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सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को हल्के में लेने वाले नौकरशाहो के कसेंगे पेच,इन विभागों का ब्योरा होगा तलब

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जताई सख्त नाराजगी, दीपावली के तुरंत बाद ऐसे अफसरों पर गिर सकती है गाज

इन्तजार रजा हरिद्वार-सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को हल्के में लेने वालों के कसेंगे पेच, इन विभागों का ब्योरा होगा तलब
उत्तराखंड में ऐसा नहीं हो रहा है, सीएम की घोषणाएं ही समय पर पूरी नहीं हो पा रही हैं। मुख्यमंत्री ने खुद इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने घोषणाओं का बारीकी से विश्लेषण कराने के साथ, उन्हें समय से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को हल्के में लेने वालों के कसेंगे पेच, इन विभागों का ब्योरा होगा तलब
उत्तराखंड में तमाम विभागों के अफसर मुख्यमंत्री की घोषणाओं को ही पूरा करने में कोताही बरत रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सख्त नाराजगी जताई है। दीपावली के तुरंत बाद ऐसे अफसरों पर गाज गिर सकती है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एक-एक घोषणा का पूरा ब्योरा लेने जा रहे हैं। इसके साथ ही कोताही बरतने वाले अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। प्रदेश में मुख्यमंत्री के स्तर पर की गई घोषणाओं को लेकर आमतौर पर जनता के बीच यह उम्मीद रहती है कि और कुछ हो न हो, लेकिन सीएम की घोषणा है तो पूरी हो ही जाएगी।

 

लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं हो रहा है, सीएम की घोषणाएं ही समय पर पूरी नहीं हो पा रही हैं। मुख्यमंत्री ने खुद इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने घोषणाओं का बारीकी से विश्लेषण कराने के साथ, उन्हें समय से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

अब प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु चार से 14 नवंबर के बीच सचिवालय में एक-एक विभाग से सीएम की घोषणाओं से संबंधित अपडेट लेंगे। इसके लिए सभी विभागों को पत्र जारी पूरे ब्योरे के साथ बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं।

कब किस विभाग से तलब किया ब्योरा

-चार नवंबर- ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा, नियोजन, आवास विभाग

-पांच नवंबर- सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी, शहरी विकास विभाग

– छह नवंबर- विद्यालयी शिक्षा

– आठ नवंबर- पर्यटन, नागरिक उड्डयन विभाग

– 11 नवंबर- पंचायती राज, महिला सशक्तीकरण विभाग

– 13 नवंबर- धर्मस्व, संस्कृति विभाग

– 14 नवंबर- सैनिक कल्याण, कृषि, कौशल विकास, विवेकाधीन कोष, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध विकास, आपदा प्रबंधन और राज्य संपत्ति विभाग

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