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कांवड़ मेले से पहले प्रशासन का सख्त मोड, रानीपुर कोतवाली क्षैत्र में हुई जनसंवाद गोष्ठी में दिए गए सख्त निर्देश, मांस-मदिरा पर पूर्ण प्रतिबंध, अतिक्रमण पर कार्रवाई, होटल-ढाबों को निगरानी में रहने की चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार-  कांवड़ मेले से पहले प्रशासन का सख्त मोड,
रानीपुर कोतवाली क्षैत्र में हुई जनसंवाद गोष्ठी में दिए गए सख्त निर्देश,
मांस-मदिरा पर पूर्ण प्रतिबंध, अतिक्रमण पर कार्रवाई, होटल-ढाबों को निगरानी में रहने की चेतावनी

रानीपुर/हरिद्वार, 14 जून 2025 | रिपोर्टर: इन्तजार रजा | Daily Live Uttarakhand

हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। इस बार न सिर्फ भीड़ प्रबंधन को लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं, बल्कि मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की अराजकता, अव्यवस्था या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली गतिविधियों को सख्ती से रोका जाएगा।

इसी क्रम में आज दिनांक 14 जून को कोतवाली रानीपुर क्षेत्रान्तर्गत होटल विस्टारा ग्रन्ट, शिवालिक नगर में सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर जितेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में एक जनसंवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस गोष्ठी में क्षेत्र के सम्मानित नागरिकों, सीएलजी (सिटीजन लॉयजन ग्रुप) सदस्यों, एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारियों), स्थानीय व्यापारियों, दुकानदारों, होटल/ढाबा संचालकों की उपस्थिति रही। गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य आगामी कांवड़ मेला 2025 के दौरान शांति, कानून व्यवस्था और धार्मिक मर्यादाओं का पालन सुनिश्चित करना था।

गोष्ठी में कोतवाली रानीपुर के प्रभारी निरीक्षक, वरिष्ठ उप निरीक्षक मनोहर सिंह रावत, गैस प्लांट चौकी प्रभारी विकास रावत सहित अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे।


मांस-मदिरा पर पूर्ण प्रतिबंध: किसी भी हाल में नहीं होगी बर्दाश्त

गोष्ठी में सबसे महत्वपूर्ण निर्देश मांस और मदिरा से संबंधित रहा। एएसपी सदर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि—

“कांवड़ मेला एक आस्था और भक्ति का पर्व है। मेला क्षेत्र के आसपास किसी भी दुकान, होटल या ढाबे पर मांस और शराब का सेवन या बिक्री पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने बताया कि ऐसे प्रतिष्ठानों को चिन्हित कर पहले ही नोटिस दिए जा चुके हैं और कांवड़ मेले की अवधि में इन पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।


होटल, ढाबों को लेकर जारी हुए ये अहम निर्देश

सुरक्षा और अनुशासन को ध्यान में रखते हुए होटल और ढाबा संचालकों को विशेष निर्देश दिए गए:

  • आईडी और फोन नंबर अनिवार्य: होटल या ढाबों पर बिना वैध आईडी और फोन नंबर के किसी को भी रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • फोन नंबर की पुष्टि जरूरी: दिए गए मोबाइल नंबरों की सत्यता की पुष्टि करने की जिम्मेदारी भी होटल प्रबंधन की होगी।
  • साफ-सुथरा बोर्ड जरूरी: प्रत्येक होटल और ढाबे के बाहर साफ-साफ बोर्ड लगे हों जिसमें प्रोपराइटर का नाम और संपत्ति का नाम स्पष्ट हो।

गोष्ठी में बताया गया कि मेले के दौरान होटलों में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की मौजूदगी पर तुरन्त पुलिस को सूचना दी जाए।


अतिक्रमण पर सख्त रुख: सड़क पर कब्जा नहीं चलेगा

कांवड़ मेला क्षेत्र की सड़कों पर अतिक्रमण को लेकर बार-बार शिकायतें आती हैं। इस बार पुलिस ने साफ कर दिया कि—

  • सड़क पर कोई ठेला, टेबल, कुर्सी, झूला या साज-सज्जा नहीं लगाई जाएगी।
  • अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को चेतावनी के साथ सीधे चालान और जब्ती की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के यात्रा कर सकें।


खाने की वस्तुओं के दाम स्पष्ट हों

खासकर बाहरी श्रद्धालुओं को स्थानीय दुकानदारों द्वारा अधिक दाम वसूलने की घटनाएं बीते वर्षों में सामने आती रही हैं। इस बार प्रशासन ने यह तय किया है कि—

  • हर दुकान पर खाद्य सामग्रियों की रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाएगी।
  • यदि कोई दुकानदार रेट लिस्ट नहीं लगाएगा, या उससे अधिक वसूली करता पाया गया, तो उसे दंडित किया जाएगा।

एसपीओ और सीएलजी की भूमिका अहम

हर साल की तरह इस बार भी एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) और सीएलजी (सिटीजन लॉयजन ग्रुप) के सदस्यों को सहयोगी भूमिका में रहना होगा।

एएसपी ने बताया कि—

“जनसहभागिता के बिना कोई आयोजन सफल नहीं हो सकता। पुलिस को अपेक्षा है कि एसपीओ व सीएलजी सदस्य भीड़ नियंत्रण, विवाद समाधान और सूचना संप्रेषण में हमारी मदद करेंगे।”


समाज के सहयोग से ही मेला बनेगा शांतिपूर्ण

गोष्ठी में मौजूद अधिकतर व्यापारियों, होटल/ढाबा मालिकों और नागरिकों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे।

एक होटल संचालक ने कहा—

“कांवड़ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं। यह सिर्फ पुलिस की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है कि उन्हें सुरक्षित, साफ-सुथरा और धार्मिक माहौल मिले।”


: धार्मिक आस्था से समझौता नहीं

हरिद्वार प्रशासन इस बार कांवड़ मेले को एक आदर्श आयोजन बनाने के उद्देश्य से काम कर रहा है। मांस-मदिरा पर रोक, अतिक्रमण की समाप्ति और होटल ढाबों पर निगरानी – ये केवल आदेश नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था के प्रति सम्मान हैं।

यदि स्थानीय समाज, व्यापारी वर्ग और प्रशासन मिलकर इन नियमों का पालन करें तो यकीनन कांवड़ मेला 2025 न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय आयोजन साबित होगा।

रिपोर्टर: इन्तजार रजा
Daily Live Uttarakhand | हरिद्वार

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