक्षण टीमें अब पहले से अधिक सक्रिय रहेंगी। औचक निरीक्षण के लिए तय कार्यक्रम को गोपनीय रखा जाएगा ताकि भ्रूण लिंग जांच में लिप्त लोगों को कोई पूर्व जानकारी न मिल सके।
“बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान को मिलेगा और बल ब्रांड एंबेसडर – मनु शिवपुरी
इस अवसर पर मनु शिवपुरी (ब्रांड एंबेसडर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – गृह मंत्रालय द्वारा अधिकृत) ने कहा कि भ्रूण लिंग जांच समाज की जड़ों को कमजोर करने वाला अपराध है। उन्होंने कहा —
“जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक कानून अकेले कुछ नहीं कर सकता। हर माता-पिता को अपनी बेटी पर गर्व करना चाहिए और बेटियों को समान अवसर देने की सोच विकसित करनी चाहिए।”
मनु शिवपुरी ने प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि डीएम मयूर दीक्षित के निर्देशों पर जिस गंभीरता से स्वास्थ्य विभाग कार्य कर रहा है, उससे जिले में निश्चित रूप से भ्रूण लिंग जांच जैसी कुप्रथा पर अंकुश लगेगा।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
बैठक में तय किया गया कि जिले के सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों का त्रैमासिक निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। केंद्रों पर तैनात सोनोग्राफर और चिकित्सकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी गैर-पंजीकृत मशीन या बाहरी डॉक्टर वहां कार्यरत न हो। इसके अलावा पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अंतर्गत रखे जाने वाले रिकॉर्ड्स और रजिस्टर की नियमित जांच की जाएगी। जिन केंद्रों में रिकॉर्ड अपडेट नहीं पाया जाएगा, उनके खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जाएगी। सीएमओ ने कहा कि अब सभी केंद्रों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि किसी भी गतिविधि पर तुरंत निगरानी रखी जा सके।
समिति में उपस्थित अधिकारी व सदस्य
इस बैठक में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक तोमर, डॉ. यशपाल तोमर, डॉ. संदीप निगम, जिला समन्वयक रवि संदल, विधिक सलाहकार फारमूद अली, समाजसेवी दीपेश चंद्र प्रसाद, कनिका शर्मा तथा मनु शिवपुरी समेत कई सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एकमत से कहा कि भ्रूण लिंग जांच जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए प्रशासन और समाज दोनों को एकजुट होकर काम करना होगा।
जिलाधिकारी की नीति — “सख्ती और संवेदनशीलता साथ-साथ”
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम को जिले में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि भ्रूण लिंग जांच पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। डीएम के इस निर्देश के बाद अब टास्क फोर्स टीमें पूरी तरह सक्रिय हो गई हैं। उनका मकसद है — जिले में एक भी ऐसी जगह न बचे जहां भ्रूण लिंग जांच जैसी अमानवीय प्रथा जारी हो।
हरिद्वार देगा ‘बेटी बचाओ’ का उदाहरण
हरिद्वार प्रशासन ने एक बार फिर साबित किया है कि वह सामाजिक संवेदनशीलता के मुद्दों पर त्वरित और सख्त निर्णय लेने में पीछे नहीं रहता। भ्रूण लिंग जांच जैसे अपराध पर अब जिले में न सिर्फ सख्त निगरानी रखी जाएगी, बल्कि जनता को भी जागरूक किया जाएगा कि वे ऐसे अपराधों की सूचना छिपाएं नहीं, बल्कि तुरंत अधिकारियों को दें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आर.के. सिंह ने कहा —
“यह लड़ाई सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। जब तक हम सब मिलकर नहीं लड़ेंगे, तब तक ‘बेटी बचाओ’ का सपना अधूरा रहेगा।”
हरिद्वार प्रशासन की यह पहल ‘नारी सम्मान’ और ‘कानूनी सख्ती’ का मजबूत उदाहरण है, जो आने वाले समय में जिले को भ्रूण लिंग जांच मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।