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दरगाह कलियर की गोलक गिनती में घोटाले(गबन) का आरोप – दोषी सुपरवाइजर को तत्काल निलंबित किया जाना जरूरी, आखिर कार्रवाई को लेकर क्यों ठिठक गए कार्यवाहक अधिकारी, चर्चा  श्रद्धालुओं के दान में हेराफेरी पर मानवाधिकार आयोग में पहुँचा मामला –क्या नेताओं के दबाव में दबाई जा रही कार्रवाई,, अरुण कुमार भदौरिया एडवोकेट परिवार की सख्त मांग – दोषी सुपरवाइजर का निलंबन क्यों नहीं, जवाबदेही समिति और पारदर्शी जांच हो,,

हरिद्वार। राज्य की आस्था और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक कही जाने वाली दरगाह साबिर पाक, पिरान कलियर अब एक बार फिर गंभीर विवादों में घिर गई है। दरगाह की गोलक गिनती में गबन और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मामला राज्य मानवाधिकार आयोग, उत्तराखंड तक पहुँच गया है। अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया और उनके परिवार ने आयोग के समक्ष विस्तृत शिकायत दर्ज कराते हुए यह मांग की है कि दोषी सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को तत्काल निलंबित किया जाए, क्योंकि उसकी हरकतों से न केवल श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ हुआ है बल्कि यह मानवाधिकारों और धार्मिक पारदर्शिता का भी खुला उल्लंघन

इन्तजार रजा हरिद्वार- दरगाह कलियर की गोलक गिनती में घोटाले(गबन) का आरोप – दोषी सुपरवाइजर को तत्काल निलंबित किया जाना जरूरी, आखिर कार्रवाई को लेकर क्यों ठिठक गए कार्यवाहक अधिकारी, चर्चा 

श्रद्धालुओं के दान में हेराफेरी पर मानवाधिकार आयोग में पहुँचा मामला –क्या नेताओं के दबाव में दबाई जा रही कार्रवाई,,

अरुण कुमार भदौरिया एडवोकेट परिवार की सख्त मांग – दोषी सुपरवाइजर का निलंबन क्यों नहीं, जवाबदेही समिति और पारदर्शी जांच हो,,

हरिद्वार। राज्य की आस्था और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक कही जाने वाली दरगाह साबिर पाक, पिरान कलियर अब एक बार फिर गंभीर विवादों में घिर गई है। दरगाह की गोलक गिनती में गबन और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मामला राज्य मानवाधिकार आयोग, उत्तराखंड तक पहुँच गया है। अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया और उनके परिवार ने आयोग के समक्ष विस्तृत शिकायत दर्ज कराते हुए यह मांग की है कि दोषी सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को तत्काल निलंबित किया जाए, क्योंकि उसकी हरकतों से न केवल श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ हुआ है बल्कि यह मानवाधिकारों और धार्मिक पारदर्शिता का भी खुला उल्लंघन है।

गोलक गिनती में जेब में रखी दान की रकम, मौके से फरार हुआ सुपरवाइजर

शिकायत के अनुसार दिनांक 11 जुलाई 2025 को पिरान कलियर स्थित साबरी गेस्ट हाउस में गोलक गिनती का कार्य चल रहा था। मौके पर नायब तहसीलदार, अमीन, लेखाकार सहित सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन मौजूद थे। इसी दौरान सुपरवाइजर पर आरोप है कि उसने गोलक में निकली रकम का कुछ हिस्सा अपनी जेब में डाल लिया
जब अधिकारियों ने उसे रोककर तलाशी देने को कहा, तो वह मौके से भाग निकला। यह घटना गंभीर मानी गई और तत्कालीन एसडीएम रूड़की को इसकी सूचना दी गई। इस पर वक्फ बोर्ड कार्यालय ने पत्रांक संख्या 2527 दिनांक 11.07.2025 के तहत सुपरवाइजर से स्पष्टीकरण तलब किया। हालांकि 13 जुलाई को उसका जवाब मिला, लेकिन अधिकारियों ने उसे असंतोषजनक मानते हुए कार्यवाही की संस्तुति की।

जांच पूरी, फिर भी कार्रवाई शून्य – “ऊँची पहुँच” का संरक्षण!

