हरिद्वार पुलिस की तैयारी मुकम्मल, सरहदों पर बढ़ते तनाव के बीच बलवा ड्रिल से जवानों की फिटनेस और रणनीति का परीक्षण, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की निगरानी में परेड और मॉक ड्रिल, हर परिस्थिति से निपटने का अभ्यास, शारीरिक फिटनेस से लेकर रणनीतिक अभ्यास तक, परेड में झलक हरिद्वार पुलिस की मुस्तैदी, हरिद्वार पुलिस की बलवा ड्रिल में झलका अनुशासन और ताकत का संतुलन,जनता को भरोसा और सुरक्षा का संदेश

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार पुलिस की तैयारी मुकम्मल,
सरहदों पर बढ़ते तनाव के बीच बलवा ड्रिल से जवानों की फिटनेस और रणनीति का परीक्षण,
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की निगरानी में परेड और मॉक ड्रिल, हर परिस्थिति से निपटने का अभ्यास, शारीरिक फिटनेस से लेकर रणनीतिक अभ्यास तक, परेड में झलक हरिद्वार पुलिस की मुस्तैदी, हरिद्वार पुलिस की बलवा ड्रिल में झलका अनुशासन और ताकत का संतुलन,जनता को भरोसा और सुरक्षा का संदेश
हरिद्वार। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और देशव्यापी संवेदनशील माहौल को देखते हुए हरिद्वार पुलिस ने शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में अपनी तैयारियों को और अधिक धार दी है। शुक्रवार सुबह पुलिस लाइन रोशनाबाद में आयोजित परेड और बलवा ड्रिल के माध्यम से जवानों की शारीरिक फिटनेस, मानसिक सजगता और भीड़ नियंत्रित करने की रणनीति का बारीकी से मूल्यांकन किया गया। इस दौरान हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेन्द्र सिंह डोबाल खुद मोर्चा संभाले हुए थे और प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखे हुए थे।
शारीरिक फिटनेस से लेकर रणनीतिक अभ्यास तक, परेड में झलकी हरिद्वार पुलिस की मुस्तैदी
पुलिस लाइन रोशनाबाद में शुक्रवार सुबह आयोजित परेड का उद्देश्य केवल औपचारिकता निभाना नहीं था, बल्कि यह पुलिस बल की आंतरिक सुदृढ़ता का मूल्यांकन और भावी चुनौतियों से निपटने की तैयारी का सशक्त मंच था। एसएसपी डोबाल ने जवानों की फिटनेस, अनुशासन और परेड की लय को परखा, वहीं प्रत्येक टुकड़ी के नेतृत्व की दक्षता पर भी नजर डाली। उन्होंने विशेष तौर पर जवानों की वर्दी, चलने की शैली, आदेश पालन की तत्परता और युद्धस्तर की प्रतिक्रिया क्षमता का निरीक्षण किया।
एसएसपी डोबाल ने कहा, “देश की सीमाओं पर तनाव की स्थिति में पुलिस को हर वक्त तैयार रहना होता है। हमें न केवल आतंरिक कानून व्यवस्था बनाए रखनी है, बल्कि राज्य की संपत्ति की सुरक्षा और आम जनता के जीवन को सामान्य बनाए रखने की जिम्मेदारी भी हम पर है।” इसी क्रम में बलवा ड्रिल का आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसमें जवानों को दंगा-फसाद की स्थिति में रणनीतिक प्रतिक्रिया देने का अभ्यास कराया गया।
बलवा ड्रिल में झलका अनुशासन और ताकत का संतुलन
परेड के तुरंत बाद पुलिस बल द्वारा बलवा ड्रिल (रायट कंट्रोल मॉक ड्रिल) का आयोजन किया गया। यह अभ्यास इस बात का परिचायक था कि हरिद्वार पुलिस किसी भी आपात या उग्र स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। ड्रिल के दौरान जवानों ने चेतावनी देने के सटीक तरीके, भीड़ को तितर-बितर करने की रणनीति, टीयर गैस का संयमित उपयोग, पानी की बौछारों से भीड़ नियंत्रण और बैरिकेडिंग की तकनीक को दोहराया।
पुलिस विभाग की विभिन्न शाखाओं के साथ-साथ सशस्त्र बलों ने भी इस ड्रिल में भाग लिया। एसएसपी डोबाल ने खुद माइक संभालकर जवानों को ब्रीफिंग दी और मौके पर ही रणनीतिक कमियों को उजागर कर उन्हें तत्काल सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होता है, प्राथमिकता समझदारी और संयम से भीड़ को नियंत्रण में लेना है।
ड्रिल में उन परिदृश्यों को शामिल किया गया था जहां भीड़ हिंसक हो रही है, पथराव कर रही है या सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रही है। ऐसी स्थिति में जवानों ने ‘लाइन फॉर्मेशन’, ‘शील्ड प्रोटेक्शन’, ‘डिस्पर्सल चार्ज’ और ‘अरेस्ट ऑपरेशन’ जैसे अभ्यास किए। ड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था को बहाल करना और जान-माल की रक्षा करना सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे।
सामाजिक सौहार्द और पेशेवर तत्परता की समांतर भूमिका
हरिद्वार जैसे धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील जिले में पुलिस को सामान्य दिनों में भी विशेष सतर्कता रखनी पड़ती है। वहीं जब देश में तनाव का माहौल हो, तो इस जिम्मेदारी का स्तर और अधिक बढ़ जाता है। पुलिस के अधिकारी भली-भांति जानते हैं कि एक चिंगारी बड़ा संकट बन सकती है, इसलिए ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बलवा ड्रिल के माध्यम से जहां एक ओर जवानों को प्रैक्टिकल अनुभव मिला, वहीं अधिकारियों को भी अपने अधीनस्थ बल की वास्तविक क्षमता और कमियों का आकलन करने का अवसर मिला। एसएसपी डोबाल ने सभी थाना प्रभारियों, शाखा प्रमुखों और विशेष दस्तों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहकर स्थिति पर निरंतर नजर बनाए रखें, और किसी भी प्रकार की अफवाह या गलत सूचना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।
हर परिस्थिति से निपटने को तैयार हरिद्वार पुलिस, जनता को भरोसा और सुरक्षा का संदेश
पुलिस की इस परेड और ड्रिल ने स्पष्ट संकेत दिया है कि हरिद्वार पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है। जवानों की अनुशासन, शक्ति और रणनीति का संयोजन दिखाता है कि जिले में किसी भी परिस्थिति में कानून व्यवस्था को भंग नहीं होने दिया जाएगा।
एसएसपी डोबाल ने अंत में जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “हर एक नागरिक की सुरक्षा, राजकीय संपत्ति की रक्षा और समाज में सौहार्द बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमें हर चुनौती को अवसर में बदलना है और दिखाना है कि उत्तराखंड पुलिस हर मोर्चे पर तैयार है।”
इस पूरे आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि हरिद्वार पुलिस केवल कानून के पालन तक सीमित नहीं, बल्कि समाज की शांति और स्थिरता की गारंटी है। चाहे सरहद पर तनाव हो या आंतरिक अराजकता का खतरा—हर चुनौती का जवाब है एक सजग, अनुशासित और प्रशिक्षित पुलिस बल।