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उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मिली नई संजीवनी प्रदेश को मिले 29 नए विशेषज्ञ डॉक्टर, दूरस्थ क्षेत्रों में दी गई प्राथमिकता स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत बोले – “अब इलाज के लिए शहरों की ओर नहीं भागेंगे मरीज”

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मिली नई संजीवनी
प्रदेश को मिले 29 नए विशेषज्ञ डॉक्टर, दूरस्थ क्षेत्रों में दी गई प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत बोले – “अब इलाज के लिए शहरों की ओर नहीं भागेंगे मरीज”

देहरादून, 13 जून 2025 | रिपोर्ट – Daily Live Uttarakhand

उत्तराखंड की जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में राहत की बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने 29 नए विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इन नियुक्तियों को स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि इससे राज्य के जिला और उप-जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ सेवाएं सुलभ हो सकेंगी। खास बात यह है कि इन सभी डॉक्टरों को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर राज्य के दूरस्थ और पर्वतीय जिलों में प्राथमिकता के साथ तैनात किया गया है, जिससे वहां लंबे समय से डॉक्टरों की कमी का सामना कर रहे लोगों को अब राहत मिलने की उम्मीद है।


राज्य के 11 जिलों में होंगे तैनात, पौड़ी को सबसे अधिक डॉक्टर

नए तैनात डॉक्टरों में शामिल हैं – फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, सर्जन, निश्चेतक, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ईएनटी स्पेशलिस्ट और फैमिली मेडिसिन विशेषज्ञ। इन सभी को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा (PMHS) संवर्ग के तहत पोस्ट-ग्रेजुएट (PG) कोर्स के बाद तैनात किया गया है।

जिला अनुसार तैनाती की बात करें तो:

  • पौड़ी जिले को सबसे अधिक 5 विशेषज्ञ डॉक्टर मिले हैं।
  • उत्तरकाशी, चंपावत और हरिद्वार को 4-4 डॉक्टर दिए गए हैं।
  • टिहरी और ऊधम सिंह नगर को 3-3 डॉक्टर मिले हैं।
  • जबकि रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में 1-1 डॉक्टर की तैनाती की गई है।

डॉक्टरों की तैनाती का विवरण – जनपदवार सूची

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार कुछ प्रमुख तैनातियां इस प्रकार हैं:

  • स्त्री रोग विशेषज्ञ:
    • डॉ. नविता तिवारी – CMO नैनीताल
    • डॉ. जूही शर्मा – उप जिला अस्पताल, रामनगर
    • डॉ. कविता भंडारी – जिला अस्पताल बौराड़ी, टिहरी
  • फिजिशियन:
    • डॉ. कीर्ति मेहता – उप जिला चिकित्सालय, काशीपुर
    • डॉ. राकेश जोशी – उप जिला चिकित्सालय, लोहाघाट
    • डॉ. मधुमिता बिष्ट – जिला अस्पताल, उत्तरकाशी
    • डॉ. प्रखर शर्मा – जिला अस्पताल, उत्तरकाशी
    • डॉ. ज्ञानेश्वर यादव – उप जिला अस्पताल, श्रीनगर
    • डॉ. ऋषि रंजन कुकरेती – उप जिला चिकित्सालय, रुड़की
  • फैमिली मेडिसिन:
    • डॉ. रजत डोभाल – जिला अस्पताल, बौराड़ी
    • डॉ. अभिषेक – जिला अस्पताल, हरिद्वार
  • पीडियाट्रिशियन (बाल रोग विशेषज्ञ):
    • डॉ. रुचिका भट्ट – जिला अस्पताल, रुद्रप्रयाग
    • डॉ. जितेंद्र जोशी – जिला अस्पताल, चंपावत
  • सर्जन:
    • डॉ. मयंक नौटियाल – कोटद्वार
    • डॉ. मयंक चौहान – पौड़ी
    • डॉ. शादा अली – नैनीताल
    • डॉ. वमिक रहमान – हरिद्वार
    • डॉ. निशांत पांडे – रुद्रपुर
    • डॉ. तनुज सिंह तोमर – काशीपुर
  • निश्चेतक (Anesthetist):
    • डॉ. निकिता रमोला – CHC पुरोला
    • डॉ. ऋत्विक रजत – कोटद्वार
    • डॉ. नेहा चौहान – थैलीसैंण
    • डॉ. शैलेंद्र कुमार – बौराड़ी, टिहरी
  • पैथोलॉजिस्ट:
    • डॉ. सिद्धार्थ त्यागी – चंपावत
  • रेडियोलॉजिस्ट:
    • डॉ. अंकुर रावत – कर्णप्रयाग
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye Specialist):
    • डॉ. योगिता – उत्तरकाशी
    • डॉ. शिखा टोलिया – पिथौरागढ़
  • ईएनटी स्पेशलिस्ट:
    • डॉ. शशांक अधिकारी – चंपावत
    • डॉ. अनुभव अग्रवाल – रुड़की

राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में होगा बड़ा सुधार

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा:

“प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी रही है, जिससे लोगों को हल्की बीमारी में भी देहरादून या अन्य बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। लेकिन अब विशेषज्ञ सेवा उनके जिले में ही उपलब्ध होगी।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का फोकस सिर्फ शहरों में नहीं, बल्कि पर्वतीय और पिछड़े इलाकों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है। इसके लिए लगातार डॉक्टरों की पोस्टिंग और संसाधनों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है।


स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी पहल – चिकित्सा शिक्षा और तैनाती में समन्वय

स्वास्थ्य विभाग ने इन तैनातियों को पीजी कोर्स के बाद विशेषज्ञता अनुसार अनिवार्य सेवा के तहत लागू किया है। इससे सरकारी डॉक्टरों को अपनी पढ़ाई के बाद वापस राज्य सेवा में योगदान देना जरूरी हो गया है। इससे एक ओर जहां डॉक्टरों की उपलब्धता बनी रहती है, वहीं दूसरी ओर राज्य की चिकित्सा संरचना को बनाए रखने में मदद मिलती है।


निष्कर्ष: पहाड़ों में लौटती उम्मीद

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं लंबे समय से डॉक्टरों की कमी और विशेषज्ञों की अनुपलब्धता से जूझ रही थीं। अब नए 29 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से न केवल इलाज में गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि जनता का भरोसा सरकारी अस्पतालों पर भी मजबूत होगा। यह कदम राज्य सरकार की ‘स्वस्थ उत्तराखंड – सशक्त उत्तराखंड’ नीति की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

रिपोर्टर: Intzar Raza
प्रकाशन: Daily Live Uttarakhand

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