दीपावली पर प्रदूषण पर लगाम के लिए तैयार प्रशासन,, संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से होगा पानी का छिड़काव,, देहरादून में मॉनिटरिंग स्टेशन सक्रिय, सुरक्षित व स्वच्छ दीपावली की अपील

इन्तजार रजा हरिद्वार 🚨 दीपावली पर प्रदूषण पर लगाम के लिए तैयार प्रशासन,,
संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से होगा पानी का छिड़काव,,
देहरादून में मॉनिटरिंग स्टेशन सक्रिय, सुरक्षित व स्वच्छ दीपावली की अपील
देहरादून, 16 अक्टूबर 2025।
जैसे-जैसे दीपावली का पर्व करीब आ रहा है, बाजारों में रौनक और पटाखों की चमक बढ़ती जा रही है। मगर इस रोशनी के साथ वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली के दौरान प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विशेष रणनीति तैयार की है। बोर्ड ने घोषणा की है कि दीपावली के बाद देहरादून के संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए पानी का छिड़काव किया जाएगा, ताकि वायु में फैले धूल-कणों और प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, बीते वर्षों में दीपावली पर देहरादून की वायु गुणवत्ता बिगड़ती रही है। साल 2023 में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 333 तक पहुंच गया था, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। वहीं, 2024 में यह स्तर कुछ बेहतर रहा और 288 पर स्थिर हुआ। इसके साथ ही पीएम 10 का स्तर 254.39 और पीएम 2.5 का स्तर 116.50 दर्ज किया गया था। इस बार बोर्ड को उम्मीद है कि प्रदूषण नियंत्रण उपायों और लोगों की जागरूकता के चलते यह स्तर और घटेगा।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार,
- 0 से 50 तक AQI स्तर “अच्छा” माना जाता है।
- 51 से 100 “संतोषजनक”,
- 101 से 200 “मध्यम”,
- 201 से 300 “खराब”,
- 301 से 400 “बेहद खराब”,
- और 401 से 500 “गंभीर” श्रेणी में आता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5 और PM 10) ही वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण हैं। पीएम 2.5 का आकार बेहद छोटा होता है, जो फेफड़ों में आसानी से प्रवेश कर जाता है और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। वाहन उत्सर्जन, डीजल-तेल के धुएं और आतिशबाजी से यह मात्रा तेजी से बढ़ती है।
वर्तमान में देहरादून का एक्यूआई स्तर संतोषजनक श्रेणी (51-100) में है, लेकिन दीपावली के दौरान इसके खराब होने की संभावना जताई जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की है।
उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि,
“दीपावली को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए बोर्ड ने सभी विभागों के साथ समन्वय किया है। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से पानी का छिड़काव होगा, वहीं स्कूलों और अस्पतालों के आसपास पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय स्तर पर एयर क्वालिटी सुधार में बेहतर प्रदर्शन किया है, और यही प्रयास इस दीपावली पर भी जारी रहेगा।
साफ संदेश यही है — दीपावली की खुशियाँ मनाएँ, लेकिन प्रकृति की सांसों को न रोकें।
हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि पटाखों का सीमित उपयोग करें, पर्यावरण का सम्मान करें और स्वच्छ दीपावली का संकल्प लें।