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कार्य में लापरवाही ग्राम विकास अधिकारी को पड़ी भारी, विकासखण्ड बहादराबाद में आंगनबाडी भवन निर्माण में लापरवाही बरतने पर ग्राम विकास अधिकारी के वेतन से वसूली के आदेश, सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोण्डे ने 5,13,957.00 (पाँच लाख तेरह हजार नौ सौ सत्तावन रूपये) धनराशि वसूली के दे दिए आदेश

इन्तजार रजा हरिद्वार-कार्य में लापरवाही ग्राम विकास अधिकारी को पड़ी भारी, विकासखण्ड बहादराबाद में आंगनबाडी भवन निर्माण में लापरवाही बरतने पर ग्राम विकास अधिकारी के वेतन से वसूली के आदेश, सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोण्डे ने 5,13,957.00 (पाँच लाख तेरह हजार नौ सौ सत्तावन रूपये) धनराशि वसूली के दे दिए आदेश


विकासखंड बहादराबाद के ग्राम विकास अधिकारी श्री दिनेश कुमार सैनी को आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के कारण एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा है। इस लापरवाही का न केवल उनके कार्यों पर प्रभाव पड़ा, बल्कि इसके परिणामस्वरूप उन्हें अपनी पूरी जिम्मेदारी के तहत एक बड़ी धनराशि की वसूली का सामना करना पड़ा। यह मामला सरकारी योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन में लापरवाही और सरकारी धन के दुरुपयोग की एक कड़ी चेतावनी के रूप में उभर कर सामने आया है। इस घटना के जरिए यह स्पष्ट होता है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से उनकी जिम्मेदारियों के प्रति कितना गंभीर दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है।

आंगनबाड़ी भवन निर्माण का प्रकल्प और दिनेश कुमार सैनी की जिम्मेदारी….. बाल विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में विकास खंड बहादराबाद के दो ग्राम पंचायतों, सजनपुर पीली और गाजीवाली में आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत की थी। इन भवनों का निर्माण बच्चों की बेहतर देखभाल और शिक्षा के लिए एक अहम कदम था, क्योंकि आंगनबाड़ी केन्द्रों को बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक प्राथमिक केंद्र माना जाता है।

दिनेश कुमार सैनी को इन भवनों के निर्माण कार्य का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वे इन भवनों का निर्माण समय पर सुनिश्चित करें और निर्धारित बजट के तहत कार्यों को संपन्न करें। इसके अलावा, उन्हें धनराशि का सही तरीके से समायोजन करने और काम की प्रगति के बारे में नियमित रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी भी दी गई थी।

हालांकि, दिनेश कुमार सैनी ने बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद कार्य को गंभीरता से नहीं लिया। आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा रहा और न ही उन्होंने प्राप्त धनराशि के सापेक्ष कोई समायोजन प्रस्तुत किया। उनकी लापरवाही के कारण यह मामला प्रशासन के लिए गंभीर बन गया, क्योंकि समय पर पूरा न हुआ कार्य और धन का सही तरीके से उपयोग न होना सरकारी योजनाओं के उद्देश्य को प्रभावित करता है।

मुख्य विकास अधिकारी का हस्तक्षेप और दिशा-निर्देश…. जब दिनेश कुमार सैनी की लापरवाही की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंची, तो मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोण्डे ने इस मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने तत्काल विकास खंड बहादराबाद में समीक्षा बैठक बुलाकर इस मुद्दे को गंभीरता से लिया। बैठक में उन्होंने श्री सैनी को सख्त निर्देश दिए कि वे तत्काल आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य पूरा करें और समायोजन प्रस्तुत करें।

यह निर्देश इसलिए दिए गए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी योजनाओं में देरी न हो और धन का सही उपयोग हो। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि यदि श्री सैनी समय पर काम नहीं करते हैं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद, श्री सैनी ने न तो आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया और न ही किसी प्रकार का समायोजन प्रस्तुत किया।

लापरवाही के परिणामस्वरूप कार्रवाई… दिनेश कुमार सैनी की लापरवाही के बाद, खंड विकास अधिकारी, बहादराबाद ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की संस्तुति की। इसके परिणामस्वरूप, मुख्य विकास अधिकारी ने श्री सैनी के खिलाफ आदेश दिया कि वेतन से 5,13,957.00 (पाँच लाख तेरह हजार नौ सौ सत्तावन रुपये) की धनराशि वसूली जाए। यह राशि उनके वेतन से एकमुश्त या मासिक आधार पर काटी जाएगी और विकास खंड बहादराबाद में उपलब्ध कराई जाएगी।

यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि दिनेश कुमार सैनी ने समय पर काम नहीं किया और सरकारी धन का दुरुपयोग किया। आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण अधूरा पड़ा था और न ही प्राप्त धनराशि का कोई समायोजन प्रस्तुत किया गया था। इसके कारण, सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ जनता तक नहीं पहुंच पाया, और यह स्थिति ग्रामीण विकास कार्यों में रुकावट का कारण बनी।

सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी और उनके कर्तव्यों की गंभीरता… सरकारी कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितनी गंभीरता से काम करना चाहिए। सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं का क्रियान्वयन नागरिकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, और इन योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों का जिम्मेदार होना जरूरी है। सरकारी धन का दुरुपयोग, लापरवाही या अव्यवस्था न केवल योजनाओं के उद्देश्य को विफल कर सकती है, बल्कि इससे जनता के विश्वास में भी कमी आती है।

इस मामले में दिनेश कुमार सैनी ने जो लापरवाही बरती, उससे उनके खिलाफ कार्रवाई हुई, और उन्हें एक बड़ी धनराशि वसूल करने का आदेश दिया गया। यह घटना यह संकेत देती है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को निभाने में विफल रहता है, तो उसे न केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, बल्कि वह अपने कर्तव्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और उसे निभाने में गंभीरता से काम करने के लिए प्रेरित होता है कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में कोई भी लापरवाही या सुस्ती नहीं होनी चाहिए। श्री दिनेश कुमार सैनी की लापरवाही ने न केवल उनके व्यक्तिगत करियर को प्रभावित किया, बल्कि इससे सरकारी योजनाओं के उद्देश्य को भी नुकसान हुआ। यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि सरकारी कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों को समय पर और ईमानदारी से निभाना चाहिए, ताकि जनता को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। सरकारी धन का सही उपयोग और योजनाओं का उचित क्रियान्वयन केवल समाज के विकास में सहायक नहीं है, बल्कि यह जनता का विश्वास भी बनाए रखता है।

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