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धामी सरकार का बुलडोज़र एक्शन जारी! 553 अवैध धार्मिक संरचनाऐ हटाई गईं, 9,000 एकड़ भूमि हुई मुक्त — ‘अवैध कब्ज़ा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होगा’: सीएम धामी राज्य की मर्यादा और कानून की गरिमा बचाने का मिशन बना बुलडोज़र अभियान

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रहा अवैध कब्ज़ों और धार्मिक अतिक्रमणों के खिलाफ अभियान अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। सरकार की सख्त नीति के तहत अब तक प्रदेशभर में 553 से अधिक अवैध मज़ारों को हटाया गया है और 9,000 एकड़ से ज़्यादा भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।

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553 अवैध धार्मिक संरचनाऐ हटाई गईं, 9,000 एकड़ भूमि हुई मुक्त — ‘अवैध कब्ज़ा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होगा’: सीएम धामी

राज्य की मर्यादा और कानून की गरिमा बचाने का मिशन बना बुलडोज़र अभियान

हरिद्वार/देहरादून।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रहा अवैध कब्ज़ों और धार्मिक अतिक्रमणों के खिलाफ अभियान अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। सरकार की सख्त नीति के तहत अब तक प्रदेशभर में 553 से अधिक अवैध मज़ारों को हटाया गया है और 9,000 एकड़ से ज़्यादा भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा है कि यह कार्रवाई किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि राज्य की भूमि और कानून की रक्षा के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा —

“अवैध कब्ज़ा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होगा। यह सिर्फ बुलडोज़र की राजनीति नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अस्मिता और कानून की मर्यादा की रक्षा का अभियान है।”

अवैध निर्माणों पर प्रशासन की सख्ती

राज्यभर में प्रशासनिक टीमें चिन्हित स्थलों पर बुलडोज़र चला रही हैं। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और पौड़ी जनपदों में जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमें इस मिशन को आगे बढ़ा रही हैं।
कई स्थानों पर स्थानीय प्रशासन ने धार्मिक ढांचे की आड़ में किए गए कब्ज़े हटवाए हैं। सरकार का कहना है कि जिन स्थलों पर वैध धार्मिक संरचनाएं हैं, उन्हें छुआ नहीं जा रहा है, केवल ग़ैरकानूनी निर्माण ही हटाए जा रहे हैं।

राज्य की भूमि पर अवैध कब्ज़े खत्म करने का अभियान

मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में भूमि संरक्षण से संबंधित विभागों और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन को मुक्त कराया है। इस कार्रवाई में वन विभाग, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग और शहरी निकायों की टीमें भी सक्रिय हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, धामी सरकार का लक्ष्य आगामी महीनों में राज्य के सभी जिलों में अवैध कब्ज़ों की जमीन-स्तर पर समीक्षा कराना और स्थायी निगरानी तंत्र बनाना है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया और जनता की राय

हालांकि विपक्ष ने इसे “राजनीतिक दिखावा” करार दिया है, लेकिन आम जनता में इस कार्रवाई को लेकर व्यापक समर्थन देखा जा रहा है। कई नागरिक संगठनों ने कहा है कि लंबे समय से सरकारी भूमि पर हो रहे कब्ज़ों के खिलाफ यह कदम आवश्यक था।
स्थानीय निवासी रविंद्र ने कहा — “पहली बार किसी सरकार ने ईमानदारी से अवैध कब्ज़ों पर बुलडोज़र चलाया है। राज्य की भूमि आखिरकार जनता की है।”

‘मिशन क्लीनअप’ की दिशा में बड़ा कदम

धामी सरकार ने इस अभियान को “मिशन क्लीनअप उत्तराखंड” का नाम दिया है। इसका उद्देश्य राज्य को अवैध अतिक्रमण मुक्त बनाना और भविष्य में इस तरह के कब्ज़ों को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करना है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “उत्तराखंड देवभूमि है, यहां किसी को भी अवैध कब्ज़ा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कानून सबके लिए समान है, और कार्रवाई भी बिना भेदभाव के की जाएगी।”

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