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हरिद्वार रुड़की में एंट्री के बदले रिश्वत डिमांड, 10,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया परिवहन विभाग का सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार।

उत्तराखंड में एंट्री देने के नाम पर मांगी गई जाती थी रिश्वत,टोल फ्री नंबर 1064 पर दर्ज हुई थी शिकायत 2500 रुपये प्रति ट्रक के हिसाब से मांगी जाती थी रिश्वत,अब रिश्वत राशि की मांग पहुंची थी 10,000,, विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार

इन्तजार रजा हरिद्वार-रुड़की में एंट्री के बदले रिश्वत डिमांड, 10,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया परिवहन विभाग का सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार।

उत्तराखंड में एंट्री देने के नाम पर मांगी गई जाती थी रिश्वत,टोल फ्री नंबर 1064 पर दर्ज हुई थी शिकायत 2500 रुपये प्रति ट्रक के हिसाब से मांगी जाती थी रिश्वत,अब रिश्वत राशि की मांग पहुंची थी 10,000,, विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा सहायक निरीक्षक नीरज कुमार

हरिद्वार जनपद के रुड़की एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है। उत्तराखंड विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार के रुड़की परिवहन विभाग में तैनात सहायक निरीक्षक नीरज कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सहायक निरीक्षक नीरज कुमार पर आरोप है कि वह बाहरी प्रदेशो सहित पंजाब आदि से रुड़की आ रहे भूसे के ट्रकों को उत्तराखंड में एंट्री देने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था।

विजिलेंस विभाग के अनुसार, शिकायतकर्ता ने टोल-फ्री नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि हर माह उसके ट्रकों के लिए रुड़की स्थित परिवहन विभाग के सहायक निरीक्षक नीरज कुमार 2500 रुपये प्रति ट्रक के हिसाब से रिश्वत मांगते हैं। अब यह रिश्वत राशि कुल 10,000 रुपये तक पहुंच गई थी।

शिकायत के बाद उत्तराखंड विजिलेंस विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गुरुवार, 21 नवंबर 2024 को आरोपी नीरज कुमार को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ कर गिरफ्तार कर लिया है। नीरज कुमार के खिलाफ कई दिनों से विजिलेंस को रिश्वत लेने की शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतों की पुष्टि के बाद विजिलेंस टीम ने योजना बनाकर यह कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान नीरज कुमार को मौके पर ही रिश्वत की रकम लेते हुए पकड़ा गया।


टीम द्वारा शिकायतकर्ता को दस हजार लेकर सहायक परिवहन निरीक्षक के पास भेजा। शिकायतकर्ता ने जैसे ही सहायक परिवहन निरीक्षक को रिश्वत दी, उसी समय टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम की कार्रवाई से एआरटीओ कार्यालय में अफरा तफरी मच गई। टीम सहायक परिवहन निरीक्षक से से पूछताछ कर रही है

विजिलेंस विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है। भविष्य में भी ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद एआरटीओ कार्यालय और आसपास के विभागों में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों और विभागीय कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बन गई यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्ती का संकेत दे रही है।

विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई से एआरटीओ कार्यालय सहित जिले भर के सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है, और अब तक कई अधिकारी इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं। उत्तराखंड विजिलेंस टीम अब तक भृष्टाचार में लिप्त कई अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेज चुकी है
रिश्वतखोर सिपाही किसके नाम से ले रहा था रिश्वत कहां तक होती थी बंदरबांट
विजिलेंस की कार्यवाही के बाद सवाल ये उठ रहे हैं,
आखिरकार एआरटीओ कार्यालय में तैनात सिपाही किसके नाम से पैसे वसूल रहा था? और सवाल यह भी हैं,कि एआरटीओ कार्यालय में तैनात अधिकारियों को उसकी करतूत की कानों कान खबर क्यों नहीं हुई? इसके अलावा इस कार्यवाही के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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