दरगाह पिरान कलियर गोलक गिनती घोटाले पर बड़ी कार्रवाई,, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की दीपक रामचंद्र सेठ ने उखाड़ी दबी फाइल की परतें,, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की दीपक रामचंद्र सेठ ने दिखाई अदम्य ईमानदारी और प्रशासनिक साहस,, धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सेठ का सख्त अमल — दरगाह सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन निलंबित, पारदर्शिता की नई मिसाल

इन्तजार रजा हरिद्वार- दरगाह पिरान कलियर गोलक गिनती घोटाले पर बड़ी कार्रवाई,,
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की दीपक रामचंद्र सेठ ने उखाड़ी दबी फाइल की परतें,, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की दीपक रामचंद्र सेठ ने दिखाई अदम्य ईमानदारी और प्रशासनिक साहस,,
धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सेठ का सख्त अमल — दरगाह सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन निलंबित, पारदर्शिता की नई मिसाल

दरगाह पिरान कलियर की पवित्र गोलक गिनती में हुई कथित अनियमितता के प्रकरण में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की दीपक रामचंद्र सेठ ने वह कर दिखाया जो वर्षों से सिर्फ फाइलों में दबा था। साहस, निष्पक्षता और पारदर्शिता का परिचय देते हुए उन्होंने न केवल दबी हुई फाइल की परतें खोलीं, बल्कि पूरे सिस्टम को यह सख्त संदेश दिया कि धार्मिक संस्थाओं में भ्रष्टाचार के लिए अब कोई जगह नहीं।
🔹 दीपक रामचंद्र सेठ — “ईमानदारी का दूसरा नाम” मील का पत्थर साबित 
सेठ की छवि एक कर्मठ, सख्त और ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जानी जाती है। रूड़की क्षेत्र में उन्होंने जिस प्रकार जनता के हित से जुड़े मामलों में तत्काल निर्णय लिए हैं, उसने आम लोगों का भरोसा शासन-प्रशासन में दोबारा जगाया है।
इस प्रकरण में भी उन्होंने बिना किसी दबाव के, सिर्फ साक्ष्यों और जनभावनाओं के आधार पर निर्णय लिया।
🔹 दरगाह प्रबंधन ने किया त्वरित पालन, बोर्ड कर सकता है अगली जांच
सेठ के आदेश के बाद दरगाह प्रबंधन ने सुपरवाइजर राव सिकंदर हुसैन को तत्काल निलंबित करते हुए आदेश जारी किए। यह कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर तेजी और अनुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण बनी।
अब यह मामला उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के पास भेजा जा सकता है, जहाँ एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सेठ ने निर्देश दे सकते हैं कि आगे से गोलक गिनती की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी निगरानी और डिजिटल रिकॉर्डिंग के तहत हो।
🔹 जनभावनाओं में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की दीपक रामचंद्र सेठ की प्रशंसा
दरगाह परिसर और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सेठ की कार्यशैली की जमकर प्रशंसा की है। लोगों ने कहा कि वर्षों से यह मामला दबा हुआ था, लेकिन “सेठ साहब ने ईमानदारी की मशाल जलाकर प्रशासन को नई दिशा दी है।”
स्थानीय सेवादारों का कहना है कि “ऐसे अधिकारी ही धर्मस्थलों की गरिमा बचा सकते हैं। अगर ऐसे अफसर हर विभाग में हों, तो भ्रष्टाचार अपने आप खत्म हो जाए।”
🔹 धामी सरकार की नीति को जमीनी रूप देने वाले अधिकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने वाले अधिकारियों में अब दीपक रामचंद्र सेठ का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। उनके निर्णयों ने यह साबित किया है कि शासन में बैठे ईमानदार अधिकारी जब चाहें तो वर्षों से चली आ रही मनमानी और गड़बड़ियों का अंत कर सकते हैं।
🔹 पारदर्शिता और आस्था की रक्षा की दिशा में बड़ा कदम
इस कार्रवाई ने दरगाह प्रबंधन की साख को नया जीवन दिया है। सेठ की पहल से अब गोलक गिनती प्रक्रिया में तकनीकी सुधार, सार्वजनिक निगरानी और जवाबदेही की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ की यह कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति के निलंबन तक सीमित नहीं, बल्कि धार्मिक संस्थाओं में शुचिता और पारदर्शिता की बहाली का प्रतीक बन गई है।
लोगों का कहना है —
“सेठ जैसे अधिकारी प्रशासन की रीढ़ हैं, जिनकी ईमानदारी आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी।”
— रिपोर्ट: इंतज़ार रज़ा, “Daily Live Uttarakhand”