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6 सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की दुकान पर प्रशासन की टीम ने मारा छापा। हरिद्वार जिले में खाद्यान्न वितरण और निगरानी की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के निर्देशों और एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह के मार्गदर्शन में चलाया गया संयुक्त जाँच अभियान, राजस्व विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने लालढाग क्षेत्र में स्थित छ: सस्ता गल्ला विक्रेताओं का किया औचक निरीक्षण

इन्तजार रजा हरिद्वार- 6 सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की दुकान पर प्रशासन की टीम ने मारा छापा। हरिद्वार जिले में खाद्यान्न वितरण और निगरानी की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी के निर्देशों और उपजिलाधिकारी के मार्गदर्शन में 2 अप्रैल 2025 को एक संयुक्त जाँच अभियान चलाया गया। इस अभियान में राजस्व विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने लालढाग क्षेत्र में स्थित छह सस्ता गल्ला विक्रेताओं की आकस्मिक जाँच की। यह जाँच मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि खाद्यान्न सही तरीके से विक्रेताओं तक पहुँच रहा है और वहां उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं मिल रही हैं। जाँच के दौरान चार विक्रेताओं के पास सही और पर्याप्त खाद्यान्न पाया गया, जबकि दो विक्रेताओं की दुकानों पर खाद्यान्न की आपूर्ति में गड़बड़ी पाई गई।

पहला विक्रेता, श्री रमेश चंद्र पिली पड़ाव, और दूसरा विक्रेता, श्री देवेंद्र रतूड़ी रसूलपुर, दोनों का मामला चिंताजनक था। जाँच में यह पाया गया कि इन दोनों विक्रेताओं को 28 मार्च 2025 को गोदाम से खाद्यान्न जारी किया गया था, लेकिन 2 अप्रैल 2025 तक उनके द्वारा संचालित दुकानों तक खाद्यान्न नहीं पहुँच पाया था। इसके बाद इन विक्रेताओं से लिखित बयान लिए गए, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें जो खाद्यान्न प्राप्त होना था, वह उनके पास नहीं आया था।

जिला पूर्ति अधिकारी ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उप संभागीय विपणन अधिकारी से उक्त जानकारी की पुष्टि की। पुष्टि करने पर यह स्पष्ट हुआ कि इन दोनों विक्रेताओं को खाद्यान्न की आपूर्ति करने वाला डोर स्टेप ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी से चूका था और उसने खाद्यान्न इन दुकानों तक नहीं पहुँचाया था। यह जानकारी और प्रमाण इस बात की पुष्टि करते हैं कि विक्रेताओं द्वारा कोई गलती नहीं की थी, बल्कि खाद्यान्न वितरण की प्रणाली में कहीं न कहीं गंभीर चूक हुई थी।

इस गंभीर मामले के बाद, उपजिलाधिकारी हरिद्वार ने इसे और गंभीरता से लिया और यह सुनिश्चित करने के लिए एक संयुक्त जाँच आख्या तैयार की। इस आख्या में यह पाया गया कि इन विक्रेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो और खाद्यान्न वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।

यह आख्या अब जिला अधिकारी हरिद्वार को प्रस्तुत की जाएगी, जो इस मामले में उचित और कठोर कार्रवाई करेंगे। इस पूरे मामले में यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी योजनाओं के तहत खाद्यान्न वितरण में किसी भी प्रकार की चूक से न केवल विक्रेताओं की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है, बल्कि आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है।साथ ही, इस जाँच से यह भी संदेश मिलता है कि सरकार के खाद्य सुरक्षा योजनाओं को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय रूप से काम कर रहा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को गंभीरता से ले रहा है।

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