चारधाम यात्रा 2025 की व्यापक तैयारियाँ: आगामी चारधाम यात्रा 2025 को सफल और सुरक्षित बनाने हेतु हरिद्वार प्रशासन सतर्क, एसएसपी और डीएम ने जनपदीय अधिकारियों संग किया व्यवस्थाओं का निरीक्षण

इन्तजार रजा हरिद्वार चारधाम यात्रा 2025 की व्यापक तैयारियाँ: आगामी चारधाम यात्रा 2025 को सफल और सुरक्षित बनाने हेतु हरिद्वार प्रशासन सतर्क, एसएसपी और डीएम ने जनपदीय अधिकारियों संग किया व्यवस्थाओं का निरीक्षण
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस वर्ष अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित और सुचारू संचालन के उद्देश्य से हरिद्वार प्रशासन द्वारा गंभीरता से तैयार की जा रही है। इसी क्रम में जिलाधिकारी श्री कर्मेंद्र सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्री प्रमेन्द्र डोबाल ने संयुक्त रूप से बैरागी कैंप, चमगादड़ टापू (पंतदीप), और ऋषिकुल मैदान का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर स्तर पर बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तराखंड राज्य के सामाजिक-आर्थिक और पर्यटन के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की तीर्थ यात्रा पर निकलते हैं। इनमें से एक बड़ा हिस्सा हरिद्वार से होकर गुजरता है। इसलिए हरिद्वार को चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है, जहाँ से यात्रियों का पंजीकरण, ठहराव और मार्गदर्शन होता है।
निरीक्षण के मुख्य बिंदु और उद्देश्य
जिलाधिकारी एवं एसएसपी ने निरीक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इसी कड़ी में बैरागी कैंप, चमगादड़ टापू और ऋषिकुल मैदान को यात्रियों के पंजीकरण, ठहराव और अस्थायी होल्डिंग एरिया के रूप में विकसित किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, विद्युत विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि पेयजल, शौचालय, बिजली, साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए होल्डिंग एरिया में बैठने, लेटने और विश्राम करने की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
ऋषिकुल मैदान में विशेष व्यवस्थाएं
जिलाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि ऋषिकुल मैदान में 20 रजिस्ट्रेशन काउंटर स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ उन यात्रियों का ऑफलाइन पंजीकरण किया जाएगा जिनके पास ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि ऋषिकुल मैदान में ठहराव की समुचित व्यवस्था की जाएगी जिसमें पेयजल, शौचालय, स्नान गृह, मेडिकल सुविधा, पार्किंग और यात्रियों को धर्मशालाओं व होटलों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।यह क्षेत्र एक प्रमुख होल्डिंग एरिया के रूप में कार्य करेगा, जहाँ भीड़ अधिक होने पर यात्रियों को कुछ समय के लिए रोका जा सकेगा। यहाँ यात्रियों के लिए बैठने और लेटने की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी ताकि उन्हें थकान या असुविधा का सामना न करना पड़े।
ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का अनुपात
जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष रजिस्ट्रेशन प्रणाली को बेहतर ढंग से लागू किया जा रहा है। कुल पंजीकरण व्यवस्था में 40 प्रतिशत कोटा ऑनलाइन और 60 प्रतिशत कोटा ऑफलाइन रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह कोटा स्थायी नहीं है, बल्कि परिस्थिति और ज़रूरतों के अनुसार इसमें लचीलापन रखा गया है। यदि किसी दिन ऑनलाइन पंजीकरण की संख्या अधिक होती है तो उसी अनुसार कोटा बदला जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश यात्री अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन उन यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था कर रहा है जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं या जो ऑफलाइन पंजीकरण कराना चाहते हैं।
यातायात और पार्किंग की व्यवस्था
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने यातायात व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का ट्रैफिक जाम न हो, इसके लिए पूर्व नियोजित ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए। सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी और CCTV कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी।
पार्किंग व्यवस्था के अंतर्गत बैरागी कैंप, चमगादड़ टापू और ऋषिकुल मैदान में समुचित पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं जहाँ पर बसों, टैक्सियों और निजी वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्लॉट निर्धारित किए जाएंगे।
साफ-सफाई और स्वास्थ्य सुविधाएँ
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि नियमित रूप से कचरा निस्तारण, सेनिटेशन और सार्वजनिक स्थानों की सफाई सुनिश्चित करें।
इसके अलावा, हर होल्डिंग एरिया में मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी जिसमें डॉक्टर, नर्स और प्राथमिक उपचार के उपकरण उपलब्ध होंगे। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा भी 24×7 उपलब्ध रहेगी।
धर्मशालाओं और होटलों की जानकारी प्रणाली
प्रशासन द्वारा एक डिजिटल एवं मैनुअल सिस्टम तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से यात्रियों को आस-पास के धर्मशालाओं, होटलों, भोजनालयों और आवश्यक सेवाओं की जानकारी दी जा सकेगी। इसके लिए विशेष हेल्प डेस्क और सूचना केंद्र स्थापित किए जाएंगे जहाँ पर यात्री जाकर आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
समयसीमा और प्रशासनिक सहयोग
जिलाधिकारी और एसएसपी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 25 अप्रैल 2025 तक सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग परस्पर समन्वय बनाकर कार्य करें और नियमित रूप से समीक्षा बैठकें आयोजित करें ताकि किसी भी प्रकार की कमी को समय रहते दूर किया जा सके।
निरीक्षण के दौरान एचआरडीए सचिव मनीष कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, एसपी सिटी पंकज गैरोला, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र मेहरा, पीडब्ल्यूडी ईई दीपक कुमार, विद्युत विभाग के ईई दीपक सैनी, एसएनए रविंद्र दयाल, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत सहित अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
जनभागीदारी और जनजागरूकता
प्रशासन की यह भी योजना है कि स्थानीय लोगों, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को भी इस यात्रा की व्यवस्था में जोड़ा जाए ताकि सामाजिक भागीदारी से व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया जा सके। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और स्थानीय समाजसेवियों व स्वयंसेवी संगठनों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
चारधाम यात्रा 2025 को सुचारु, सुरक्षित और श्रद्धालु-मित्र बनाने के लिए हरिद्वार प्रशासन पूरी तरह से कमर कस चुका है। जिलाधिकारी एवं एसएसपी की संयुक्त निगरानी और विभागीय तालमेल से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर यात्री की यात्रा सुखद, व्यवस्थित और यादगार हो।
यात्रियों की सुविधा के लिए की जा रही यह व्यापक तैयारियाँ न केवल एक आदर्श व्यवस्था प्रस्तुत करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि प्रशासन किस प्रकार से तकनीकी, मानव संसाधन और आपसी समन्वय के माध्यम से किसी भी बड़े आयोजन को सफलता पूर्वक संपन्न कर सकता हैं