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हरिद्वार पुलिस का एक ईमानदार और सतर्क चेहरा आया सामने, मंगलौर क्षैत्र में गौकशी को लेकर सनसनीखेज साजिश का कर दिया पर्दाफाश, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में मंगलौर पुलिस ने बेगुनाह को फंसाने को लेकर रची गई भयावह साजिश को किया बेनकाब, बेगुनाह को फँसाने वाले तीन आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

इन्तजार रजा हरिद्वार-हरिद्वार पुलिस का एक ईमानदार और सतर्क चेहरा आया सामने, मंगलौर क्षैत्र में गौकशी को लेकर सनसनीखेज साजिश का कर दिया पर्दाफाश, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में मंगलौर पुलिस ने बेगुनाह को फंसाने को लेकर रची गई भयावह साजिश को किया बेनकाब, बेगुनाह को फँसाने वाले तीन आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

हरिद्वार, 10 अप्रैल 2025।
हरिद्वार पुलिस ने एक ऐसी सनसनीखेज साजिश का खुलासा किया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती। एक बेगुनाह को गौकशी जैसे गंभीर अपराध में फँसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन पुलिस की सूझबूझ और आधुनिक जांच तकनीकों के चलते सच सामने आ गया और साजिशकर्ता जेल पहुंच गए।

घटना की शुरुआत एक गुमनाम कॉल से हुई। कोतवाली मंगलौर और गोवंश स्क्वाड को सूचना दी गई कि ग्राम बनेड़ा टांडा में एक व्यक्ति अपने घर में गौकशी कर रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुँची और एक बंद मकान में दबिश दी। वहां से लगभग 40 किलो गौमांस और गौकशी में प्रयुक्त उपकरण बरामद हुए। इस पर उत्तराखंड गोवंश संरक्षण अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया।

शुरुआती जांच में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन विवेचक अधिकारियों को घटनास्थल पर कुछ बातें संदिग्ध प्रतीत हुईं। मकान लंबे समय से बंद था और वहां रहने वाला व्यक्ति शहर से बाहर था। एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी मंगलौर की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने न केवल घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, बल्कि सूचना देने वाले नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और लोकेशन डाटा भी खंगाला।

तलाश के बाद जो सच्चाई सामने आई, वह चौंकाने वाली थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पीड़ित के पुराने दुश्मनों ने उसे फँसाने की साजिश रची थी। तीन आरोपियों—शाहनवाज, वसीम और गुलबहार—ने मिलकर पीड़ित के बंद मकान का ताला तोड़ा, गौमांस और उपकरण अंदर रखे और फिर खुद ही पुलिस को झूठी सूचना दी।

तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, झूठी सूचना देने और गोवंश अधिनियम के तहत सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस टीम की सतर्कता और पारदर्शिता की सराहना की। उन्होंने कहा कि हरिद्वार पुलिस न केवल अपराध को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो।

इस केस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हरिद्वार पुलिस न केवल चौकस है, बल्कि न्याय के प्रति पूरी तरह निष्ठावान भी।

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