जनपद हरिद्वार में एक और बड़ा प्रशासनिक एक्शन,, डीएम मयूर दीक्षित ने लापरवाही बरतने वाले कर्मी को किया सस्पेंड,, शासन कार्यों में उदासीनता, नकारात्मक रवैया और स्पष्टीकरण न देने पर हुई कार्रवाई

इन्तजार रजा हरिद्वार- जनपद हरिद्वार में एक और बड़ा प्रशासनिक एक्शन,,
डीएम मयूर दीक्षित ने लापरवाही बरतने वाले कर्मी को किया सस्पेंड,,
शासन कार्यों में उदासीनता, नकारात्मक रवैया और स्पष्टीकरण न देने पर हुई कार्रवाई

हरिद्वार जिला प्रशासन ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कार्यों में लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैया किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सख्त रुख अपनाते हुए तहसील हरिद्वार में तैनात वरिष्ठ सहायक श्री महेश कुमार सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
यह कार्रवाई उप जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा भेजी गई आख्या के आधार पर की गई, जिसमें श्री सोनी के खिलाफ गंभीर आरोप दर्ज किए गए थे। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि संबंधित कर्मचारी ने शासकीय कार्यों में लापरवाही, उदासीनता और नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया, साथ ही तहसीलदार हरिद्वार द्वारा जारी स्पष्टीकरण पत्र का उत्तर देने में भी पूरी तरह असफल रहे। इस पर डीएम मयूर दीक्षित ने अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी किए।
जारी आदेश के अनुसार, निलंबन अवधि के दौरान श्री महेश कुमार सोनी को कलक्ट्रेट हरिद्वार के संग्रह अनुभाग में सम्बद्ध किया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें वित्तीय नियम संग्रह खंड-2 से 4 के मूल नियम-53 के अंतर्गत जीवन निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) दिया जाएगा। यह भत्ता अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर होगा। साथ ही, यदि ऐसे वेतन पर महंगाई भत्ता अनुमन्य है, तो उसे भी शामिल किया जाएगा।
हालांकि आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे कार्मिकों को केवल उसी स्थिति में प्रतिकर भत्ते (compensatory allowances) देय होंगे, जब यह सिद्ध हो जाए कि निलंबन अवधि के दौरान उनका खर्च वास्तव में संबंधित मद में हुआ है। साथ ही श्री सोनी को यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वे किसी अन्य सेवा, व्यापार या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा है कि शासन की प्राथमिकता पारदर्शिता और कार्यकुशलता है, इसलिए किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा लापरवाही या नकारात्मक रवैया दिखाए जाने पर कठोर अनुशासनिक कदम उठाए जाएंगे। डीएम ने सभी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी कि वे अपने कार्यों के प्रति गंभीरता दिखाएं और जनहित से जुड़े मामलों में ढिलाई बरतने से बचें।
इस कार्रवाई के बाद कलक्ट्रेट व तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन ने सभी शाखाओं को सख्त हिदायत दी है कि वे समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करें। यह भी संकेत दिए गए हैं कि आने वाले दिनों में अन्य लापरवाह कर्मियों पर भी कार्रवाई संभव है।
हरिद्वार प्रशासन का यह कदम न केवल शासन की सख्ती का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जिलाधिकारी मयूर दीक्षित प्रशासनिक व्यवस्था को अनुशासित, जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।