हरिद्वार में बहादराबाद के राजपुर में टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडल ऋषिकेश सिंचाई विभाग की पट्टे की जमीन पर बनी मजार नुमा धार्मिक संरचना डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के निर्देश के बाद, एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह के नेतृत्व में भारी सुरक्षा की बीच हटाई गई
राजपुर में टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग की जमीन पर बने मजार नुमा धार्मिक संरचना को हटाया गया वहीं प्रदेश में अवैध अतिक्रमण पर एक्शन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अवैध अतिक्रमण में संलिप्त निर्माण चाहे किसी भी धर्म का हो उसे हटाया जाएगा
इन्तजार रजा हरिद्वार-हरिद्वार के राजपुर में टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडल ऋषिकेश सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी मजार नुमा धार्मिक संरचना भारी सुरक्षा की बीच हटाई गई,
उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रशासन ने सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण पर कार्रवाई की ही है. इसी क्रम में टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग की जमीन पर बने मजार को हटा दिया गया है.
वहीं प्रदेश में अवैध अतिक्रमण पर एक्शन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अवैध निर्माण चाहे किसी भी धर्म का हो उसे हटाया जाएगा.
डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के निर्देश के बाद एसडीएम अजयवीर सिंह के नेतृत्व में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ राजपुर में बड़ी कार्यवाही, हरिद्वार जिला प्रशासन ने एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह के नेतृत्व रानीपुर कोतवाली क्षैत्र के राजपुर में टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई अवैध मजार नुमा धार्मिक संरचना को हटाया दिया गया है.
राजपुर सहित हरिद्वार बहादराबाद इत्यादि क्षैत्रो में अतिक्रमण की समस्या और जमीनी हकीकत
उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। खासकर, सिंचाई विभाग, टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग,वन विभाग, राजस्व विभाग और केंद्र सरकार की भूमि पर अवैध रूप से हजारों नहीं, बल्कि लाखों लोग बस गए हैं। और सुरक्षा कवच के लिए धार्मिक संरचना खड़ी करके विवादित माहौल खड़ा करने का बड़ा ऐजंडा चर्चाओं में हैं राजपुर जैसे मुस्लिम धार्मिक संरचना के दबाव में इस तरह अवैध कब्जे के कारण राज्य की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है, जो एक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौती बन गई है।
सीएम धामी की चिंता सही साबित हो रही है क्योंकि सरकारी मशीनरी के पास इस अतिक्रमण को हटाने के लिए अब भरपूर पावर दे दी गई है, फिलहाल डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह सहित अजयवीर सिंह एसडीएम सदर हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल सहित हरिद्वार जनपदीय अधिकारियों की टीम जिलों में इस अभियान को लेकर अलर्ट मोड़ पर है
राजपुर सहित पंचपुरी गढमीरपुर में क्या और क्यों हुआ टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग और यूपी सिंचाई विभाग, सिंचाई विभाग हरिद्वार की जमीनों पर मुस्लिम और मिश्रित समुदायो का अवैध अतिक्रमण और कब्जा
