उत्तराखंड मदरसों में स्कॉलरशिप घोटाले पर मुख्यमंत्री धामी का बड़ा एक्शन,, धांधली की शिकायतों के बाद सीएम ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश,, राजकोषीय पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड मदरसों में स्कॉलरशिप घोटाले पर मुख्यमंत्री धामी का बड़ा एक्शन,,
धांधली की शिकायतों के बाद सीएम ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश,,
राजकोषीय पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखण्ड में संचालित मदरसों को दी जा रही छात्रवृत्तियों (स्कॉलरशिप) में हुए वित्तीय अनियमितताओं और फर्जीवाड़े की शिकायतों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह किसी भी समुदाय, संस्था या वर्ग से जुड़ा हो।
मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से वितरित की जाने वाली मदरसा छात्रवृत्ति योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, मृत छात्र/छात्राओं के नाम पर भुगतान, तथा दोहरे पंजीकरण जैसी गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं। यह भी बताया गया है कि कई मदरसों में छात्रों की वास्तविक उपस्थिति के बिना ही फंड जारी किया गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आए कई चौंकाने वाले तथ्य
सूत्रों के अनुसार, कुछ मदरसों ने एक ही छात्र का नाम दो या तीन बार पंजीकृत कर स्कॉलरशिप राशि प्राप्त की। वहीं, कुछ मामलों में मृत या अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो चुके छात्रों के नाम पर भी भुगतान होता रहा। ऐसे मामलों की संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि संबंधित विभाग, जिला प्रशासन और सतर्कता विभाग के माध्यम से जांच कराई जाए। साथ ही, इस बात पर भी जोर दिया गया है कि जिन अधिकारियों और संस्थाओं की लापरवाही या मिलीभगत सामने आए, उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“हमारी सरकार सभी योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी योजना का लाभ पात्र को ही मिले, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। यदि किसी ने शासन की आंखों में धूल झोंककर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
धामी ने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो स्कॉलरशिप वितरण की पूरी प्रणाली को डिजिटाइज कर आधार और ई-केवाईसी से लिंक किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस प्रकार की धांधलियों की गुंजाइश न बचे।
विपक्ष ने उठाए थे सवाल
इससे पहले विपक्षी दलों ने भी विधानसभा में स्कॉलरशिप वितरण में धांधली को लेकर सरकार से जवाब मांगा था। कुछ विधायकों ने इस विषय को उठाते हुए कहा था कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के नाम पर “मदरसा माफिया” सरकारी धन का बंदरबांट कर रहे हैं। उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
आगे की कार्रवाई पर सबकी निगाहें
अब सभी की निगाहें इस जांच पर टिकी हैं कि कब तक रिपोर्ट सामने आती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। यह भी देखा जाएगा कि सरकार इस पूरे तंत्र को कितनी मजबूती से सुधारती है और पारदर्शिता लाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाते हैं।