अंकिता भंडारी हत्याकांड: दो साल बाद कोर्ट में सुनवाई पूरी, 30 मई को सुनाया जाएगा फैसला, पूरे देश की निगाहें टिकीं, मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीन लोगों पर चले मुकदमे का अंत करीब

इन्तजार रजा हरिद्वार- अंकिता भंडारी हत्याकांड: दो साल बाद कोर्ट में सुनवाई पूरी,
30 मई को सुनाया जाएगा फैसला, पूरे देश की निगाहें टिकीं,
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीन लोगों पर चले मुकदमे का अंत करीब
कोटद्वार/उत्तराखंड।
उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब फैसला आने की घड़ी नजदीक है। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) में सोमवार, 20 मई को अंतिम सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने 30 मई 2025 को फैसला सुनाने की घोषणा की है। यह मामला न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश का ध्यान आकर्षित कर चुका है।
क्या था मामला?
18 सितंबर 2022 को श्रीनगर (गढ़वाल) के पास स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या के बाद उसका शव हरिद्वार की चीला शक्ति नहर में फेंका गया था, जहां से पांच दिन बाद उसका शव बरामद हुआ। इस मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। पुलकित पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील बन गया।
लंबी चली कानूनी प्रक्रिया
इस हत्याकांड का ट्रायल 28 मार्च 2023 से शुरू हुआ था। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 97 गवाहों की सूची पेश की गई, जिनमें से 47 गवाहों को कोर्ट में बुलाकर बयान दर्ज कराए गए। इन गवाहों में जांच अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, मेडिकल टीम और पीड़िता के परिजन शामिल थे। अंतिम बहस में विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने कोर्ट से तीनों आरोपियों को कठोरतम सजा देने की मांग की।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। इसके अलावा पुलकित आर्य पर धारा 354A (छेड़छाड़) का भी आरोप है।
न्याय की उम्मीद में जनता
अंकिता की हत्या के बाद उत्तराखंड समेत देशभर में व्यापक जन आक्रोश देखने को मिला था। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग न्याय की मांग को लेकर सक्रिय रहे। इस केस को लेकर लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और अब जब फैसला करीब है, तो पीड़िता के परिवार और समाज को अदालत से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद है।
संवेदनशीलता की आवश्यकता
यह मामला न केवल एक अपराध की कहानी है, बल्कि समाज की नैतिक चेतना से जुड़ा सवाल भी है। ऐसे में फैसला आने के बाद भी इसकी समीक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को समझना उतना ही आवश्यक होगा जितना न्याय का मिलना।