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खानपुर MLA उमेश कुमार और प्रणव चैंपियन थे पक्के यार, फिर क्यों तकरार,अब खून के प्यासे, कौन है मास्टराइंड,कहीं कोई बड़े कद वाला नेता तो नहीं असल खिलाड़ी, कहीं मोहरा तो नहीं बन गये चैंपियन,असल कुंडली खुलेगी कैसे

कुंवर प्रणव चैंपियन बनाम उमेश कुमार प्रकरण में सूत्रों के हवाले से एक बड़ी जानकारी आ रही है। पता चला है कि भाजपा का एक बड़ा नेता जिसका क़द पूर्व में बहुत बड़ा रहा है, चर्चाओं की अठखेलियों के देखें तो कहीं उसने उमेश कुमार से चल रही अपनी पुरानी रंजिश निपटाने के लिए चैंपियन का इस्तेमाल कर लिया। इस भाजपा नेता और उमेश के बीच कुछ साल पहले बाकायदा जेल और जंग शुरू हुई थी, जो आज एक-दूसरे को निपटाने तक पर आ चुकी है। उमेश को इस रार का खासा नुकसान भी उठाना पड़ा है। अब चैंपियन इस जंग में मोहरा बनकर फ़ायदे में रहेंगे या घाटे में, ये आने वाला वक्त तय करेगा। और उत्तराखंड की राजनीति में नया अध्याय जोड़ देगा अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है?

इन्तजार रजा हरिद्वार- खानपुर MLA उमेश कुमार और प्रणव चैंपियन थे पक्के यार, फिर क्यों तकरार,अब खून के प्यासे, कौन है मास्टराइंड,कहीं कोई बड़े कद वाला नेता तो नहीं असल खिलाड़ी, कहीं मोहरा तो नहीं बन गये चैंपियन,असल कुंडली खुलेगी कैसे ?

हरिद्वार के खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच टकराव जैसी स्थिति बनती दिख रही है। सोशल मीडिया के बाद सड़कों पर फायरिंग के बाद दोनों के बीच तनाव लगातार बढ़ा हुआ है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ने दोनों के बीच की दोस्ती को खत्म कर दिया है

गनतंत्र का असल खिलाड़ी कौन, भाजपा का एक बड़ा नेता जिसका क़द पूर्व में रहा बड़ा चर्चाओं में

कुंवर प्रणव चैंपियन बनाम उमेश कुमार प्रकरण में सूत्रों के हवाले से एक बड़ी जानकारी आ रही है। पता चला है कि भाजपा का एक बड़ा नेता जिसका क़द पूर्व में बहुत बड़ा रहा है, चर्चाओं की अठखेलियों के देखें तो कहीं उसने उमेश कुमार से चल रही अपनी पुरानी रंजिश निपटाने के लिए चैंपियन का इस्तेमाल कर लिया। इस भाजपा नेता और उमेश के बीच कुछ साल पहले बाकायदा जेल और जंग शुरू हुई थी, जो आज एक-दूसरे को निपटाने तक पर आ चुकी है। उमेश को इस रार का खासा नुकसान भी उठाना पड़ा है। अब चैंपियन इस जंग में मोहरा बनकर फ़ायदे में रहेंगे या घाटे में, ये आने वाला वक्त तय करेगा। और उत्तराखंड की राजनीति में नया अध्याय जोड़ देगा अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है?

फनफनाते शस्त्र और गोलीकांड की ये खौफनाक तस्वीरें देखिए अगर कोई आम आदमी इस युद्ध की चपेट में आ गया होता तो परिणाम और भी भयानक हो सकता था अब इन तस्वीरों में इस आदमी की दबंगई और दुस्साहस का अंदाज़ा लगाइए। ये कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड के खानपुर का 04 बार का पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन है, जो खानपुर के मौजूदा विधायक उमेश कुमार के आवास कैम्प कार्यालय पर अपनी गैंग बैंग के साथ दिन दहाड़े ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर रहा है। कही किसी बड़े नेता की बदले की आग मे झुलस तो नहीं गए कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन

