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हरिद्वार से लेकर देहरादून तक नशीली दवाइयों की तस्करी पर बड़ा एक्शन: हरिद्वार रानीपुर पुलिस,एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और ड्रग्स विभाग की संयुक्त कार्रवाई करोड़ों रुपए की नशीली दवाइयां बरामद, गोदाम मालिक और मौसेरा भाई हिरासत में,4 करोड से ज्यादा की नशीली दवाइयों के साथ गोदाम सीज, हरिद्वार से लेकर देहरादून तक नशा तस्करो में हड़कंप 

इन्तजार रजा हरिद्वार:-हरिद्वार से लेकर देहरादून तक नशीली दवाइयों की तस्करी पर बड़ा एक्शन: हरिद्वार रानीपुर पुलिस,एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और ड्रग्स विभाग की संयुक्त कार्रवाई करोड़ों रुपए की नशीली दवाइयां बरामद, गोदाम मालिक और मौसेरा भाई हिरासत में,4 करोड से ज्यादा की नशीली दवाइयों के साथ गोदाम सीज, हरिद्वार से लेकर देहरादून तक नशा तस्करो में हड़कंप

हरिद्वार और देहरादून में नशीली दवाइयों की तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया है, जिसे भारतीय पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और हरिद्वार रानीपुर पुलिस और ड्रग्स विभाग की टीम ड्रग्स इंस्पेक्टर अनिता भारती ने मिलकर बुरी तरह से नष्ट कर दिया है। इस छापेमारी में लाखों से लेकर करोड़ों रुपये की नशीली दवाइयां बरामद हुईं और दो बड़े सौदागर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन नेतृत्व में की गई, जिन्होंने नशे की तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया था।

एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स(ANTF), ड्रग्स विभाग और हरिद्वार रानीपुर पुलिस का अहम योगदान… उत्तराखंड पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) को भी इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ी। यह टीम न केवल ड्रग्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है, बल्कि समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी काम करती है। हरिद्वार और देहरादून दोनों ही ऐसे जिले हैं, जहां नशीली दवाइयों की तस्करी का मुद्दा बहुत गंभीर बन चुका है। इस छापेमारी में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और रानीपुर की पुलिस टीम और ड्रग्स इंस्पेक्टर हरिद्वार अनीता भारती ने मिलकर इस गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की।

टीम की संयुक्त छापेमारी और गिरफ्तारी. हरिद्वार जिले के रानीपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक गोदाम पर छापेमारी की गई, जिसके बाद एक बड़ा ड्रग्स माफिया पकड़ा गया। इस छापेमारी में पुलिस ने कुल 24 पेटियों में 3,41,568 नशीले कैप्सूल बरामद किए, जिनकी बाजार कीमत करीब 30 लाख रुपये थी। इसके बाद पुलिस ने गोदाम स्वामी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, गोदाम में ताला लगा दिया गया ताकि कोई और संदिग्ध गतिविधियां न चल सकें।

नशीली दवाइयों की बड़ी बरामदगी… पुलिस ने अपनी छापेमारी में 2167 बॉक्स में कोडीन फॉस्फेट सिरप की 216,700 शीशियां और 601,344 ट्रामाडोल कैप्सूल भी बरामद किए। इन नशीली दवाइयों की कुल कीमत करीब 41,433,000 रुपये (लगभग 41.5 करोड़ रुपये) थी। यह बरामदगी इस बात का संकेत देती है कि नशीली दवाइयों की तस्करी एक बहुत बड़ा अपराध बन चुका है, और इस पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।

हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की भूमिका इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने में पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने न केवल नशे के खिलाफ कड़ी नीति अपनाई, बल्कि अपने अधिनस्थों को भी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित किया। कप्तान डोबाल ने हमेशा नशा तस्करी और माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात की है, और यही कारण है कि इस बार भी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले को सुलझाया। उनके नेतृत्व में पुलिस टीम ने यह साबित कर दिया कि जब मन में संकल्प और मेहनत हो, तो किसी भी अपराध को रोका जा सकता है।

आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी.. इस ऑपरेशन में दो आरोपियों की पहचान की गई है, जिनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों का नाम शमशेर और अनिल लडवाल है। शमशेर, जो हरियाणा के भिवानी जिले का निवासी है, उसने इस ड्रग्स नेटवर्क के गोदाम में काम किया। वहीं, अनिल लडवाल भी हरियाणा का रहने वाला है और उसने इस अवैध व्यापार को बढ़ावा देने में मदद की। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस को इस ड्रग्स तस्करी के गिरोह के कई और राज खोलने की उम्मीद है।नशीली दवाइयों के बढ़ते खतरे.. यह घटनाक्रम न केवल उत्तराखंड में, बल्कि पूरे देश में नशीली दवाइयों के बढ़ते खतरे को उजागर करता है। नशे के पदार्थों का उपयोग युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है, और इसके कारण समाज में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि मानसिक और सामाजिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। कई बार, इन नशीली दवाइयों के सेवन से व्यक्ति अपराध की दुनिया में भी शामिल हो जाता है, जिससे समाज पर और भी बड़ा खतरा मंडराता है। उत्तराखंड के दोनों प्रमुख शहरों, हरिद्वार और देहरादून, में नशे के व्यापार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। इस छापेमारी के दौरान, पुलिस ने न केवल इन आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि एक बड़ा नेटवर्क भी उजागर किया। यह कार्रवाई उन युवाओं के लिए एक चेतावनी है, जो नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं।हरिद्वार जनपद में नशे की तस्करी पर काबू पाने के लिए हरिद्वार पुलिस ANTF और ड्रग्स विभाग की नीति..  पुलिस और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का मुख्य उद्देश्य नशीली दवाइयों की तस्करी पर काबू पाना और समाज में नशे के खतरों से लोगों को जागरूक करना है। इसके लिए पुलिस टीम लगातार निगरानी रख रही है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर डाल रही है। इसके साथ ही, ड्रग्स निरीक्षकों और अन्य पुलिस अधिकारियों के सहयोग से छापेमारी की जा रही है।

पुलिस को यह समझने की जरूरत है कि नशीली दवाइयों का व्यापार केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं किया जाता, बल्कि इसका इस्तेमाल युवाओं को नशे की लत में डालने के लिए किया जाता है। इससे समाज में अपराध, हिंसा और कई अन्य तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए पुलिस के लिए यह जरूरी है कि वह इस तस्करी के हर पहलू को समझे और सख्त कदम उठाए।

नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना… नशे की तस्करी और इसके बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना भी जरूरी है। पुलिस को चाहिए कि वह समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचकर नशे के खतरों के बारे में जानकारी दे। इसके अलावा, नशे की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी आवश्यक है ताकि अन्य लोग इस तरह की गतिविधियों में शामिल न हो सकें।

निष्कर्ष….यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सख्त नीति को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जब पुलिस और समाज एकजुट होते हैं, तो कोई भी समस्या हल की जा सकती है। हरिद्वार और देहरादून में हुई छापेमारी ने यह दिखाया कि नशीली दवाइयों की तस्करी को हर हाल में रोका जाएगा। अब यह समाज का भी कर्तव्य है कि वह इस खतरनाक समस्या के खिलाफ जागरूक हो और पुलिस का साथ दे।

       अनीता भारती ड्रग्स इंस्पेक्टर हरिद्वार

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