उत्तराखंड और यूपी सिंचाई विभाग और टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग से पंचपुरी गढमीरपुर और राजपुर में सैकड़ों परिवार को आश्रय सहायता हेतु कुछ जमीने खेती बाड़ी के लिए दी गई थी। दशकों पूर्व पट्टे धारको ने इन पट्टे की जमीनों पर खेती करना शुरू कर दिया था। लेकिन इनमे से कुछ पट्टेधारकों ने अपने और रिश्तेदारों को बुलाकर बड़ी मात्रा में जमीन कब्जा ली और घर बनाकर अवैध कालोनी बसा दी थी और सूरक्षा में इस्तेमाल के लिए धार्मिक संरचना खड़ी कर एक बड़ा खेला करने की साज़िश रची गई थी अब जब सर्वे में इस प्रकरण का खुलासा हुआ तो मालूम हुआ कि कई एकड़ जमीन इन लोगों ने कब्जा ली और फिर खरीद फरोख्त का कारोबार भी करने लगे।
इसमें कई राजनीतिक छुटभैय्ए नेताओ और महाराष्ट्र के महंत बताने वाले लोगों के संरक्षण के विषय भी सामने आए, लेकिन सीएम धामी ने स्पष्ट कर दिया कि कोई दबाव नहीं है और उन्हे जंगल से मैदान तक बिल्कुल अतिक्रमण मुक्त चाहिए, एक एक इंच सरकारी जमीन खाली करवाई जाएगी।
सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है- “वो देवभूमि उत्तराखंड का सनातन स्वरूप बिगड़ने नही देंगे, हमारे तीर्थ हमारी नदियां पावन है और पूजनीय है जिनका संरक्षण करना इनकी सेवा करना हमारा पहला कर्तव्य है, टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई, सिंचाई विभाग हरिद्वार , राजस्व इत्यादि हम नदियों को जंगल को मैदानो को अवैध कब्जा मुक्त कराने का अभियान छेड़ चुके है। ये हिमालय ये शिवालिक हमारे आराध्य देवी देवताओं के वास है।
सीएम धामी कहते है कि हम एक एक इंच सरकारी भूमि कब्जे से मुक्त कराएंगे। बेहतर यही होगा कि अवैध कब्जेदार खुद ही कब्जा छोड़ दे अन्यथा हमारा बुल्डोजर आ रहा है। वहीं सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट कह दिया है कि बिना किसी राजनीतिक, सामाजिक दबाव के अवैध रूप से बसे लोगो को हटाया जाए।
धार्मिक संरचनाओं की आड़ में अवैध कब्जा
धार्मिक संरचनाओं की आड़ में भी अतिक्रमण हो रहा है। उत्तराखंड के वन, पीडब्ल्यूडी, रेलवे और सिंचाई भूमि पर मजारे, मस्जिदें और मदरसे बना दिए गए हैं, जिन्हें धामी सरकार ने सख्ती से हटाना शुरू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन
सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक संरचनाओं को लेकर 2009 और 2019 में निर्देश जारी किए थे कि कोई भी नया धार्मिक स्थल सरकारी भूमि पर नहीं बनाया जा सकता। धामी सरकार ने इन निर्देशों के तहत ही अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाया है।
कैबिनेट द्वारा सख्त कानून की मंजूरी वाला बिल
उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने एक अध्यादेश लाने का प्रस्ताव पास किया है।जिसमे सरकारी और निजी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ आईपीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने और उसे दस साल तक कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है,ये विषय अगले विधानसभा सत्र में रखा जाना है,खबर है कि इस मामले को लेकर नौकरशाही ने अडंगा लगा दिया है। धामी सरकार ने अतिक्रमण करने वालो के खिलाफ गैंगस्टर और रासुका जैसे कठोर कानून लगाने के लिए पुलिस प्रशासन को स्वतंत्रता दी है परंतु शासन स्तर पर ढुल मुल कारवाई से ये बिल अधर में लटका हुआ है।
इस दौरान एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह, टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडलऋषिकेश सिंचाई विभाग के आधिकारी, राजस्व अधिकारी, पीएल शाह अपर जिलाधिकारी हरिद्वार, प्रियंका रानी तहसीलदार हरिद्वार, यूसुफ अली नायब तहसीलदार, रमेश चंद राजस्व निरीक्षक, संजय कुमार राजस्व निरीक्षक, नरेश सैनी, आशीष ममगाई, देवेश घिल्डियाल राजस्व उप निरीक्षक,पुनर्वास विभाग के DRO श्री युसूफ अली, AE महेंद्र पाल आदि एवं कई थानों का पुलिस फोर्स एवं कई थानों के थानाध्यक्ष और भारी पुलिस बल मौजूद रहे