प्रार्थीगण का कहना है कि जब जांच में दोष सिद्ध हो गया, तब भी सुपरवाइजर के विरुद्ध कोई निलंबन या कानूनी कार्यवाही नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि वक्फ बोर्ड के कुछ अधिकारी किसी राजनीतिक दबाव में हैं या फिर दोषी व्यक्ति को ऊँचे स्तर का संरक्षण प्राप्त है।
भदौरिया परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि गोलक गिनती में पहले भी गड़बड़ी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, परंतु उन मामलों में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बार-बार की ऐसी घटनाएं श्रद्धालुओं की आस्था पर गहरी चोट हैं और दरगाह की पवित्रता को कलंकित करती हैं।

याचिकाकर्ताओं ने आयोग को बताया कि दरगाह में गोलक में डाला गया दान श्रद्धालुओं की भक्ति, आस्था और सेवा भावना का प्रतीक है। ऐसे धन में हेराफेरी मानवाधिकारों और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि दरगाह कलियर शरीफ की पहचान विश्व स्तर पर एक आस्था स्थल के रूप में है, जहाँ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर आते हैं। ऐसे में दान की राशि में भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश की छवि धूमिल करता है।

मानवाधिकार आयोग से की गई प्रमुख माँगें

भदौरिया परिवार ने आयोग से अपनी शिकायत में निम्न बिंदुओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है –

  1. दोषी सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को तत्काल निलंबित किया जाए और उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही हो।
  2. गोलक गिनती से पूर्व साबरी गेस्ट हाउस के सभी CCTV कैमरों की स्थिति का प्रमाणित मीमो तैयार किया जाए।
  3. दरगाह कलियर में जवाबदेही समिति का गठन किया जाए जो भविष्य में गोलक गिनती की प्रक्रिया पर निगरानी रखे।
  4. यह स्पष्ट किया जाए कि अब तक दोष सिद्ध सुपरवाइजर पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
  5. भविष्य में गिनती के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य की जाए।
  6. उन राजनीतिक और प्रशासनिक दबावों की भी जांच की जाए जिनकी वजह से वक्फ बोर्ड के अधिकारी अब तक चुप्पी साधे बैठे हैं।

“निलंबन से ही होगी पारदर्शिता की शुरुआत” – अरुण कुमार भदौरिया

मुख्य प्रार्थी अरुण कुमार भदौरिया एडवोकेट ने कहा कि “यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं बल्कि एक धार्मिक व्यवस्था की जवाबदेही का सवाल है। जब दोष सिद्ध हो चुका है तो निलंबन टालना सीधे भ्रष्टाचार को संरक्षण देना है। श्रद्धालुओं की आस्था की रक्षा के लिए तत्काल निलंबन जरूरी है।”उन्होंने कहा कि अगर मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया, तो ऐसी घटनाएं आस्था और कानून दोनों की सीमाओं को लांघने लगेंगी।

दरगाह कलियर शरीफ में गोलक गिनती के दौरान हुए इस कथित गबन और भ्रष्टाचार का मामला अब राज्य मानवाधिकार आयोग की जांच के घेरे में है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक विफलता नहीं बल्कि श्रद्धालुओं के विश्वास के साथ धोखा है।
अधिवक्ताओं का यह रुख साफ है कि जब तक दोषी सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक न तो जांच निष्पक्ष होगी और न ही श्रद्धालुओं का भरोसा लौटेगा।
अब फैसला आयोग को करना है – आस्था की रक्षा होगी या दबाव की राजनीति फिर जीत जाएगी।

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