नवोदय नगर के शिव शक्ति धाम मंदिर में नवरात्र के समापन पर भव्य भंडारे का आयोजन

इन्तजार रजा हरिद्वार- नवोदय नगर के शिव शक्ति धाम मंदिर में नवरात्र के समापन पर भव्य भंडारे का आयोजन.. नोवदय नगर स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर में नवरात्रि के पावन पर्व के समापन पर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। यह धार्मिक आयोजन न केवल भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक था, बल्कि एकता और भक्ति का भी सशक्त संदेश देने वाला था। नवरात्रि का यह पर्व पूरे नगर में धूमधाम से मनाया गया, और इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भंडारे का आयोजन एक परंपरा के रूप में हुआ, जिसमें न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दराज से भी श्रद्धालु आए और इस धार्मिक अवसर का लाभ उठाया।
सहभागिता और धार्मिक समर्पण…….इस भव्य आयोजन में विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता महेश प्रताप राणा और राजवीर चौहान भी उपस्थित थे। उन्होंने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की और भक्तों के बीच प्रसाद वितरण में भी अपना सहयोग दिया। उनके साथ अन्य स्थानीय नेता और समाजसेवी भी भंडारे में भाग लेने के लिए पहुंचे। उनका आना इस आयोजन को और भी महत्व दे गया और लोगों को एकजुट होने का अवसर मिला। इन नेताओं ने न केवल पूजा की, बल्कि भक्तों के बीच प्रसाद वितरित कर सेवा का भी कार्य किया।
भक्ति संगीत और उल्लास…….भंडारे के आयोजन के दौरान मंदिर प्रांगण में भक्ति संगीत की मधुर धुनें गूंजती रहीं। श्रद्धालु गीतों और मंत्रों के साथ मां दुर्गा की महिमा का गुणगान करते हुए नवरात्रि के समापन का उत्सव मनाते रहे। भक्तों का उत्साह और भक्ति भाव इस पूरे आयोजन को अत्यधिक दिव्य बना रहे थे। नवरात्रि के नौ दिन भरपूर धार्मिक अनुष्ठान और आस्था का समय थे, और इसके समापन पर भंडारे का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक सुखद और आध्यात्मिक अनुभव था।
समाज में एकता का संदेश…….इस आयोजन के दौरान एकता का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। विभिन्न समुदायों और वर्गों के लोग एक साथ इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए आए थे। इस भंडारे ने समाज में भाईचारे और आपसी सहयोग का संदेश दिया। लोग सामाजिक भेदभाव को भूलकर एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर रहे थे, जो समाज में सौहार्द और समझ बढ़ाने का प्रतीक था।
नवरात्रि का धार्मिक महत्व…..नवरात्रि एक ऐसा पर्व है, जिसे पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना का समय होता है। नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, और इसके बाद दशहरे के दिन बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाता है। शिव शक्ति धाम मंदिर में इस पर्व का समापन भव्य भंडारे के रूप में हुआ, जो न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ जोड़ने का काम करता है।
शिव शक्ति धाम मंदिर का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने वाला था। भंडारे में उपस्थित श्रद्धालुओं की संख्या इस बात का प्रतीक है कि इस प्रकार के आयोजनों का समाज में बहुत महत्व है। इस आयोजन के माध्यम से श्रद्धालुओं ने न केवल मां दुर्गा की पूजा की, बल्कि मानवता और सेवा का भी एक महत्वपूर्ण संदेश लिया।