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आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत डीएम मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में वित्तीय जागरूकता कार्यशाला हरिद्वार के एक निजी होटल में संपन्न,, बैंकों में पड़ी निष्क्रिय जमा राशि लौटाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम,, हरिद्वार जिला बना उत्तराखंड का पहला जिला, 132 ग्राहकों को लौटी ₹1.73 करोड़ की राशि, कुल ₹76.31 करोड़ अनक्लेम्ड डिपॉजिट चिन्हित 

इन्तजार रजा हरिद्वार-“आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत डीएम मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में वित्तीय जागरूकता कार्यशाला हरिद्वार के एक निजी होटल में संपन्न,, बैंकों में पड़ी निष्क्रिय जमा राशि लौटाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम,,
हरिद्वार जिला बना उत्तराखंड का पहला जिला, 132 ग्राहकों को लौटी ₹1.73 करोड़ की राशि, कुल ₹76.31 करोड़ अनक्लेम्ड डिपॉजिट चिन्हित 

हरिद्वार, 16 अक्टूबर 2025।
भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के निर्देशानुसार “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के अंतर्गत जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में होटल गार्डन व्यू, हरिद्वार में एक दिवसीय वित्तीय जागरूकता कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था—जनता की निष्क्रिय (Unclaimed) पूंजी को पुनः सक्रिय कर उन्हें उनका उचित अधिकार दिलाना तथा वित्तीय संस्थानों के माध्यम से आर्थिक साक्षरता को बढ़ावा देना। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बैंकर्स और वित्तीय संस्थाओं के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा—

“जनता की पूंजी उनकी सबसे बड़ी सुरक्षा है। यदि वह किसी कारण निष्क्रिय खातों में पड़ी रह जाए तो यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उसे जागरूक कर वापस दिलवाया जाए। बैंक इस दिशा में तेजी से कार्य करें, ताकि जनविश्वास और सशक्त हो।”

डीएम ने सभी बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निष्क्रिय जमा खातों (Unclaimed Deposits) के निपटान में त्वरित कार्रवाई करें और ग्राहकों को उनकी राशि लौटाने के लिए जागरूकता शिविरों की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाली बैठकों में इस विषय पर अलग से समीक्षा की जाएगी ताकि इस अभियान के परिणाम अधिक प्रभावशाली हों।

एलडीएम दिनेश गुप्ता की जानकारी: हरिद्वार बना पहला जिला

हरिद्वार के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (LDM) दिनेश गुप्ता ने जानकारी दी कि हरिद्वार उत्तराखंड का पहला जिला है जिसने इस अभियान के अंतर्गत इतनी व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया।
उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न बैंकों में ग्राहकों की लगभग ₹76.31 करोड़ की राशि अनक्लेम्ड (निष्क्रिय) पड़ी हुई थी, जिसे ग्राहकों को लौटाने की दिशा में यह ऐतिहासिक पहल की गई है।

दिनेश गुप्ता ने बताया कि

“आज के शिविर में विभिन्न बैंकों द्वारा 132 ग्राहकों को कुल ₹1.73 करोड़ की राशि वापस की गई है। यह केवल शुरुआत है। आने वाले समय में हम प्रत्येक बैंक शाखा स्तर तक इस अभियान को विस्तारित करेंगे।”

उन्होंने कहा कि ग्राहकों को RBI के UDGAM पोर्टल (udgam.rbi.org.in) के माध्यम से यह जानकारी दी गई कि वे अपने निष्क्रिय खातों की स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं और दावा प्रक्रिया को स्वयं पूरा कर सकते हैं।

कार्यशाला में वित्तीय संस्थानों की व्यापक भागीदारी

इस कार्यशाला में देश के प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
PNB, SBI, NABARD, LIC, GIC, SEBI, म्यूचुअल फंड, RBI तथा अन्य वित्तीय निकायों के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए।

इसके साथ ही शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, PNB के आंचल प्रमुख महाप्रबंधक श्री अनुपम, SBI के महाप्रबंधक श्री दीपेश राज, तथा उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष श्री हरिहर पटनायक सहित लगभग 200 ग्राहकों ने कार्यशाला में सहभागिता की। डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि बैंक अधिकारियों को चाहिए कि वे गाँव-गाँव जाकर ग्राहकों को निष्क्रिय खातों की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को जनसंपर्क की भावना से जोड़ना ही इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता होगी।

UDGAM पोर्टल: जनता के लिए सरल समाधान

कार्यक्रम में उपस्थित आरबीआई प्रतिनिधियों ने लोगों को बताया कि UDGAM (Unclaimed Deposits – Gateway to Access Information) पोर्टल का उद्देश्य ग्राहकों को उनकी निष्क्रिय जमा राशि की जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध कराना है।
ग्राहक इस पोर्टल पर अपने नाम, पैन या जन्मतिथि से सर्च कर यह जान सकते हैं कि किसी भी बैंक में उनकी कोई अप्रयुक्त राशि तो नहीं है। इस दौरान एलडीएम दिनेश गुप्ता ने स्क्रीन डेमो के माध्यम से उपस्थित ग्राहकों को पोर्टल के उपयोग की लाइव प्रक्रिया भी समझाई, जिससे उपस्थित लाभार्थियों को तत्काल सुविधा मिली।

डीएम मयूर दीक्षित का संदेश: वित्तीय साक्षरता ही असली सशक्तिकरण

डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि वित्तीय साक्षरता केवल बैंक खाता खोलने तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता को अपनी पूंजी के अधिकार की जानकारी होना भी अत्यंत आवश्यक है।

“यह अभियान हर नागरिक के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी नागरिक की मेहनत की कमाई बैंक खातों में निष्क्रिय न पड़े रहे।”

डीएम ने अधिकारियों से आग्रह किया कि ऐसे शिविरों का आयोजन ब्लॉक और तहसील स्तर पर भी किया जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक यह संदेश पहुंचे।

ग्राहक बोले – मिला अपना हक, बढ़ा विश्वास

शिविर में उपस्थित लाभार्थियों में से सलेमपुर हरिद्वार निवासी सनव्वर ने अपनी बाइट में कहा —

“मुझे यह नहीं पता था कि मेरे पुराने खाते में पैसा पड़ा है। आज इस शिविर में आकर जब मुझे यह जानकारी मिली और बैंक ने वह राशि वापस दी तो बहुत खुशी हुई। सरकार और बैंक का आभार।”

इसी तरह कई अन्य ग्राहकों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस पहल से बैंकिंग प्रणाली के प्रति जनता का विश्वास और मजबूत हुआ है।

आभार और भविष्य की दिशा

कार्यक्रम में दिपेश राज जीएम एसबीआई हरिद्वार ने सभी उपस्थित अधिकारियों, ग्राहकों और वित्तीय संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक कार्यशाला नहीं, बल्कि एक जनांदोलन की शुरुआत है, जो जनता की पूंजी को वापस जनता तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

“हमारा उद्देश्य है कि जिले के हर नागरिक की निष्क्रिय पूंजी उसे मिले। इसके लिए बैंक, प्रशासन और आरबीआई मिलकर सतत प्रयास करेंगे।”

हरिद्वार जिले द्वारा आयोजित यह कार्यशाला न केवल वित्तीय सेवा विभाग के अभियान “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” को नई दिशा देती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि जब प्रशासन और बैंकिंग संस्थाएँ मिलकर कार्य करती हैं, तो जनता का विश्वास और सशक्तिकरण दोनों बढ़ता है।

यह पहल उत्तराखंड के अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण है—जहाँ सरकारी अभियान केवल दस्तावेज़ों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि जनता के खाते तक पहुँचते हैं।

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