उमेश कुमार और प्रणव सिंह चैंपियन एक समय थे पक्के दोस्त, फिर क्यों बने दुश्मन

उत्तराखंड चुनाव 2022 में उमेश कुमार खानपुर से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे प्रणव सिंह चैंपियन ने पत्नी को बनाया था उम्मीदवार, चुनाव में मिली हार तो गहराई दुश्मनी और आज खड़ा हो गया गनतंत्र का गोलीकांड

उत्तराखंड के हरिद्वार में दो राजनेताओं उमेश कुमार और प्रणव सिंह चैंपियन के टकराव का मसला खासा गरमा गया है। खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच फायरिंग की घटना के बाद तनाव गहरा गया है। घटना के बाद गुस्से में उमेश कुमार अपने समर्थकों और हाथ में पिस्टल लेकर प्रणव चैंपियन से बदला लेने के लिए निकल पड़े थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को रोक लिया था। इसके बाद से इन दोनों के बीच की दुश्मनी की चर्चा हो रही है। हालांकि, एक समय ऐसा भी था, जब दोनों दोस्त हुआ करते थे। सुत्र कहते हैं कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और एक बडे बीजेपी नेता के खेल ने दोनों को दोस्त से दुश्मन बना दिया।

क्या है मामला?

उमेश कुमार और प्रणव चैंपियन के बीच पिछले कुछ समय से गाली-गलौज और धमकियों का सिलसिला लगातार चल रहा था। विवाद तब और बढ़ गया, जब 25 जनवरी की रात उमेश कुमार, प्रणव चैंपियन की एक सोशल मीडिया पोस्ट से भड़ककर उनके लंढौर स्थित घर पहुंच गए। प्रणव चैंपियन घर पर मौजूद नहीं थे। इसके बाद उमेश वहां से लौट आए। बदले की कार्रवाई करते हुए प्रणव चैंपियन उमेश के घर कैम्प कार्यालय रुड़की पहुंच गए, जिसके बाद प्रणव सिंह चैंपियन की ओर से फायरिंग की घटना घटित हुई।

विवादित भी है प्रणव का राजनीतिक सफर

कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन चार बार उत्तराखंड के खानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वह एनडी तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। 2016 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। उस समय कांग्रेस के 9 विधायकों ने हरीश रावत सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया था।प्रणव सिंह चैंपियन को 2019 में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल और विवादित बयानों के चलते उन्हें बीजेपी ने अनिश्चितकाल के लिए पार्टी से निकाल दिया। हालांकि, बाद में उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। दावा किया जाता है कि उनका परिवार हरिद्वार जिले की लंढौर शाही रियासत से जुड़ा हुआ है।

दोस्ती बन गई दुश्मनी
उमेश कुमार और प्रणव चैंपियन एक समय में दोस्त थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों ने उनके रिश्तों में खटास डाल दी। दरअसल, प्रणव चैंपियन इस सीट पर अपना दावा मानते थे। खानपुर सीट पर उनके दोस्त उमेश कुमार निर्दलीय उम्मीदवारी पेश कर दी। उनकी स्थिति मजबूत दिख रही थी। प्रणव चैंपियन ने अपनी पत्नी को इस सीट पर उतारा।

हालांकि, प्रणव चैंपियन का दांव काम नहीं आया। उमेश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहली बार विधायक चुन लिए गए। खानपुर सीट पर प्रणव चैंपियन पत्नी की हार से नाराज हो गए। दोनों के बीच की दुश्मनी और बढ़ गई।


फायरिंग कांड से गरमाया मामला
फायरिंग कांड ने हरिद्वार में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। पुलिस ने मामले को नियंत्रण में लेने के लिए दोनों पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है। उमेश कुमार और प्रणव चैंपियन दोनों का राजनीतिक सफर विवादों और संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन हालिया घटना ने उनकी दुश्मनी को सार्वजनिक और खतरनाक बना दिया है। फायरिंग के बाद हरिद्वार में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों नेताओं को विवाद से दूर रखने की कोशिश कर रही है। यह घटना उत्तराखंड की राजनीति में गहराती दुश्मनियों का प्रतीक बन गई है, जो अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन चुकी है।

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